जैसे की हम सभी जानते हैं की महा शिवरात्रि इस साल 13 फरवरी को हैं तो इस पावन त्यौहार पर अगर आप शिव की रुद्राभिषेक की पूजा करते हैं तो आपको भगवन शिव का आशीर्वाद मिलता हैं| यह पूजा भगवान् शिव को प्रसन्न करने के लिए की जाती हैं| इस पूजा का महत्व भगवत गीता में भी बताया गया हैं| कहा जाता हैं की शिव ही हमारे सारे दुखो को दूर करते हैं इसलिए रूद्राभिषेक का महत्व बहुत ज्यादा हैं| आज इस पोस्ट के द्वारा हम बताएंगे रूद्राभिषेक का महत्व, विधि, सामग्री, मन्त्र और रूद्राभिषेक का पाठ इन हिंदी की जानकारी देंगे|
यह भी देंखे :शिवरात्रि व्रत विधि 2020
रुद्राभिषेक का महत्व
रूद्राभिषेक के महत्व के बारे में भारत इतिहास के कई महान संत और कवियों ने भी बताया हैं| इस शब्द में रूद्र का मतलब हैं शिव | शिव और रूद्र एक दुसरे के पर्यायवाची हैं| गीता में बताया हैं की शिव ही रूद्र हैं और रूद्र ही शिव| अभिषेक का मतलब हैं स्नान| इसका पूरा अर्थ हैं शिव का स्नान| इसमें भगवन शिव को अलग तरीके से स्नान करवाया जाता हैं |
स्नान के दौरान मंत्रो का उच्चारण किया जाता है| कहा जाता हैं की अगर आपने अपने जीवन में बहुत से पाप करे हैं या झूठ बोले हैं तो इस पूजा को करने से सारे पाप धुल जाते हैं| भगवान् शिव का रुद्राभिषेक करने से सारे पाप धुल जाते हैं,आपके जीवन में कोई संकट नहीं आता और जीवन मंगलमय हो जाता हैं |
रुद्राभिषेक करने की विधि – रुद्राभिषेक सामग्री
- इस पूजा में शिव का अभिषेक जल, दूध और फल से होता हैं|
- इस पूजा को एकादशी के दिन किया जाना चाइये जिसमे ग्यारह आवृति पाठ किया जाता हैं|
- इसमें पंचामृत से पूजा की जाती हैं|
- सबसे पहले शिवलिंग को ताम्बे के बर्तन में भरे शुद्ध शीतल जल से स्नान कराया जाता हैं |
- स्नान कराते समय ॐ नम: शिवाय का जाप करना होता हैं|
- उसके बाद उन्हें ताम्बे के बर्तन में भरे दूध जिसमे गुलाभ की पंखुरिया भी मिली होती हैं पतली धार शिवलिंग पर डालनी होती हैं|
- इसके दौरान ॐ सकल लोकैक गुरुर्वै नम: मंत्र का जाप करना होता हैं|
- इसके बाद शिवलिंग को अच्छे से वस्त्र से पोछकर उनपर पुष्प चढ़ाए जाते हैं|
- उसके बाद उन पर फलो का भोग लगाया जाता हैं|
यह भी देंखे :शिवरात्रि की शुभकामनाएं 2020
रुद्राभिषेक का मुहूर्त
- कृष्ण पक्ष की एकादशी एवं चतुर्थी|
- शुक्ल पक्ष की द्वादशी|
- कृष्ण पक्ष की पंचमी और द्वादशी |
- शुक्ल पक्ष की पंचमी और द्वादशी|
- रुद्राभिषेक के शुक्ल पक्ष की षष्ठी की तिथि लाभदायक हैं|
- त्रयोदशी तिथि को रुद्राभिषेक लाभदायक हैं|
- हर महीने की अष्टमी और अमावस्या|
Contents
