Prernadayak Kavitaaye – प्रेरणादायक कविता – मोटिवेशनल एंड इंस्पिरेशनल पोयम्स इन हिंदी : इस जगत में लगभग हर व्यक्ति को अपने किसी न किसी काम में असफलता मिलती ही है लेकिन असफल होने के बाद भी जो इंसान सफलता हासिल करता है वही इंसान सफल व्यक्ति कहलाता है | हर इंसान को सफलता प्रेरणा ही दिलवाती जो की उसे किसी और व्यक्ति से मिलती है चाहे वह उनके गुरु हो या माता पिता इसीलिए हमारे कुछ महान कवियों द्वारा कुछ ऐसी प्रेरणादायक कविताये लिखी गयी है जिनके माध्यम से आप काफी कुछ जान सकते है तथा अपने आप को मोटीवेट भी कर सकते हो |
यहाँ भी देखे : अमीर खुसरो की रचनाएँ
प्रेरणादायक कविता इन हिंदी – Prernadayak Kavita In Hindi
अगर आप inspirational poems in hindi for class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 व 12 के बच्चो के लिए inspirational poems in hindi for teachers, on life, on success, with images, best inspirational poems in hindi, a patriotic poem in hindi, motivational poems in hindi and english, top 10 inspirational poems in hindi, inspirational poems in hindi.com व a short motivational poem in hindi के बारे में यहाँ से जान सकते है :
आज तूफान आया था घर के बरामदे मेँ
उजड़ गया तिनकों का महल एक ही झोंके मेँ
उस चिड़िया की आवाज़ आज ना सुनायी दी
कई दिनो से
शायद
फिर से जूट गयी बेचारी सब सँवारने मेँ
बनते बिगड़ते हौंसले से बना फिर वो घोंसला
पर किसी को ना दिखा चिड़िया का वो टूटता पंख नीला
अब कैसे वो उड़े नील गगन में
जहाँ बसते थे उसके अरमान !
सबर का इम्तिहान उसने भी दिया
बचा लिया घरौंदा…
मगर कुर्बान ख़ुद को किया
घुट-घुट कर जीना छोड़ दे, तू रुख हवाओं का मोड़ दे,
हिम्मत की अपनी कलम उठा, लोगों के भरम को तोड़ दे,
तू छोड़ ये आंसू उठ हो खड़ा, मंजिल की ओर अब कदम बढ़ा,
हासिल कर इक मुकाम नया, पन्ना इतिहास में जोड़ दे,
घुट-घुट कर जीना छोड़ दे, तू रुख हवाओं का मोड़ दे,
हिम्मत की अपनी कलम उठा, लोगों के भरम को तोड़ दे।
उठना है तुझे नहीं गिरना है, जो गिरा तो फिर से उठना है,
अब रुकना नहीं इक पल तुझको, बस हर पल आगे बढ़ना है,
राहों में मिलेंगे तूफ़ान कई, मुश्किलों के होंगे वार कई,
इन सबसे तुझे न डरना है, तू लक्ष्य पे अपने जोर दे,
घुट-घुट कर जीना छोड़ दे, तू रुख हवाओं का मोड़ दे,
हिम्मत की अपनी कलम उठा, लोगों के भरम को तोड़ दे।
चल रास्ते तू अपने बना, छू लेना अब तू आसमान,
धरती पर तू रखना कदम, बनाना है अपना ये जहाँ,
किसी के रोके न रुक जाना तू, लकीरें किस्मत की खुद बनाना तू,
कर मंजिल अपनी तू फतह, कामयाबी के निशान छोड़ दे,
घुट-घुट कर जीना छोड़ दे, तू रुख हवाओं का मोड़ दे,
हिम्मत की अपनी कलम उठा, लोगों के भरम को तोड़ दे।
Inspirational Poems In Hindi By Harivansh Rai Bachchan
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर, बार बार फिसलती है।
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है।
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है,
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है।
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में,
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में।
मुट्ठी उसकी खाली हर एक बार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो।
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम,
संघर्ष का मैदान छोड़ कर मत भागो तुम।
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
Inspirational Poems In Hindi By Ramdhari Singh Dinkar
घने बादलों के साये मँडराते है आज
चहुं ओर छाया है अन्धेरा
ना कोइ रौशनी , ना कोई आस्
फिर भी चला है यह मन अकेला.
ना डरे यह काले साये से
ना छुपा सके इसे कोहरा
अपनी ही लौ से रोशन करे यह दुनिया
चले अपनी डगर…
हो अडिग, फिर भी अकेला …
ना झुकता है यह मन किसी तूफान में
ना टूटे होंसला इसका कभी कही से
एक तिनके को भी अपनी उम्मीद बना ले…
ऐसा है विश्वास बांवरे मन का…
ना थके वो , ना रुके वो
मंज़िल है दूर् , दूर् है सवेरा
चला जाए ऐसे, पथ पर निरंतर
ऐ मन , तू है चिरायु …
हिंदी की प्रेरणादायक कविता – प्रेरणादायक हिन्दी कविताएँ
मैं नीर भरी दु:ख की बदली!
