कुम्भ संक्रांति : कुम्भ संक्रांति तब मनाई जाती है जब सूर्य कुंभ राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है यह हिन्दू पंचांग के अनुसार ग्यारहवें महीने की शुरुआत है यह दिन काफी शुभ होता है और सूर्य की स्थिति की वजह से यह हर साल बदलता है इस दिन दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक त्यौहार एक ही स्थान में जगह लेते है और इसमें कुंभ मेला भी आता है तो आज हम आपको कुम्भ संक्रांति के बारे म ही जानकारी देते है | कुम्भ संक्रांति हिन्दुओ के लिए बहुत ही ख़ास दिन होता है इस दिन सभी देवताओ का पवित्र नदियो गंगा, यमुना, सरस्वती, गोदावरी, शिप्रा इत्यादि सभी नदियो का संगम स्थान होता है इस दिन सभी भक्त इन सभी पवित्र नदियो में वास करते है |
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Sankranti 2020 Date
कुम्भ संक्रांति का पर्व जिसमे की कुम्भ मेला लगता है यह प्रत्येक 12 साल में इन सभी स्थानों में ‘कुम्भ मेला’ आयोजित किया जाता है इस साल कुम्भ संक्रांति 2020 डेट 12 फरवरी को है |
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Kumbha Sankranti in Hindi
कुम्भ संक्रांति इन हिंदी : कुम्भ मेला 629CE से अयुजित किया जाता है यह राजा हर्षवर्धन के समय की बात है उस समय राजा हर्षवर्धन का शासन था भगवद पुराण में भी कुम्भ मेले की अवधि के दौरान कुम्भ संक्रांति का उल्लेख आता है सभी भक्त कुम्भ संक्रांति के दिन गंगा जैसे पवित्र नदी में स्नान करते है भक्त हर कुम्भ संक्रांति पर जो शहर पवित्र नदियो के बीच से गुज़रते है वह जाकर स्नान करते है जैसे हरिद्वार में में गंगा, इलाहाबाद में यमुना, उज्जनीं में शिप्रा, नासिक में गोदावरी जैसे सभी पवित्र नदियो के संगम से वह जाकर स्नान करते है |
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Makar Sankranti Puja Vidhi in Hindi
- कुंभ संक्रांति के दिन अन्य सभी संक्रांति भक्तों जैसे खाद्य वस्तुओं, कपड़े और ब्राह्मण पंडितों के लिए अपनी आवश्यकताओं के सभी प्रकार के दान करना चाहिए।
- इस दिन गंगा नदी के पवित्र जल में स्नान करने के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है
- सभी भक्तो को अपने खुस समृद्ध जीवन के लिए प्रार्थना में देवी गंगा का ध्यान करना चाहिए |
- जो व्यक्ति गंगा नदी में स्नान नही कर सकते है वह व्यक्ति अपने पापो को दूर कार्नबे के लिए यमुना, गोदावरी, और शिप्रा जैसी नदियो में स्नान के लिए जा सकते है
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