साहिर लुधियानवी शायरी : साहिर लुधियानवी का असली नाम अब्दुल हयी साहिर है उन्हें उर्दू का अच्छा ज्ञान था इसलिए उन्होंने शुरुआत में उर्दू पत्रिकाओं का सम्पादन किया उनका जन्म 8 मार्च 1921 में लुधियाना में हुआ था उन्होंने अपना जीवन कवि और गीतकार के रूप में व्यतीत हुआ तथा इनकी मृत्यु 59 साल की उम्र में 25 अक्टूबर 1980 में हुई | जिनके माध्यम से आप जान सकते है कई लव संबंधी शायरी और देश के बहुत बड़े-2 शायर कुमार विश्वास, ग़ालिब, और इमरान प्रतापगढ़ी की बेहतरीन शायरिया जाने हमारे माध्यम से | वैसे अपने बहुत अलग-2 भाषा जैसे पंजाबी शायरी, उर्दू शायरी, और इस्लामिक शायरी सुनी होंगी लेकिन हम आपको मशहूर शायर साहिर लुधियानवी द्वारा कहे गए दो लाइन के शेर जो की प्रेरणादायक है |
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Sahir Ludhianvi Poetry On Love
साहिर लुधियानवी पोएट्री ऑन लव : लव के ऊपर साहिर जी द्वारा भी बहुत शायरी की गयी है जिन्हें पढ़ कर आप उनके बारे में काफी कुछ जान सकते है :
तुम मुझे भूल भी जाओ तो यह हक है तुमको
मेरी बात और है मैंने तो मुहब्बत की है
तुम मेरे लिए कोई इल्जाम न ढूँढ़ो
चाहा था तुम्हे, यही इल्जाम बहुत है
तेरे दामन में गुलिस्तां भी है वीराने भी
मेरा हासिल, मेरी तकदीर, बता दे मुझको
पास जायें तो होश खो बैठें
दूर रहिए तो जाँ पै बनती है
फिर न कीजे मेरी गुस्ताख निगाहों का गिला
देखिये अपने फिर प्यार से देखा मुझको
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2 Line Shayari of Sahir Ludhianvi
2 लाइन शायरी ऑफ़ साहिर लुधियानवी : साहिर लुधियानवी जी की दो लाइन की शायरियो को आप हमारी नीचे दी हुई शायरियो के माध्यम से पढ़ कर जान सकते है :
मेरी जान तुझ पै सदके, एहसान इतना कर दो
मेरी जिन्दगी में अपनी चाहत का रंग भर दो
मेरे ख्वाबों के झरोखों को सजाने वाली
तेरे ख्वाबों में कहीं मेरा गुजर है कि नहीं
मैं देखूँ तो सही यह दुनिया तुझे कैसे सताती है
कोई दिन के लिए तुम अपनी निगहबानी मुझे दे दो
यह माना किसी काबिल नहीं हूँ इन निगाहों में
बुरा क्या है अगर इस दिल की वीरानी मुझे दे दो
लो आज हमने तोड़ दिया रिश्ता-ए-उम्मीद
लो अब कभी गिला न करेंगे किसी से हम
Ghazals..Sahir Ludhianvi
ग़ज़ल..साहिर लुधियानवी : मशहूर शायर साहिर जी की कुछ चुनिंदा शायरियो को जानने के लिए आप इन ग़ज़ल को जान सकते है जो की आपको हिंदी फॉण्ट में मिलती है :
वह अफसाना जिसे अंजाम तक, लाना न हो मुमकिन
उसे एक खूबसूरत मोड़ देकर, छोड़ना अच्छा
अपनी तबाहियों का मुझे कोई गम नहीं
तुमने किसी के साथ मुहब्बत निभा तो दी
गर जिंदगी में मिल गए फिर इत्तफाक से
पूछेंगे अपना हाल तेरी बेबसी से हम
मैं पल दो पल शायर हूं पल दो पल मेरी कहानी है
पल दो पल मेरी हस्ती है पल दो पल मेरी जवानी है
याद मिटती है न मंजर कोई मिट सकता है
दूर जाकर भी तुम अपने को यहीं पाओगी
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Sahir Ludhianvi Shayari Taj Mahal
साहिर लुधियानवी शायरी ताज महल : ताज महल पर शायरी भी लिखी गयी है लेकिन हम आपको साहिर जी द्वारा कई प्रसिद्ध शायरियां बताएँगे जो की उनके व्यक्तित्व को दर्शाती है :
जब भी जी चाहे नई दुनिया बसा लेते हैं लोग
एक चेहरे पर कई चेहरे लगा लेते हैं लोग
कभी खुद पे, कभी हालात पे रोना आया
बात निकली तो हर एक बात पे रोना आया
इश्क क्या चीज है यह पूछिये परवाने से
जिन्दगी जिसको मयस्सर हुई मर जाने के बाद
अभी जिन्दा हूँ लेकिन सोचता रहता हूँ खल्वत में
कि अब तक किस तमन्ना के सहारे जी लिया मैंने
उम्र भर रेंगते रहने से तो बेहतर है
एक लम्हा जो तेरी रूह में वुसअत भर दे
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