वैसे तो भारत वर्ष में बहुत से ऐसे त्यौहार होते हैं जिन्हे हम बड़े धूमधाम से बनाते हैं| ऐसे धार्मिक त्योहारों में हम सबकी आस्था जुडी होती हैं इसी वजह से हम इन्हे बड़े शिद्दत से बनाते हैं| वैसे तो कई ऐसे त्यौहार हैं जिसमे व्रत रखने की विधि हैं लेकिन महाशिवरात्रि का इन त्योहारों में एक अलग ही स्थान हैं| हिन्दू धर्म में भगवान् शिव का एक बेहद ही अलग स्थान हैं| इन्हे महादेव इसलिए भी कहा जाता हैं क्योकि वे देवो के देव हैं| महाशिवरात्रि हिन्दू धर्म में बड़ी आस्था से मनाया जाता हैं| इस साल महाशिवरात्रि 11 मार्च से च 12 मार्च को दिन में 3 बजकर 3 मिनट पर यह समाप्त हो जाएगी। को हैं| तो चलिए इस पोस्ट के द्वारा हम आपको शिवरात्रि की पूजन सामग्री, पूजा विधि, कथा, मुहूर्त और इसके महत्व के बारे में बताएंगे |
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शिवरात्रि की पूजा – शिवरात्रि पूजन
तो चलिए हम आपको शिवरात्रि की पूजा के बारे में बताएंगे| इस साल महा शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त 11 मार्च के दिवस पर दोपहर में में 2 बजकर 40 मिनट से चतुर्दशी तिथि लगेगी जो मध्यरात्रि में भी रहेगी तथा 12 मार्च के दिवस को को दिन में 3 बजकर 3 मिनट पर यह समाप्त हो जाएगी।
- इस दिन शिव के भक्त सुबह प्रातकाल उठकर बिना कुछ अन्न ग्रहण करके स्नान करते हैं|
- कई लोग महाशिवरात्रि पर शरीर की शुध्दि करने के लिए अलग प्रकार से स्नान करते हैं |
- इस दिन कुछ लोग पानी में तुलसी के पत्ते और नीम मिलाकर स्नान करते हैं जिससे शरीर की शुध्दि हो सके|
- इसके बाद वे भगवान् शिव की मूर्ती या उनके शिवलिंग की पूजा करते हैं|
- पूजा के लिए सबसे पहले उनकी मूर्ति और शिवलिंग को दूध से स्नान करवाया जाता हैं|
- उसके बाद हल्दी और चन्दन का टिका लगाकर फलाहार और धतूरे का फल चढ़ाया जाता हैं|
- इसके बाद उनके नाम का जाप करके उनकी पूजा की जाती हैं और आरती की जाती हैं|
शिवरात्रि पूजा विधि सामग्री
अब हम आपको बताते हैं की महाशिवरात्रि के इस महा पूजा में क्या क्या जरुरु सामग्री लगेगी| इस महापूजा में सबसे पहले आपको सुगंधित पुष्प, बिल्वपत्र, धतूरा, भाँग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें,तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, दही,शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, पंच फल पंच मेवा, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, शिव व माँ पार्वती की श्रृंगार की सामग्री, वस्त्राभूषण रत्न, सोना, चाँदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन और कुशासन की आवश्यकता पड़ेगी|
मास शिवरात्रि व्रत – महत्व
महाशिवरात्रि का व्रत भगवान् शिव की आराधना के लिए मनाया जाता हैं| इस दिन भोले के भक्त उनको प्रसन्न करने के लिए पूरे दिन व्रत रखते हैं| और कुछ भक्त निर्जला उपवास रखते हैं जिसमे पूरे दिन बिना जल के और अन्न के उपवास रखा जाता हैं| व्रत के दौरान आप फलहार कर सकते हैं जिसमे केले,सब,अंगूर,आदि खा सकते हैं| जब हम शाम को शिव की पूजा करते हैं तो दिन ढलने के बाद कर सकते हैं व्रत समाप्त करने के लिए |
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