ओणम फेस्टिवल इन हिंदी : जैसा की हम सभी जानते है की भारत देश त्योहारों का देश है और यहाँ भारत के अलग-2 राज्य में अलग-2 त्यौहार मनाये जाते है | ओणम का त्यौहार भारत के ही एक राज्य केरल में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है यह त्यौहार केरलवासियों द्वारा साल में एक बार सितम्बर माह में मनाया जाता है | इस उत्सव में लोग नाचते-गाते, घरो को सजाते है और बड़ी ही धूमधाम से इस त्यौहार को मनाते है तो हम आपको इस त्यौहार के बारे माँ जानकारी देते है की यह त्यौहार क्यों मनाया जाता है या इस त्यौहार के पीछे क्या कहानी है इसकी पूरी जानकारी आप हमारे माध्यम से जान सकते है |
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Onam Festival 2020
ओनम फेस्टिवल 2020 : ओणम का त्यौहार ओणम नक्षत्र में चिंगम माह में मनाया जाता है इसी समय में केरल के राजा महाबली धरती पर आते है और उन्ही के स्वागत में यह त्यौहार केरलवासियों द्वारा बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है इसका दूसरा नाम ओनम भी होता है और जिस माह में यह पड़ता है वह माह मलयालम कैलेंडर का पहला माह होता है |
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Onam Festival Celebrations
ओणम फेस्टिवल सेलेब्रेशन्स : अगर अपने कभी ओणम का त्यौहार नहीं देखा होगा तो हम आपको बताते है की ओनम के त्यौहार में किस तरह से सेलिब्रेशन किया जाता है और लोग इस उत्सव को कैसे मनाते है :
- यह त्यौहार पुरे 10 दिन तक चलता है और बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है |
- इस दिन सभी औरते अपने-2 घरो में रंगोली, खाने के लिए पकवान, घरो को सजती है |
- इस पर्व में लोग नौका दौड़ का आयोजन व इसके अलावा अन्य खेलो का भी आयोजन भी करते है |
- यह त्यौहार एक मेले का रूप ले लेता है जिसमे की हर चीज़ की दुकाने होती है आप जैसी चाहे वैसी शॉपिंग वहाँ से कर सकते है |
- लोग अपने गाह्रो में ओनम के आखरी दिन 26 तरह के पकवान बनाते है जिसे वह लोग केले के पत्तो पर परोसते है |
- यह त्यौहार महाबली की याद में मनाया जाता है इसीलिए उनके दानी चरित्र के होने के कारणवश लोग इस उत्सव में दान भी करते है |
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Onam Story
ओणम स्टोरी : पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाबली प्रह्लाद के पोते थे और वह भी एक दानव जाति के थे लेकिन दानव जाती के होने के बाद भी वह अपने राज्य में लोगो के द्वारा भगवान की तरह पूजे जाते थे वह एक न्यायप्रिय, पराक्रमी, दानी तथा प्रजा का भला सोचने वाले थे उनकी प्रजा भी उन्हें प्यार करती थी | महाबलि अपने दादा की तरह ही भगवान् विष्णु के परम भक्त थे उसके बावजूद उन्हें अपने ऊपर घमंड होने लगा था और उन्हें स्वर्ग और पृथ्वी पर राज कर रखा था |
पृथ्वी पर महाबली के शासन को खत्म करने के लिए, भगवान विष्णु एक वामन (लघु ब्राह्मण) के रूप में जन्म लिया और राजा से भिक्षा मांगी महाबली रहा दानी स्वभाव के थे इसीलिए उन्होंने वामन से कहा बताओ आपको क्या चाहिए तब उन्होंने महाबली से तीन डग जमीन मांगी, इतना सुन कर महाबली के गुरु समझ गए की यह कोई साधारण व्यक्ति नहीं है और उन्होंने महाबली को उनकी बात स्वीकार करने के लिए माना किया |
महाबली वचन दे चुके थे इसीलिए उन्हें अपना वचन पूरा करना पड़ा | तभी वामन अपने विशाल रूप में आ गए और उनका एक पैर के नीचे धरती दूसरे में स्वर्ग समा जाता है तब अपने वचन के अनुसार महाबली को पृथ्वी भी देनी पड़ती है और वह वामन के पैर के नीचे आकर मर जाते है | लेकिन विष्णु ने उसे एक वरदान दिया कि वह हर साल एक बार अपनी भूमि का दौरा कर सकता है। ओणम राजा के इस घर आने का जश्न मनाता है।
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