Osho Ke Vichar : ओशो जी का पूरा नाम रजनीश चंद्र मोहन है और इनका जन्म 11 दिसंबर 1931 को हुआ था और यह मध्य प्रदेश के रायसेन जिले कुचवाडा गांव के निवासी है और यही पर उनका जन्म हुआ था | ओशो जी ने अपने जीवन में कई महत्वपूर्ण काम किये और अपने शिष्यों तथा भक्तो को प्रवचन दिए जिसकी वजह से उनके भक्तो का जीवन तो धन्य हुआ ही उसके साथ उनके भक्तो ने उन्हें भगवान की उपाधि दे डाली | हम आपको ओशो जी द्वारा कहे गए कुछ महत्वपूर्ण प्रवचन, उपदेश तथा विचारो के बारे में बताते है जो की हमारे जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है |
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ओशो के अनमोल वचन हिन्दी मे
Osho Ke Anmol Vachan Hindi Me : ओशो जी ने अपने जीवन कल में कई लोगो को उपदेश दिए जिसके फलस्वरूप उनके भक्तो ने उन्हें बहगवां का दर्जा दे दिया इसीलिए हम आपको ओशो जी के कुछ अनमोल विचारो के बारे में बताते है जो आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण हो सकते है :
ध्यान सिर्फ एक वाहन है, बहिर्मुखी व्यक्ति अगर ध्यान में उतरे तो वह ब्रम्हा की यात्रा पर, कास्मिक जनी पर निकल जाएगा, जहा सारा अखण्ड जगत उसे अपना ही स्वरुप मालूम होने लगेगा. अगर अन्तर्मुखी व्यक्ति ध्यान के वाहन पर सवार हो तो अंतर यात्रा पर निकल जाएगा, शून्य में और शून्य में और महाशुन्य में जहा सब बबूले फुट कर मिट जाते है और अस्तित्व का महासागर ही शेष रह जाता है
जीवन का कोई महत्त्व नही है. खुश रहो! फिर भी जीवन का कोई महत्त्व नही होंगा. नाचो, गाओ, झुमो! फिर भी जीवन का कोई महत्त्व नही होंगा. आपको विचारशील बनने की जरुरत है. ये एक बहुत बड़ा मजाक होंगा
आधे-अधूरे ज्ञान के साथ कभी आगे ना बढे. ऐसा करने पर आपको लगेंगा की आप अज्ञानी हो, और अंत तक अज्ञानी ही बने रहोंगे.
एक बच्चे को विशाल एकांतता की जरुरत होती है, उसे ज्यादा से ज्यादा एकांतता में रहने देना चाहिये, ताकि वह अपनेआप को विकसित कर सके.
आपके सारे विश्वास आपका दम घोटते चले जाते है (विकास रोकना) और सारे विश्वास आपको जिंदा भी नही रख सकते. आपका विश्वास ही आपके जीवन को मारता है.
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ओशो के प्रवचन
Osho Ke Pravachan : ओशो जी एक अंतराष्ट्रीय आध्यात्मिक गुरु है थे जिन्होंने बहरत के अलावा भी कई देशो में प्रवचन दिए है जिसके लिए हम आपको उनके प्रवचन के प्रेरणादायक बिन्दुओ से अवगत कराते है जो आपके लिए महत्वपूर्ण होंगे :
जब मै ये कहता हु की तुम ही भगवान हो तुम ही देवी हो तो मेरा मतलब यह होता है की तुम्हारी संभावनाये अनंत है और तुम्हारी क्षमता भी अनंत है.
यदि आप प्यार से रहते हो, प्यार के साथ रहतो हो, तो आप एक महान जिंदगी जी रहे हो, क्योकि प्यार ही जिंदगी को महान बनाता है.
असली सवाल यह है की भीतर तुम क्या हो ? अगर भीतर गलत हो, तो तुम जो भी करगे, उससे गलत फलित होगा. अगर तुम भीतर सही हो, तो तुम जो भी करोगे, वह सही फलित होगा.
अज्ञानी बने रहना अच्छा है, कम से कम अज्ञान तो इसमें आपका होता है. ये प्रामाणिक है, यही सच, वास्तविकता और इमानदारी है.
आत्महत्या आपको कही नही ले जाती. साधारणतः यह हमें हमारी चेतना (गर्भाशय) में छोटे रूप (स्तर) में ले जाती है. क्यू की आत्महत्या से ये साबित होता है की हम बड़े रूप (स्तर) में जीने के काबिल नही है.
