गणेश चतुर्थी इन हिंदी : गणेश चतुर्थी का त्यौहार पुरे भारतवर्ष में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है और यह भारत के महाराष्ट्र राज्य में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है इस दिन सभी लोग अपने घर में गणेश जी प्रतिमा स्थापित करते है और नौ दिनों तक विधिपूर्वक इसकी गणेश जी की पूजा की जाती है जिससे की गणेश जी प्रसन्न हो जाये | और नौ दिनों बाद उनकी इस प्रतिमा को पानी, नदी, तालाब या समुन्द्र में विसर्जित कर दिया जाता है तो हम आपको गणेश चतुर्थी के बारे में जानकरी देते है की यह क्यों मनाई जाती है या इस त्यौहार को मनाने का क्या महत्व है इसकी पूरी जानकारी आप हमारी इस पोस्ट द्वारा जान सकते है |
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गणेश चतुर्थी 2020
Ganesh Chaturthi : शिवपुराण के अनुसार गणेश चतुर्थी हर साल भाद्र मास की की चतुर्थी तिथि को मनायी जाती है उसी के अनुसार साल 2020 में चतुर्थी 25 अगस्त को पड़ रही है इसी दिन से गणेश उत्सव की तयारी घर-2 में शुरू की जाएँगी |
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गणेश उत्सव का महत्व
Ganesh Utsav Ka Mahatv : गणेश उत्सव का हिन्दू धर्म में बहुत महत्व माना जाता है लेकिन क्या आप जानते है की इस उत्सव का हमारे मानव जीवन में क्या महत्व होता है इसके लिए आप इसे पढ़ सकते है :
- गणेश जी सुख शांति का प्रतिक माने जाते है इसीलिए उनकी चतुर्थी में पूजा करने से सुख व शांति की प्राप्ति होती है |
- संतान प्राप्ति के लिए भी इस उत्सव को मनाया जाता है |
- गणेश जी संकट को दूर करने वाले माने जाते है इसीलिए उनके इस उत्सव को संकट चतुर्थी के भी नाम से भी जाना जाता है |
- अपने घर में किसी भी तरह के शुभ कार्य में कोई अड़चन न आने के लिए कई लोग गणेश चतुर्थी के दिन व्रत रखते है |
- जिन लोगो को संतान प्राप्ति नहीं होती है वह इस व्रत को कर सकता है जिससे की उसे संतान प्राप्ति भी हो जाती है |
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गणेश चतुर्थी पूजा विधि
Ganesh Chaturthi Puja Vidhi : गणेश चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा करने के लिए आपको निम्नानुसार उनकी पूजा करनी चाहिए और पूजा करने के लिए आपको दी हुई जानकारी को फॉलो करना है :
- इस पर्व पर लोग सबसे पहले गणेश जी की सोने, चांदी, तांबे अथवा मिट्टी से बनी हुई मूर्ति मुहूर्त अनुसार स्थापित करते है और उसकी विधिपूर्वक पूजा करते है |
- उसके बाद चन्द्रमा को निगाहे नीचे करके अर्घ्य देना चाहिए तथा चन्द्रमा की तरफ नहीं देखना चाहिए |
- गणेश जी को 21 लड्डुओं का भोग लगाने का प्रावधान है |
- गणेश जी के पास कलश की स्थापना की जाती है जिसमे की जल, कुमकुम, चावल तथा पुष्प चढ़ा कर रखे जाते है |
- लगातार 9 दिन तक गणेश जी की सुबह शाम विधिपूर्वक आरती और पूजा की जाती है और लड्डुओं का भोग लगा कर उन्हें बाँट देना चाहिए |
- अंतिम दिन गणेश जी का हवन करके और विधिपूर्वक आरती व पूजा करके उनकी प्रतिमा को बिना जमीन पर रखे हुए सीधे तालाब, नदी या समुन्द्र में विसर्जित किया जाता है |
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