शिवाजी महाराज का इतिहास इन हिंदी : छत्रपति शिवाजी जिनका पूरा नाम शिवाजी शाहाजी भोंसले था भारत के वीर पुत्रो में से एक थे और वो बहुत साहसी और वीर थे इनका जन्म शिवनेरी किला, पुणे (वर्तमान में महाराष्ट्र में) इनके जन्म को लेकर अभी भी कई मतभेद है महाराष्ट्र सरकार ने शिवाजी की जन्म की तारीख अप्रैल 19 फरवरी 1630 को घोषित की है उनकी माता का नाम जीजाबाई और उनके पिता का नाम शहाजी भोसले जो की मराठा सेनापति थे |
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शिवाजी की का जीवन परिचय
शिवाजी के धार्मिक होने के कारणवश उनकी बचपन से ही रामायण और महाभारत में रूचि थी जिसकी वजह से उनको भरपूर ज्ञान हो गया था शिवाजी के सबसे करीब उनकी माँ थी इसीलिए भविष्य में कभी भी शिवाजी की किसी भी उपलब्धि के बारे में चर्चा की जाए तो उनकी माँ का जिक्र जरूर किया जायेगा शिवाजी का विवाह 14 मई 1640 में सइबाई निम्बालकर के साथ लाल महल, पुणे में हुआ शिवाजी को 12 साल की उम्र में ही अपने भाइयो के साथ प्रशिक्षण के लिए बेंगलोर भेजा गया शिवाजी बहुत कुशाग्र बुद्धि और एक वीर योद्धा थे |
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जैसे जैसे शिवाजी बड़े हुए उनके ऊपर उनके पिताजी ने जिम्मेदारी डालना भी आरम्भ किया इसलिए उनके पिता ने अपनी जागीर पुणे दे दी शिवजी चाहते थे की मराठो का एक अलग राज्य हो इसलिए उन्होंने 18 साल की उम्र से ही सेना इकठ्ठा करना स्टार्ट आरम्भ कर दिया और फिर अपने आसपास के छोटे-छोटे राज्यो पर आक्रमण किया और उन पर जीत हासिल की उनकी उपलब्धियो में `रायगढ़ का किला` जीतने की उपलब्धि भी शामिल है जिसका निर्माण शिवाजी ने ही करवाया शिवाजी स्वंतंत्र राज्य की स्थापना करना चाहते थे इसलिए उन्होंने बीजापुर के सुल्तान, मुग़ल बादशाहो से संघर्ष किया अफजल जो की बीजापुर के सुल्तान के प्रमुख सेनापति थे उन्होंने शिवाजी को मारने के लिए एक विशाल सेना को पुणे भेजा लेकिन शिवाजी ने बहुत ही चालाकी से अफ़ज़ल को मार गिराया और शिवाजी ने ओरंगजेब के प्रमुख सूबेदार शाहिस्ता खान को भी परास्त किया शिवाजी ने अपनी वीरता से सन् 1674-1680 तक शासन किया शिवाजी की मृत्यु के बाद मराठा साम्राज्य से मुगलो का 27 वर्ष तक लगातार युद्ध चला और मुगलो को पराजित किया अंत में ब्रिटिश शासन काल आया जिसके बाद अंग्रेज़ो ने मराठा साम्राज्य को हमेशा के लिए समाप्त कर दिया | एक स्वतंत्र शासक की तरह उन्होंने अपने नाम का शासन किया जिसके बाद 1674” को शिवाजी महाराज का रायगड में राज्याभिषेक हुआ |
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शिवाजी महाराज की मृत्यु कैसे हुई
शूरवीर शिवाजी महाराज को आज भी इतिहास के पन्नो में सदैव अमर वीर की उपाधि से याद किया जाता है और वह वीरो के लिए यादगार आदर्श के रूप में भी याद किया जाता है लगातार लंबे समय तक बीमार रहने के बाद एक वीर हिन्दू सम्राट 52 वर्ष की उम्र में इस दुनिया से सदैव के लिए मुह मोड़ गया उनका देहांत अप्रैल 1680 में हुआ |
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