शायरी (Shayari)

Sudarshan Faakir Shayari

सुदर्शन फ़ाकिर शायरी : सुदर्शन जी एक महान शायर और गीतकार थे उन्होंने अपने ज़माने में कई गीत और शायरी लिखी है उनका जन्म 1934 में पंजाब के फ़िरोज़पुर गांव में हुआ था आज हम आपको उनकी कुछ प्रसिद्ध शायरी बताएँगे |  जिनके माध्यम से आप जान सकते है कई लव संबंधी शायरी और देश के बहुत बड़े-2 शायर कुमार विश्वास, ग़ालिब, और इमरान प्रतापगढ़ी की बेहतरीन शायरिया जाने हमारे माध्यम से | वैसे अपने बहुत अलग-2 भाषा जैसे पंजाबी शायरी, उर्दू शायरी, और इस्लामिक शायरी सुनी होंगी लेकिन हम आपको मशहूर शायर सागर सिद्दीकी द्वारा कहे गए दो लाइन के शेर जो की प्रेरणादायक है |

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Fakir Shayari Hindi

फ़क़ीर शायरी हिंदी : यदि आप फ़क़ीर शायरी जानना चाहे तो हमारे माध्यम से जान सकते है तो आप यहां से पढ़े और जाने उनके बारे में :

आशिक़ी हो कि बंदगी ‘फ़ाख़िर’
बे-दिली से तो इब्तिदा न करो

देखने वालो तबस्सुम को करम मत समझो
उन्हें तो देखने वालों पे हँसी आती है

दिल तो रोता रहे ओर आँख से आँसू न बहे
इश्क़ की ऐसी रिवायात ने दिल तोड़ दिया

हम से पूछो न दोस्ती का सिला
दुश्मनों का भी दिल हिला देगा

हम तो समझे थे कि बरसात में बरसेगी शराब
आई बरसात तो बरसात ने दिल तोड़ दिया

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Sudarshan Faakir Shayari

Sudarshan Faakir Poetry in Hindi

सुदर्शन फ़ाकिर पोएट्री : अगर आप सुदर्शन जी की पोएट्री के बारे में तो आप नीचे दी गई शायरियो को पढ़े और आज ही शेयर फेसबुक और व्हाट्सएप्प पर शेयर करे :

हर तरफ़ ज़ीस्त की राहों में कड़ी धूप है दोस्त
बस तिरी याद के साए हैं पनाहों की तरह

इश्क़ है इश्क़ ये मज़ाक़ नहीं
चंद लम्हों में फ़ैसला न करो

मेरा क़ातिल ही मेरा मुंसिफ़ है
क्या मिरे हक़ में फ़ैसला देगा

मेरे दुख की कोई दवा न करो
मुझ को मुझ से अभी जुदा न करो

मेरे रुकते ही मिरी साँसें भी रुक जाएँगी
फ़ासले और बढ़ा दो कि मैं ज़िंदा हूँ अभी

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Sudarshan Poet in Hindi

सुदर्शन पोएट इन हिंदी : अगर आप सुदर्शन जी की शायरियां जानना चाहे तो ये शायरियां आप हिंदी फॉण्ट में जान सकते है हमारे माध्यम से :

सामने है जो उसे लोग बुरा कहते हैं
जिस को देखा ही नहीं उस को ख़ुदा कहते हैं

तेरे जाने में और आने में
हम ने सदियों का फ़ासला देखा

तेरी आँखों में हम ने क्या देखा
कभी क़ातिल कभी ख़ुदा देखा

ये सिखाया है दोस्ती ने हमें
दोस्त बन कर कभी वफ़ा न करो

ज़िक्र जब होगा मोहब्बत में तबाही का कहीं
याद हम आएँगे दुनिया को हवालों की तरह

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