स्पंदन में चिर निस्पंद बसा,
क्रन्दन में आहत विश्व हंसा,
नयनों में दीपक से जलते,
पलकों में निर्झरिणी मचली!
मेरा पग-पग संगीत भरा,
श्वासों में स्वप्न पराग झरा,
नभ के नव रंग बुनते दुकूल,
छाया में मलय बयार पली,
मैं क्षितिज भॄकुटि पर घिर धूमिल,
चिंता का भार बनी अविरल,
रज-कण पर जल-कण हो बरसी,
नव जीवन अंकुर बन निकली!
पथ को न मलिन करता आना,
पद चिन्ह न दे जाता जाना,
सुधि मेरे आगम की जग में,
सुख की सिहरन बन अंत खिली!
विस्तृत नभ का कोई कोना,
मेरा न कभी अपना होना,
परिचय इतना इतिहास यही
उमड़ी कल थी मिट आज चली!
यहाँ भी देखे : हास्य कविता सुरेन्द्र शर्मा
Inspirational Poems In Hindi About Life – Prernadayak Kavita Hindi Me
हे वीर पुरुष, पुरुषार्थ करो
तुम अपना मान बढ़ाओ न …….
अपनी इच्छा शक्ति के बल पर
उनको जवाब दे आओ न ………………………..
वे वीर पुरुष होते हीं नहीं
जो दूजों को तड़पाते हैं
वे वीर पुरुष होते सच्चे
जो दूजों का मान बढ़ाते हैं………………………..
इतनी जल्दी थक जाओ नहीं
चलना तुमको अभी कोसों है
पांडव तो अब भी पाँच हीं हैं
पर कौरव अब भी सौ-सौ हैं………………………..
वृक्ष हों भले खड़े,
हों बड़े, हों घने,
एक पत्र छाँह भी
मांग मत! मांग मत! मांग मत!
अग्निपथ! अग्निपथ! अग्निपथ!
तू न थकेगा कभी,
तू न थमेगा कभी,
तू न मुड़ेगा कभी,
कर शपथ! कर शपथ! कर शपथ!
अग्निपथ! अग्निपथ! अग्निपथ!
यह महान दृश्य है,
देख रहा मनुष्य है,
अश्रु, स्वेद, रक्त से
लथ-पथ, लथ-पथ, लथ-पथ,
अग्निपथ! अग्निपथ! अग्निपथ!
Inspirational Poems In Hindi By Famous Poets
चाह नहीं मैं सुरबाला के,
गहनों में गूँथा जाऊँ,
चाह नहीं प्रेमी-माला में,
बिंध प्यारी को ललचाऊँ,
चाह नहीं, सम्राटों के शव,
पर, हे हरि, डाला जाऊँ
चाह नहीं, देवों के शिर पर,
चढ़ूँ भाग्य पर इठलाऊँ!
मुझे तोड़ लेना वनमाली!
उस पथ पर देना तुम फेंक,
मातृभूमि पर शीश चढ़ाने
जिस पथ जाएँ वीर अनेक।
गिरना भी अच्छा है,
औकात का पता चलता है…
बढ़ते हैं जब हाथ उठाने को…
अपनों का पता चलता है!
जिन्हे गुस्सा आता है,
वो लोग सच्चे होते हैं,
मैंने झूठों को अक्सर
मुस्कुराते हुए देखा है…
सीख रहा हूँ मैं भी,
मनुष्यों को पढ़ने का हुनर,
सुना है चेहरे पे…
किताबो से ज्यादा लिखा होता है…!
प्रेरणादायक कविता दादा दादी
हम राह को बदलना नहीं चाहते हैं,
हम राह बनाना चाहते हैं…
जो खुद पथ के राही हो,
वो सिर्फ राह चलना चाहते हैं…
जिंदगी की सफर खत्म नहीं होती,
वो सिर्फ चलती ही रहती है…
भले हम रूक जाये खुशी से,
वो दुःख में भी चलते रहते हैं…
भाग्य मंदिर जाकर नहीं बदलते हैं,
भाग्य तो खुद ही बनते हैं…
और जो कर्मवीर होते हैं,
वो भाग्य के भरोसे नहीं रहते हैं…
रास्ते कभी कठिन नहीं होते,
वह तो सीधे – सरल होते हैं…
जो यह जानकर भी आगे न बढ़े,
कसम से! वो बड़े मुर्ख होते हैं…
यहाँ भी देखे : शिक्षक विदाई कविता
Short Inspirational Poems In Hindi
तेरा आह्वान सुन कोई ना आए, तो तू चल अकेला,
चल अकेला, चल अकेला, चल तू अकेला!
