मौनी अमावस्या क्या है : मौनी अमावस्या यानि की मौन व्रत धारण करने का दिन है इसे मेघा अमावस्या भी कहा जाता है यह बहुत धार्मिक त्यौहार है यह व्रत हिन्दू धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है शास्त्रो के अनुसार माघ की अमावस्या के दिन यहां पितृलोक के सभी पितृदेव भी आते हैं इस दिन संपूर्ण पवित्र संगम में देवताओ का निवास होता है इसलिए इस दिन गंगा स्नान का बहुत महत्व है इस मास को बहुत पुण्य मास माना गया है गंगा में स्नान करने से ही इस दिन का शुभारम्भ होता है अगर आप जानने चाहेंगे अमावस्या के दिन करने वाले उपाय तो हम आपको आज इसी बारे में जानकारी देंगे |
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Mauni Amavasya 2020
मौनी अमावस्या का दिन बहुत ही पवित्र दिन माना जाता है क्योंकि इस दिन समस्त देवताओ और पितरो का संगम गंगा नदी में होता है यह दिन हर साल आता है और 2020 में यह दिन 27 जनवरी को है |
मौनी अमावस्या इन हिंदी
अमावस्या कब है वैसे हर महीने वैसे यही सवाल मन में होता है वैसे तो अमावस्या हर महीने पड़ती है लेकिन माघ के महीने की अमावस्या का विशेष महत्व है शास्त्रो के अनुसार ऐसा माना जाता है की ब्रह्मा जी ने मनु और सतरूपा को उत्पन्न कर सृष्टि का निर्माण कार्य आरम्भ किया इस पवित्र दिन को लोग मौन व्रत धारण करते है लेकिन यह उनके ऊपर निर्भर करता है की वो इस व्रत को कब तक रख सकते है कोई इस व्रत को कुछ घंटो के लिए रखता है कोई कुछ दिन के लिए कोई कुछ महीनो के लिए कोई सालो के लिए लेकिन इस व्रत में आप मंत्र का जाप कर सकते है लेकिन आपको केवल बंद होठो से ही उपांशु क्रिया में यह मंत्र जप सकते है :
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय,
ॐ खखोल्काय नमः
ॐ नमः शिवाय
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मौनी अमावस्या का महत्व
इस व्रत का महत्व इसलिए भी और बढ़ जाता है क्योंकि इस दिन व्यक्ति को मौन व्रत धारण करना पड़ता है इसका मतलब है की व्यक्ति को अपनी इन्द्रियो को अपने वश में रखना चाहिए और अपनी वाणी को अपने वश में करके ही मौन व्रत धारण करे और इस दिन मौन धारण करके ही पवित्र संगम में स्नान करना चाहिए इससे चित्त की शुद्धि होती है और आत्मा का परमात्मा से मिलान होता है और इस दिन व्यक्ति को स्नान करने के बाद अगर वे चाहे तो हवन या दान भी कर सकता है इस व्रत को रखने से आपके पापो का नाश होता है |
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