महा शिवरात्रि : महा शिवरात्रि का पर्व हिन्दुओ का धार्मिक पर्व होता है इस दिन हिन्दू धर्म में लोग भगवन शिव की पूजा अर्चना करते है और उनके लिए व्रत भी रखते है तो आज हम आपको ऐसी ही कुछ पारम्परिक कथाये जिसकी वजह से हम इस पर्व को मनाते है यह बहुत ही पवित्र दिन होता है हिन्दू धर्म में इस त्यौहार को हम पूरे धार्मिक रूप से मनाते है यह व्रत खासतौर से महिलाये ज्यादातर रखती है और अपने निकट मंदिर में जाकर भगवान शिव की पिंडी पर पर दुग्ध विसर्जित करती है वैसे तो सावन की शिवरात्रि का महत्व भी बहुत है लेकिन महाशिवरात्रि फाल्गुन माह में पड़ती है |
यह भी देखे : Kumbha Sankranti
शिवरात्रि 2021
शिवरात्रि 2021 हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है यह विजया एकादशी के बाद आती है हिंदू कैलेंडर के अनुसार इसे हर साल फाल्गुन माह में 13वीं रात या 14वें दिन मनाया जाता है और इस साल यह त्यौहार 11 मार्च को मनाया जायेगा |
यह भी देखे : Magha Purnima
Shivratri in Hindi
Maha Shivaratri Story : हम आपको बताते है की शिवरात्रि इन हिंदी यानि इस दिन सृष्टि के रचयिता भगवान भोलेशंकर जी की पूजा की जाती है और उन्ही के लिए व्रत भी रखा जाता है वैसे तो पौराणिक कथाओ के अनुसार यही कहा जाता है की इस दिन ही भगवान शिव ने माँ शक्ति के साथ ही विवाह किया था तो उनके भक्तो द्वारा इस दिन को उनकी बरात के रूप में मनाया जाता है ओट रात्रि जागरण के माध्यम से भी इस दिन को पूजा जाता है |
शिवरात्रि मंत्र
मृत्युंजय महाकाल की आराधना का मृत्यु शैया पर पड़े व्यक्ति को बचाने में विशेष महत्व होता है। खासतौर से जब व्यक्ति मृत्यु का शिकार होने वाला हो तब | तो इस नीचे दिए हुए मंत्र द्वारा महाकाल का बहीशेक किया जाता है :
‘ॐ ह्रीं जूं सः भूर्भुवः स्वः,
ॐ त्र्यम्बकं स्यजा महे
सुगन्धिम्पुष्टिवर्द्धनम्।
उर्व्वारूकमिव बंधनान्नमृत्योर्म्मुक्षीयमामृतात्
ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ’
इसी तरह सर्वव्याधि निवारण हेतु इस मंत्र का जाप किया जाता है :
ॐ मृत्युंजय महादेव त्राहिमां शरणागतम
जन्म मृत्यु जरा व्याधि पीड़ितं कर्म बंधनः
‘कर-चरणकृतं वाक्कायजं कर्मजं वा
श्रवणनयनजं वा मानसं वापराधम,
विहितमविहितं वा सर्वमेतत्क्षमस्व,
जय-जय करुणाब्धे, श्री महादेव शम्भो॥’
यह भी देखे : Mauni Amavasya
शिवरात्रि व्रत विधि
Shivratri Vrat Vidhi : महाशिवरात्रि का व्रत बहुत महत्त्वपूर्ण होता है इस दिन भगवान शिव के शिवलिंग की पूजा विधिपूर्वक की जाती है और रात्रि में जागरण में भी करते है भक्तगणों द्वारा लिंग पूजा में बेल-पत्र चढ़ाना, उपवास और रात्रि जागरण करना एक विशेष कर्म की ओर इशारा करता है पुराणों के अनुसार इसी दिन भोले जी की शादी मां शक्ति के साथ हुई थी जिस कारणवश उनके भक्तो द्वारा भगवान शिव की बारात निकली जाती है इस दिन यदि आप शिवलिंग की विधिपूर्वक अभिषेक करने से मनचाहा फल प्राप्त होता है और इस दिन रात्रि जागरण करने वाले भक्तो को शिव नाम का उच्चारण, शिवमंत्र, का आश्रय लेकर अपने जागरण को सफल बनाना चाहिए |
Contents