तेरा आह्वान सुन कोई ना आए, तो चल तू अकेला,
जब सबके मुंह पे पाश..
ओरे ओरे ओ अभागी! सबके मुंह पे पाश,
हर कोई मुंह मोड़के बैठे, हर कोई डर जाय!
तब भी तू दिल खोलके, अरे! जोश में आकर,
मनका गाना गूंज तू अकेला!
जब हर कोई वापस जाय..
ओरे ओरे ओ अभागी! हर कोई बापस जाय..
कानन-कूचकी बेला पर सब कोने में छिप जाय…
ज्यों निकल कर बादलों की गोद से।
थी अभी एक बूँद कुछ आगे बढ़ी।।
सोचने फिर फिर यही जी में लगी।
आह क्यों घर छोड़कर मैं यों बढ़ी।।
दैव मेरे भाग्य में क्या है बढ़ा
में बचूँगी या मिलूँगी धूल में।।
या जलूँगी गिर अंगारे पर किसी।
चू पडूँगी या कमल के फूल में।।
बह गयी उस काल एक ऐसी हवा।
वह समुन्दर ओर आई अनमनी।।
एक सुन्दर सीप का मुँह था खुला।
वह उसी में जा पड़ी मोती बनी।।
लोग यों ही है झिझकते, सोचते।
जबकि उनको छोड़ना पड़ता है घर।।
किन्तु घर का छोड़ना अक्सर उन्हें।
बूँद लौं कुछ और ही देता है कर।।
Inspirational Poems In Hindi For Students
राह में चलते जाना है |
मंजिल खुद ही पाना है |
दूर दूर तक चलते,
बस चलते जाना है ||
रास्ते खुद ही बनाना है |
आगें बढ़ते जाना है |
दूर दूर तक चलते,
बस चलते जाना है ||
लक्ष्य भेद कर हमको ,
आगें जाना है |
सपने को पूरा करके,
हमे मंजिल पाना है ||
लाख मुसीबत आये कोई ,
उसे ऱास्ते से हटाना है |
दूर दूर तक चलते,
बस चलते जाना है ||
चित्त की सुनो रे मनवा
चित्त की सुनो
बाहर घोर अंध्काल
संभल कर चलो …
राह् कई है, अनजानी सी
देख् पग धरो, रे मनवा
चित्त की सुनो…
अज्ञान- के कारे बादल
गरजे बरसें बिन कोई मौसम
आपने मन की लौ को जगा कर
रखना तू हर पल
रे मनवा ,चित्त की सुनो…
ऐसे चित्त का चित्त रमाये ध्यान करे हरि का
भव्सागर पार हो जाए
कलयुग में
जगा कर रोम रोम और प्राण
रे मनवा ,
चित्त की सुनो हर बार
यहाँ भी देखे : बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर कविता
प्रेरणादायक कविता मराठी – Prernadayak Kavita Marathi
ढगांच्या तळापासून ढग येताच
फक्त एक ड्रॉप पुढे गेला
पुन्हा विचार करणे हे त्याच जीवनात होते.
अहो मी घरी का निघून गेलो ..
माझ्या नशीब मध्ये भाग्य काय आहे
मी पळून जाईन किंवा धूळ खाईन ..
किंवा गळून पडलेल्या सदस्यांवर.
चुटू किंवा कमळाचे फुलं ..
त्या वेळी वारा सारखे वाया घालवला
तो समुद्राच्या पुढे आला.
एक सुंदर ऑईस्टरचे तोंड उघडे होते.
ती त्याच मोत्याचे एक मोती बनले ..
लोक अनिश्चित आहेत, विचार करतात, ते आहेत.
त्यांना घरी जायचे असेल तर ..
परंतु त्यांना अनेकदा घराबाहेर सोडणे.
मंद करा काहीतरी वेगळे करते
लक्षात ठेवा
लक्षात ठेवा
घराबाहेर गडद
सावध रहा
अनेक, अज्ञात लोक आहेत
पहा ध्रुव, रे मॅनवा
लक्षात ठेवा …
अज्ञान मेघ
पाऊस नाही
आपण आपल्या मनाच्या ज्योत जागे होतात
प्रत्येक क्षणास आपण ठेवा
मन, मनापासून ऐका …
अशा मनचे मन हरिवर ध्यान करते
भावसागर पार
कलयुगात
रोम रोमन्स आणि जीवन जागे व्हा
रे मानवा,
प्रत्येक वेळी मन लक्षात ठेवा
Contents
