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योग ज्ञान मुद्रा कैसे करे और उसके लाभ

Yoga Gyan Mudra Kaise Kare Aur Uske Labh : हमारे इस जीवन में योग का बहुत अधिक महत्व है योग बहुत ही प्राचीन पद्धति है जो की मनुष्य को शारीरिक व मानसिक रूप से फिट रखने के काम आती है | योग करने के लिए कई तरह की मुद्राओ का प्रयोग किया जाता है जिससे की हमें अलग-2 प्रकार का लाभ होता है फ़िलहाल हम आपको योग ज्ञान मुद्रा के बारे में बताते है जिसके बारे में जानकारी पा कर आप ज्ञान मुद्रा कैसे करते है ? इसको करने से किस तरह के लाभ होते है इसे जान्ने के लिए आप हमारे द्वारा बताई गयी जानकारी को पढ़ सकते है |

यहाँ भी देखे : योग कैसे करे / yoga kaise kare/ How to do yoga

ज्ञान योग मुद्रा की विधि

  1. ज्ञान मुद्रा को करने के लिए आप जमीन पर चटाई\योग मैट बिछा दे और उसके बाद आप सुखासन, पदासन, या फिर वज्रासन अवस्था में बैठ जाए |
  2. ज्ञान मुद्रा को आप ताड़ासन अवस्था में या फिर कुर्सी में बैठ कर भी कर सकते है लेकिन यह जमीन पर बैठ कर ही उत्तम माना जाता है |
  3. उसके बाद आप अपनी हाथो को अपने घुटने पर रखे व हाथो को आकाश की तरफ खोल ले |
  4. फिर आप अपने दोनों हाथो की एक उंगली को अंगूठे से मिला ले तथा बाकि की सभी उंगलियों को खुला रखे |
  5. उसके बाद आप अपनी दोनों आँखे बंद कर ले व मन में अन्य किसी भी प्रकार का विचार न लाये अगर आप मन में विचार लाते हुए यह योग करते है तो यह आपके लिए फलदायी साबित नहीं होगा |
  6. अपने दिमाग से अन्य विचारो को निकालने के लिए आप ॐ का उच्चारण कर सकते है क्योकि ॐ का उच्चारण करने से आपका ध्यान एक ही जगह केंद्रित रह सकता है |
  7. जब आप यह मुद्रा कर रहे हो तो किसी भी तरह का शोर आपके आसपास न हो अगर शोर होता है तो आप इस मुद्रा को ठीक प्रकार से नहीं कर पाएंगे |
  8. इस योग को करने के लिए आप दिन में सुबह व शाम के समय कम से कम 30 मिनट तक कर सकते है |

ज्ञान योग मुद्रा की विधि

यहाँ भी देखे : बाबा रामदेव योग इन हिंदी / Baba Ramdev Yoga in Hindi

ज्ञान मुद्रा करने के लाभ | Gyan Mudra Benefits In Hindi

Gyan Mudra Karne Ke labh | ज्ञान मुद्रा बेनिफिट्स इन हिंदी : अगर आप Mudras In yoga, Hasta Mudra Yoga In Hindi तथा Yoga Mudra Benefits And Precautions के बारे में जानना चाहते है तो इसके लिए आप हमारे द्वारा बताई गयी जानकारी को पढ़ सकते है :

  1. बुद्धि तीव्र होने लगती है व हमारी स्मरणशक्ति का विकास होता है |
  2. मन में एकाग्रता आने लगती है |
  3. रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने लगती है |
  4. इस मुद्रा के साथ-2 आप मैडिटेशन भी कर सकते है |
  5. मन को शांति मिलती है |
  6. सर से सम्बंधित बीमारी जैसे माइग्रेन, सिरदर्द तथा अनिद्रा जैसी बीमारियों से बचाव होता है |
  7. यह हमारे मन को कण्ट्रोल करना सीखा देता है जिसकी वजह से क्रोध, भय, ईर्ष्या का सामना हमें नहीं करना पड़ता |
  8. इससे हमें आत्मज्ञान की प्राप्ति हो जाती है |
  9. हाई ब्लड प्रेशर तथा हृदय रोग से सम्बंधित किसी भी तरह की बीमारी हमें नहीं होती |
  10. हमारा कॉन्फिडेंस बढ़ने लगता है |

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