त्यौहार

Ratha Saptami

रथ सप्तमी क्या है : रथ सप्तमी का व्रत भारत में बहुत महत्व रखता है क्योंकि ये व्रत सूर्यदेव के लिए रखा जाता है तो आज हम आपको बताएँगे रथ सप्तमी के बारे में पूरी जानकारी, रथ सप्तमी का व्रत माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को रखा जाता है माघ माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी को अचला सप्तमी, सूर्य सप्तमी, रथ आरोग्य सप्तमी इत्यादि नामों से जानी जाती है यदि यह सप्तमी रविवार के दिन हो तो इसे अचला भानू सप्तमी के नाम से पुकारा जाता है पुराणों के अनुसार भगवान सूर्य ने आज ही के दिन सारे संसार को अपने दिव्य प्रकाश से अलौकिक किया था इसलिए इस व्रत को को सूर्य जयंती के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यह व्रत बहुत ख़ास होता है मन जाता है की इस व्रत के दिन किये गए स्नान, दान, पूजा आदि अच्छे काम करने से हज़ार गुना अधिक फल मिलता है |

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रथ सप्तमी व्रत विधि

  • सप्तमी के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना चहिये |
  • स्नान करने के बाद निकलते हुए सूर्य की आराधना करनी चाहिए |
  • फिर नहर, नदी या तालाब के पास खड़े होकर सूर्यदेव को अर्ध्यदान देना चाहिए |
  • और फिर सूर्य के आगे घी का दीपक जलाकर कपूर, लाल पुष्प और धुप से पूजन करना चाहिए और दिन भर सूर्यदेव का मनन करे |
  • पुराणों के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को केवल एक समय ही भोजन करना चहिये और षष्ठी को उपवास करके भगवन सूर्य की पूजा करने और सप्तमी के दिन प्रातः उठकर विधिपूर्वक ब्राह्मणों को दान दे तथा भोजन कराये |

Ratha Saptami

Ratha Saptami 2020 Date

अगर आप रथ सप्तमी 2020 डेट  जानना चाहे तो तो आप सही जगह है इस साल यानि 2017 में रथ सप्तमी 3 फरवरी को है यह एक धार्मिक त्यौहार है जिसमे की सूर्यदेव की पूजा होती है इसके बारे में हम आपको पूरी जानकारी देंगे जिसे जानने के लिए आगे पढ़े :

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रथ सप्तमी का महत्व

रथ सप्तमी का दिन बहुत महत्वपूर्ण व्रत होता है इस व्रत को जो व्यक्ति रखता है उसको सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है शास्त्रो में सूर्य को आरोग्यदायक कहा गया है और इसकी उपासना से रोग मुक्ति होती है सूर्य की रौशनी संसार के लिए वरदान स्वरुप होती है इसलिए पुराणों में भी इस व्रत को अधिकतम मान्यता दी जाती है वर्तमान समय में लोगो को सूर्य की रौशनी की वजह से कई प्रकार के रोगों से मुक्ति होती है और सूर्य की किरणों में विटामिन डी होता है सूर्य की रौशनी ,में बहुत चमत्कारी गुण छुपे होते है सूर्य की किरणों से कीटाणुओ का नाश होता है और सूर्य की ओर मुख करके सूर्य स्तुति करने से शारीरिक चर्मरोग आदि भी नष्ट हो जाते हैं कहा जाता है इस व्रत से पुत्र प्राप्ति भी होती है कोई व्यक्ति अगर इस व्रत को पुरे श्रद्धा भाव से रखता है तो जड़ ही उसको पुत्र प्राप्ति होती है और पिता और पुत्र में प्रेम बना रहता है |

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