शायरी (Shayari)

Javed Akhtar Shayari

जावेद अख्तर शायरी : जावेद अख्तर द्वारा कही गयी कुछ दिल छूने वाली शायरी जिनके माध्यम से आप जान सकते है कई लव संबंधी शायरी और देश के बहुत बड़े-2 शायर कुमार विश्वास, ग़ालिब, और इमरान प्रतापगढ़ी की बेहतरीन शायरिया जाने हमारे माध्यम से | वैसे अपने बहुत अलग-2 भाषा जैसे पंजाबी शायरी, उर्दू शायरी, और इस्लामिक शायरी सुनी होंगी लेकिन हम आपको मशहूर शायर जावेद अख्तर द्वारा कहे गए दो लाइन के शेर |

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Javed Akhtar Shayari Lyrics

जावेद अख्तर शायरी लिरिक्स : जावेद अख्तर द्वारा कही गयी शायरियो की लिरिक्स जानिए हमारी इन कुछ चुनिंदा शायरियो द्वारा :

अब अगर आओ तो जाने के लिए मत आना
सिर्फ एहसान जताने के लिए मत आना
मैंने पलकों पे तमन्‍नाएँ सजा रखी हैं
दिल में उम्‍मीद की सौ शम्‍मे जला रखी हैं
ये हसीं शम्‍मे बुझाने के लिए मत आना
प्‍यार की आग में जंजीरें पिघल सकती हैं
चाहने वालों की तक़दीरें बदल सकती हैं
तुम हो बेबस ये बताने के लिए मत आना
अब तुम आना जो तुम्‍हें मुझसे मुहब्‍बत है कोई
मुझसे मिलने की अगर तुमको भी चाहत है कोई
तुम कोई रस्‍म निभाने के लिए मत आना

आप भी आइए हमको भी बुलाते रहिए
दोस्‍ती ज़ुर्म नहीं दोस्‍त बनाते रहिए।
ज़हर पी जाइए और बाँटिए अमृत सबको
ज़ख्‍म भी खाइए और गीत भी गाते रहिए।
वक्‍त ने लूट लीं लोगों की तमन्‍नाएँ भी,
ख़्वाब जो देखिए औरों को दिखाते रहिए।
शक्‍ल तो आपके भी ज़हन में होगी कोई,
कभी बन जाएगी तसवीर बनाते रहिए।

कभी यूँ भी तो हो
दरिया का साहिल हो
पूरे चाँद की रात हो
और तुम आओ
कभी यूँ भी तो हो
परियों की महफ़िल हो
कोई तुम्हारी बात हो
और तुम आओ
कभी यूँ भी तो हो
ये नर्म मुलायम ठंडी हवायें
जब घर से तुम्हारे गुज़रें
तुम्हारी ख़ुश्बू चुरायें
मेरे घर ले आयें
कभी यूँ भी तो हो
सूनी हर मंज़िल हो
कोई न मेरे साथ हो
और तुम आओ
कभी यूँ भी तो हो
ये बादल ऐसा टूट के बरसे
मेरे दिल की तरह मिलने को
तुम्हारा दिल भी तरसे
तुम निकलो घर से
कभी यूँ भी तो हो
तनहाई हो, दिल हो
बूँदें हो, बरसात हो
और तुम आओ
कभी यूँ भी तो हो

क्यूँ ज़िन्दगी की राह में मजबूर हो गए
इतने हुए करीब कि हम दूर हो गए
ऐसा नहीं कि हमको कोई भी खुशी नहीं
लेकिन ये ज़िन्दगी तो कोई ज़िन्दगी नहीं
क्यों इसके फ़ैसले हमें मंज़ूर हो गए
पाया तुम्हें तो हमको लगा तुमको खो दिया
हम दिल पे रोए और ये दिल हम पे रो दिया
पलकों से ख़्वाब क्यों गिरे क्यों चूर हो गए