जीवन एक उद्देशहीन खेल है, ये एक अनगिनत सेनाओ का खेल है – जो सुन्दर होंगा यदि आपके पास सफल इंसान का दिमाग ना हो तो और बदसूरत होंगा यदि आपके पास कुछ बनने की चाह हो तो.
ओशो वाणी
Osho Vani : ओशो जी की वाणी से हमेशा कुछ ऐसे ही प्रेरणादायक और कुछ न कुछ सीखने वाले शब्द निकलते है इसीलिए हम आपको उनके कुछ महत्वपूर्ण विचारो के बारे में बताते है जो आपके लिए महत्वपूर्ण होंगे :
समर्पण तो वह करता है, जो कहता है की मेरे पास तो कुछ भी नहीं है, मै तो कुछ भी नहीं हु – जो दावा कर सकू की मुझे मिलना चाहिए. मै तो सिर्फ प्रार्थना कर सकता हु, मै तो सिर्फ चरणों में सिर रख सकता हु,मेरे पास देने को कुछ भी नहीं है.
वह इंसान जो अकेले रहकर भी खुश है असल में वही इंसान कहलाने योग्य है. यदि आपकी ख़ुशी दूसरो पर निर्भर करती है तो आप एक गुलाम हो. अभी आप पूरी तरह से मुक्त नही हुए हो अभी आप बंधन (गुलामी) में बंधे हो.
शुद्र का अर्थ है – प्रमादी. शुद्र का अर्थ है – सोया हुआ. शुद्र का अर्थ है – आलस्य, तमस से घिरा हुआ. शुद्र का अर्थ है – जो कुछ भी नही कर रहा है, न बाहर जा रहा है न भीतर जा रहा है,जो प्रमाद में, अंधेरे में सोया रह गया है.
वह इंसान जो भरोसा करता है वह जिंदगी में आराम करता है. और वह इंसान जो भरोसा नही करता वह परेशान, डरा हुआ और कमजोर रहता है.
आपका स्वर्ग और आपकी ख़ुशी हमेशा कही ना खी होती ही है. ये कभी वहा नही मिलेंगी जहा आप हो. एक सच्ची ख़ुशी हमेशा ‘यहाँ’ होती है, और ‘अभी’ होती है.
अनुभूति को दो शब्द देते ही विचार का जन्म हो जाता है. यह प्रतिक्रिया, यह शब्द देने की आदत अनुभूति को,दर्शन को विचार से आच्छादित कर देती है. अनुभूति दब जाती है, दर्शन दब जाता है और शब्द चित्त में तैरते रह जाते है. ये शब्द ही विचार है.
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प्यार पर ओशो के विचार
Pyar Par Osho Ke Vichar : ओशो जी प्रेम के पुजारी थे इसीलिए उन्होंने प्रेम के ऊपर भी कई ऐसे प्रेमी विचार कहे गए जिससे आप बहुत कुछ जान सकते है तो आप प्रेम पर ओशो के विचार पढ़ कर इनके बारे में जानकारी पा सकते है :
त्यागी कभी समर्पित नहीं होता, त्यागी आदमी कभी समर्पण नहीं करता वह कहता है की मेरे पास कारन है, मैंने इतना छोड़ा अब मुझे मिलना चाहिए.
जिंदगी एक आइना है, जो हमारे ही चेहरे की प्रतिकृति दिखाता है. जिंदगी में हमेशा दोस्ती से रहे तब तभी आपके जीवन में मित्रता बनी रहेंगी.
वह इंसान जो अकेले रहकर भी खुश है असल में वही इंसान कहलाने योग्य है. यदि आपकी ख़ुशी दूसरो पर निर्भर करती है तो आप एक गुलाम हो. अभी आप पूरी तरह से मुक्त नही हुए हो अभी आप बंधन (गुलामी) में बंधे हो.
आपका दिल ही आपका सबसे बड़ा शिक्षक है, आपको उसी की सुननी चाहिये. लेकिन जीवन की यात्रा में आपका अंतर्ज्ञान ही आपका शिक्षक होता है.
अपने रिश्ते में हमेशा सुखद रहे, तन्हाई में हमेशा सतर्क रहे. ये दोनों बातो आपके लिए हमेशा मददगार साबित होंगी क्योकि ये बाते एक पक्षी के दो पंखो के समान है.
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