सूर्य ग्रहण : वैसे तो सूर्यग्रहण के बारे में अपने कई बार अलग-2 जानकारी सुनी होगी लेकिन आज हम सूर्य ग्रहण के बारे में ऐसी ही कुछ जानकारी देते है जो की आपके लिए आवश्यक है जिसके माध्यम से आप जान सकते है कई की इस सूर्य ग्रहण पर आपको क्या करना चाहिए और क्या करना नहीं करना चाहिए और किस दिन सूर्य ग्रहण पड़ेगा वैसे तो सूर्य ग्रहण चंदग्रहण पड़ने के बाद ही आता है |
यहाँ भी देखे : Maha Shivaratri
Surya Grahan 2020
सूर्य ग्रहण 2020 में दो बार पड़ता है :
पहला सूर्य ग्रहण: 26 फरवरी (रविवार ) , 2020
दूसरा सूर्य ग्रहण: 21 अगस्त (सोमवार) , 2020
यहाँ भी देखे : Magha Purnima
सूर्य ग्रहण कब है
कहां-कहां दिखेगा ग्रहण : ये एक आंशिक ग्रहण होगा जो कि भारत, दक्षिण / पश्चिम अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, हिंद महासागर, अंटार्कटिका की ज्यादातर हिस्सों में दिखेगा।
ग्रहण का समय
Surya Grahan 2020 Dates and Time
आंशिक सूर्यग्रहण शुरू: 26 फरवरी, 17:40 pm IST
पूर्ण सूर्यग्रहण शुरू: 26 फरवरी, 18:45 pm IST
अधिकतम ग्रहण : 26 फरवरी, 20:28 pm IST
पूर्ण ग्रहण: 26 फरवरी, 22:01 pm IST
ग्रहण अंत: 26 फरवरी, 23:05 pm IST
सूर्य ग्रहण क्यों होता है
Surya Grahan Kyu Hota hai :सूर्य ग्रहण पृथ्वी पर ग्रहण वलयाकार माना जाता है यह उस समय होता है जब चन्द्रमा पृथ्वी और सूर्य के मध्य से होकर गुज़रता है वैसे तो भौतिक दृष्टि से देखा जाये तो जान सूर्य व पृथ्वी के बीच चन्द्रमा आ जाता है तो सु समय सूर्य कुछ समय के लिए ढक जाता है उसी घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है इसमें पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है और चन्द्रमा पृथ्वी की करता है उस समय सूरज की सारे रौशनी ढक जाती है और पूरी पृथ्वी पर साया छा जाता है इसी घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है |
यहाँ भी देखे : Jaya Ekadashi Vrat Katha in Hindi
सूर्य ग्रहण के समय क्या न करें
Surya Grahan ke Samay kya na kare ise janne ke liye aap yaha se jaane ki kya karna chahiye or kya nahi karni chahiye jisse ki aap Surya Grahan Valayakara ke din koi samsya nahi ayegi :
- घर में रखे अनाज या खाने को ग्रहण से बचाने के लिए दूर्वा या तुलसी के पत्ते का प्रयोग करना चाहिए।
- ग्रहण समाप्त होने के बाद तुरंत स्नान कर लेना चाहिए। इसके साथ ही ब्राह्मण को अनाज या रुपया दान में देना चाहिए।
- ग्रहण के समय भोजन नहीं करना चाहिए।
- गर्भवती स्त्रियोँ को ग्रहण में घर के अंदर ही रहने की सलाह दी जाती है दरअसल माना जाता है कि ग्रहण के दौरान वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो रहा होता है इसलिये घर में रहकर मंत्रोंच्चारण करें। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
- मान्यता है कि गर्भवती स्त्री को ग्रहण नहीं देखना चाहिए।
- ग्रहों का अशुभ फल समाप्त करने और विशेष मंत्र सिद्धि के लिये इस दिन नवग्रह, गायत्री एवं महामृत्युंजय आदि शुभ मंत्रों का जाप करें। दुर्गा चालीसा, विष्णु सहस्त्रनाम, श्रीमदभागवत गीता, गजेंद्र मोक्ष आदि का पाठ भी कर सकते हैं।
- भगवान शिव को छोड़ अन्य सभी देवताओं के मंदिर ग्रहण काल में बंद कर दिए जाते हैं।
Contents
