षड्यंत्र, यह शब्द सुनने में ही काफी विचित्र लगता है क्योंकि षड्यंत्र करने वाला बहुत ही तेज दिमाग का होता है जो कि हमारे सामने अच्छा बनने का नाटक करके हम से चलकर जाता है। षड्यंत्र का सामान्य अर्थ है साजिश करना या धोखा देने की योजना बनाना। यह साजिश की योजना गुप्त रूप से की जाती है और समय आने पर एकदम से धोखा दिया जाता है। षड्यंत्र में दो या दो से अधिक व्यक्ति अवैध तरीके से साजिश रचते हैं और धोखा देने के कदम उठाते हैं। दोस्तों हम आपको बताना चाहेंगे कि आज हम आपके सामने कुछ बेहतरीन एवं चुनिंदा शायरी का संग्रह लाए हैं जो की साजिश व षड्यंत्र के ऊपर आधारित हैं। शायरी व स्टेटस को आप व्हाट्सएप स्टेटस के रूप में उपयोग कर सकते हैं व यह 2 लाइन षड्यंत्र शायरी व षड्यंत्र कोट्स हिंदी में आप WhatsApp व Facebook पर शेयर कर सकते हैं।

षड्यंत्र क्या है

साजिश व षडयंत्रो की वजहों से रिश्ते टूटते है| षड्यंत्र एक साजिश है जो की हवा की तरह होती है यह किसी को नहीं दिखती मगर इसमें षड्यंत्र कार्यों की गंदी सोच भी होती है। षड्यंत्र रचने वाले बहुत ही चालाकी से साजिश बनाते हैं वह धोखा देकर अपना कार्य पूरा कर लेते हैं। हमें षड्यंत्र कार्यों से हमेशा बचना चाहिए क्योंकि षड्यंत्र रचने वाले हमारे अपने भी हो सकते हैं। आइए देखें ऐसी ही कुछ best shadyantra shayari for WhatsApp with images in hindi.


झूठ पकड़ना भी तब मुश्किल होता है
जब सच्च भी षड़यंत्र में शामिल होता है|
- अभय 
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तोड़ दो बढ़ कर अँधेरी रात के षड़यंत्र को
कुछ नहीं तो आरज़ू-ए-रौशनी पैदा करो
-अशोक साहनी
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षड्यंत्र शायरी

षड्यंत्र शायरी


फिर चीख़ते फिर रहे बद-हवास चेहरे
फिर रचे जानें लगें हैं षड्यंत्र गहरे|
-माधव अवाना
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क़ातिल की सारी साज़िशें नाकाम ही रहीं चेहरा कुछ
और खिल उठा ज़हराब गर पिया
-बद्र वास्ती
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मेरी बातें सीधी-सादी मक्कारी से भरे हुए तुम
मेरे पास तो सच्चाई है झूट-कपट से बंधी नहीं हूँ
- गिरिजा व्यास
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Shadyantra shayari


मेरा कत्ल करने की
उनकी षड्यंत्र तो देखो,
पास से गुज़रे तो
मास्क हटा के छींक दिया
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लोग ऐसे कि सीने की कपट शीशे पे लिख दें
हम ऐसे कि पत्थर को भी पत्थर न कहा जाए
- महशर बदायुनी
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भरे बाज़ार में सच की दुकानों पर है सन्नाटा
तिजारत झूट की चमकी है मक्कारी की बातें हैं
- हिना रिज़्वी
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षडयन्त्र स्टेटस


हुई हैं दैर ओ हरम में ये साज़िशें कैसी
धुआँ सा उठने लगा शहर के मकानों से
~कुमार पाशी
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शहर के आईन में ये मद भी लिक्खी जाएगी
ज़िंदा रहना है तो क़ातिल की सिफ़ारिश चाहिए
- हकीम मंज़ूर
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मैं आप अपनी मौत की तय्यारियों में हूँ
मेरे ख़िलाफ़ आप की साज़िश फ़ुज़ूल है
-शाहिद ज़की
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षड्यंत्र पर शायरी हिंदी में


समझने ही नहीं देती सियासत हम को सच्चाई
कभी चेहरा नहीं मिलता कभी दर्पन नहीं मिलता
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वो मेरे क़त्ल का मुल्ज़िम है लोग कहते हैं
वो छुट सके तो मुझे भी गवाह लिख लीजे
-बेकल उत्साही
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छल बल शायरी


हमें तो अहल-ए-सियासत ने ये बताया है
किसी का तीर किसी की कमान में रखना
- महबूब ज़फ़र
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वक़्त के तूफ़ानी सागर में क्रोध कपट के रेले हैं
लेकिन आस के माँझी हर लहज़ा मौजों से खेले हैं
- अफ़ज़ल परवेज़
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क़त्ल तो नहीं बदला क़त्ल की अदा बदली
तीर की जगह क़ातिल साज़ उठाए बैठा है
-कैफ़ भोपाली
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साजिश पर शायरी


आता है दाग़-ए-हसरत-ए-दिल का शुमार याद
मुझ से मिरे गुनह का हिसाब ऐ ख़ुदा न माँग
-मिर्ज़ा ग़ालिब
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क़ातिल ने किस सफ़ाई से धोई है आस्तीं
उस को ख़बर नहीं कि लहू बोलता भी है
-इक़बाल अज़ीम
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Shadyantra ki shayari


हर आदमी में होते हैं दस बीस आदमी
जिस को भी देखना हो कई बार देखना
-निदा फ़ाज़ली
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रिश्तों की दलदल से कैसे निकलेंगे
हर साज़िश के पीछे अपने निकलेंगे
-शकील जमाली
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Shayari on Conspiracy in Hindi


पड़े हैं नफ़रत के बीच दिल में बरस रहा है लहू का सावन
हरी-भरी हैं सरों की फ़सलें बदन पे ज़ख़्मों के गुल खिले हैं
-हारून फ़राज़
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झूठ भी बड़ी अजीब चीज है!!
बोलना सबको अच्छा लगता है
और
सुनना सबको बुरा लगता है!!
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षड्यंत्र पर शायरी – Shadyantra Shayari in Hindi
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