कैफ़ी आज़मी शायरी : कैफ़ी आज़मी का जन्म 14 जनवरी 1919 में आजमगढ़ में हुआ था इन्होंने मात्र 11 साल की उम्र में ही ग़ज़ल लिखना शुरू कर दिया ये एक बॉलीवुड की दुनिया के जाने-मने नामो में से एक है यह फिल्फरे अवार्ड से भी सम्मानित हो चुके है इनकी मृत्यु 10 मई 2002 में हुई | तो आज हम आपको कैफ़ी जी के द्वारा कही गयी कुछ दिल छूने वाली शायरी से अवगत करते है जो की कई महान उर्दू के शायरों जैसे आनिस मोईन और अब्दुल हामिद अदम जैसे शायरों से भी बढ़ कर मानी जाती है | इसके अलावा हम आपको बताते है उनके दो लाइन के शेर जो की प्रेरणादायक है |
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Kaifi Azmi Two Line Shayari
कैफ़ी आज़मी टू लाइन शायरी : अगर आप कैफ़ी आज़मी जी द्वारा लिखी गयी दो लाइन की शायरी जानना चाहे टू आप हमारे माध्यम से जान सकते है इसमें आपको मिलती है बेहतरीन शायरियो का खजाना :
इंसाँ की ख़्वाहिशों की कोई इंतिहा नहीं
दो गज़ ज़मीं भी चाहिए दो गज़ कफ़न के बाद
बस इक झिजक है यही हाल-ए-दिल सुनाने में
कि तेरा ज़िक्र भी आएगा इस फ़साने में
गर डूबना ही अपना मुक़द्दर है तो सुनो
डूबेंगे हम ज़रूर मगर नाख़ुदा के साथ
ग़ुर्बत की ठंडी छाँव में याद आई उस की धूप
क़द्र-ए-वतन हुई हमें तर्क-ए-वतन के बाद
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Kaifi Azmi Ghazals
कैफ़ी आज़मी ग़ज़ल : सबसे काम उम्र में ग़ज़ल लिखने वाले आज़मी जी द्वारा उनके पुरे जीवन कल में जितनी भी ग़ज़ल लिखी गयी आप उन्हें हमारे माध्यम से जान सकते है :
अब जिस तरफ़ से चाहे गुज़र जाए कारवाँ
वीरानियाँ तो सब मिरे दिल में उतर गईं
जो इक ख़ुदा नहीं मिलता तो इतना मातम क्यूँ
मुझे खुद अपने कदम का निशाँ नहीं मिलता
झुकी झुकी सी नज़र बे-क़रार है कि नहीं
दबा दबा सा सही दिल में प्यार है कि नहीं
पेड़ के काटने वालों को ये मालूम तो था
जिस्म जल जाएँगे जब सर पे न साया होगा
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Kaifi Azmi Ghazals Lyrics
कैफ़ी आज़मी ग़ज़ल लिरिक्स : कैफ़ी आज़मी जी द्वारा शायरियो के लिरिक्स जानने के लिए हमारी इस पोस्ट के माध्यम से जान सकते है और पाए मज़ेदार शायरियां :
बेलचे लाओ खोलो ज़मीं की तहें
मैं कहाँ दफ़्न हूँ कुछ पता तो चले
जिस तरह हँस रहा हूँ मैं पी पी के गर्म अश्क
यूँ दूसरा हँसे तो कलेजा निकल पड़े
बरस पड़ी थी जो रुख़ से नक़ाब उठाने में
वो चाँदनी है अभी तक मेरे ग़रीब-ख़ाने में
बस्ती में अपने हिन्दू मुसलमाँ जो बस गए
इंसाँ की शक्ल देखने को हम तरस गए
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