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Javed Akhtar Shayari

Javed Akhtar Shayari Zindagi Na Milegi Dobara

जावेद अख्तर शायरी ज़िन्दगी न मिलेगी दुबारा : जावेद अख्तर जी की बहुत प्रसिद्ध शायरियो का संग्रह आप हमारी इस पोस्ट के माध्यम से जान सकते है जिसमे की आपको मिलते है प्यार संबंधी शायरी :

क्‍यों डरें ज़िन्‍दगी में क्‍या होगा
कुछ ना होगा तो तज़रूबा होगा
हँसती आँखों में झाँक कर देखो
कोई आँसू कहीं छुपा होगा
इन दिनों ना-उम्‍मीद सा हूँ मैं
शायद उसने भी ये सुना होगा
देखकर तुमको सोचता हूँ मैं
क्‍या किसी ने तुम्‍हें छुआ होगा

जाते जाते वो मुझे अच्छी निशानी दे गया
उम्र भर दोहराऊँगा ऐसी कहानी दे गया
उससे मैं कुछ पा सकूँ ऐसी कहाँ उम्मीद थी
ग़म भी वो शायद बरा-ए-मेहरबानी दे गया
सब हवायें ले गया मेरे समंदर की कोई
और मुझ को एक कश्ती बादबानी दे गया
ख़ैर मैं प्यासा रहा पर उस ने इतना तो किया
मेरी पलकों की कतारों को वो पानी दे गया

तमन्‍ना फिर मचल जाए, अगर तुम मिलने आ जाओ
यह मौसम ही बदल जाए, अगर तुम मिलने आ जाओ
मुझे गम है कि मैने जिन्‍दगी में कुछ नहीं पाया
ये ग़म दिल से निकल जाए, अगर तुम मिलने आ जाओ
नहीं मिलते हो मुझसे तुम तो सब हमदर्द हैं मेरे
ज़माना मुझसे जल जाए, अगर तुम मिलने आ जाओ
ये दुनिया भर के झगड़े, घर के किस्‍से, काम की बातें
बला हर एक टल जाए, अगर तुम मिलने आ जाओ

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Javed Akhtar Shayari In Hindi pdf

जावेद अख्तर शायरी इन हिंदी पीडीएफ : यदि आप जावेद अख्तर जी की बेहतरीन शायरी जानना चाहते है तो आप जान सकते है इन शायरियो के माध्यम से :

यही हालात इब्तदा से रहे
लोग हमसे ख़फ़ा-ख़फ़ा-से रहे
बेवफ़ा तुम कभी न थे लेकिन
ये भी सच है कि बेवफ़ा-से रहे
इन चिराग़ों में तेल ही कम था
क्यों गिला फिर हमें हवा से रहे
बहस, शतरंज, शेर, मौसीक़ी
तुम नहीं रहे तो ये दिलासे रहे
उसके बंदों को देखकर कहिये
हमको उम्मीद क्या ख़ुदा से रहे
ज़िन्दगी की शराब माँगते हो
हमको देखो कि पी के प्यासे रहे

हर ख़ुशी में कोई कमी-सी है
हँसती आँखों में भी नमी-सी है
दिन भी चुप चाप सर झुकाये था
रात की नब्ज़ भी थमी-सी है
किसको समझायें किसकी बात नहीं
ज़हन और दिल में फिर ठनी-सी है
ख़्वाब था या ग़ुबार था कोई
गर्द इन पलकों पे जमी-सी है
कह गए हम ये किससे दिल की बात
शहर में एक सनसनी-सी है
हसरतें राख हो गईं लेकिन
आग अब भी कहीं दबी-सी है

आज मैंने अपना फिर सौदा किया
और फिर मैं दूर से देखा किया
ज़िन्‍दगी भर मेरे काम आए असूल
एक एक करके मैं उन्‍हें बेचा किया
कुछ कमी अपनी वफ़ाओं में भी थी
तुम से क्‍या कहते कि तुमने क्‍या किया
हो गई थी दिल को कुछ उम्‍मीद सी
खैर तुमने जो किया अच्‍छा किया

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