ज़ाकिर खान शायरी : जाकिर खान इस आधुनिक समय के महानतम शायरों में से एक हैं | वे न सिर्फ राजनीतिक हालातो पर शायरी करते हैं बल्कि उन्होंने कई मशहूर व देश विदेश में मानी हुई लव शायरी ,हिंदी सैड शायरी व कविता भी लिखी हैं | ज़ाकिर खान को उनके कटाक्ष व व्यंग्य शायरियो के लिए भी बहुत प्रसिद्धि मिली है | तो आइये आज हम आपको उन्ही कुछ मशहूर व सर्वश्रेष्ठ शायरियाँ बताते हैं | जो आपके लिए काफी प्रेरणादायक भी है इसके अलावा आप उनके दो लाइन के शेर पढ़े जी की लाज़वाब है |
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Zakir Khan Poems
रफ़ीक़ों से रक़ीब अच्छे जो जल कर नाम लेते हैं
गुलों से ख़ार बेहतर हैं जो दामन थाम लेते हैं
हम ने सुना था की दोस्त वफ़ा करते हैं “फ़राज़”
जब हम ने किया भरोसा तो रिवायत ही बदल गई
दुश्मनों की जफ़ा का ख़ौफ़ नहीं
दोस्तों की वफ़ा से डरते हैं
दुश्मनों से क्या ग़रज़ दुश्मन हैं वो
दोस्तों को आज़मा कर देखिए
आशिक़ी हो कि बंदगी ‘फ़ाख़िर’
बे-दिली से तो इब्तिदा न करो
देखने वालो तबस्सुम को करम मत समझो
उन्हें तो देखने वालों पे हँसी आती है
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Zakir Khan Poetry in Urdu
दिल तो रोता रहे ओर आँख से आँसू न बहे
इश्क़ की ऐसी रिवायात ने दिल तोड़ दिया
हम से पूछो न दोस्ती का सिला
दुश्मनों का भी दिल हिला देगा
अब न आएँगे रूठने वाले
दीदा-ए-अश्क-बार चुप हो जा
ऐ अदम के मुसाफ़िरो होशियार
राह में ज़िंदगी खड़ी होगी
ऐ दिल-ए-बे-क़रार चुप हो जा
जा चुकी है बहार चुप हो जा
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Acha Nahi Lagta Shayari
भूली हुई सदा हूँ मुझे याद कीजिए
तुम से कहीं मिला हूँ मुझे याद कीजिए
कौन जाने कि इक तबस्सुम से
कितने मफ़्हूम-ए-ग़म निकलते हैं
कितनी पामाल उमंगों का है मदफ़न मत पूछ
वो तबस्सुम जो हक़ीक़त में फ़ुग़ाँ होता है
मार डाला मुस्कुरा कर नाज़ से
हाँ मिरी जाँ फिर उसी अंदाज़ से
मैं भी हैरान हूँ ऐ ‘दाग़’ कि ये बात है क्या
वादा वो करते हैं आता है तबस्सुम मुझ को
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usse acha nahi lagta zakir khan
wo titli ki tarah aayi
acha nahi lagta javed akhtar
main shunya pe sawar hu
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