दुर्गा अष्टमी इन हिंदी : दुर्गा अष्टमी को ‘महा अष्टमी’ के रूप में जाने जाते हैं, एक महत्वपूर्ण हिंदू अनुष्ठान देवी शक्ति को समर्पित है। हर चंद्र माह की ‘शुक्ल पक्ष’ के ‘अष्टमी’ (8 वें दिन) पर यह देखा जाता है। इस दिन देवी दुर्गा के हथियारों की पूजा की जाती है और उत्सव ‘एस्ट्रा पूजा’ के रूप में जाना जाता है हथियारों के प्रदर्शन और मार्शल आर्ट के अन्य रूपों के कारण इस दिन को लोकप्रिय रूप से ‘विरष्टमी’ के रूप में भी जाना जाता है। हिंदू भक्त देवी दुर्गा की पूजा करते हैं और अपने दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सख्त उपवास करते हैं। दुर्गा अष्टमी वात को भारत के उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में पूरी भक्ति से मनाया जाता है। आंध्र प्रदेश के कुछ इलाकों में, दुर्गा अष्टमी को ‘स्नानुकम्मा पंडुगा’ के रूप में मनाया जाता है हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए दुर्गा अष्टमी व्रत एक महत्वपूर्ण आराधना है |
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दुर्गा अष्टमी कब है
Durga Ashtami Kab Hai : दुर्गा अष्टमी नवरात्रो के दिनों में पड़ती है क्योकि नवरात्रो में हम दुर्गा जी के 9 अवतार की पूजा करते है जिसमे से अष्टमी के दिन माँ दुर्गा की पूजा की जाती है और इस दिन को दुर्गा अष्टमी के नाम से जाना जाता है इस साल यानि 2020 में दुर्गा पूजा हम 28 सितम्बर को मनाएंगे |
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Durga Ashtami Significance
दुर्गा अष्टमी सिग्नीफिकेन्स : संस्कृत भाषा में ‘दुर्गा’ शब्द का अर्थ है ‘अपराजित और अष्टमी’ ‘आठ दिन’ का प्रतीक है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार देवी दुर्गा का भयानक और शक्तिशाली रूप, जिसे ‘देवी भद्रकाली’ कहा जाता है, अवतरित किया गया था। दुर्गा अष्टमी का दिन ‘महिषासुर’ नामक राक्षस पर देवी दुर्गा की जीत के रूप में मनाया जाता है। यह माना जाता है कि जो पूर्ण समर्पण के साथ दुर्गा अष्टमी व्रत को रखता है, उनके जीवन में खुशी और अच्छे भाग्य के साथ प्रदान किया जाएगा।
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दुर्गा अष्टमी व्रत
दुर्गा अष्टमी का व्रत रखने के लिए आपको पूजा करनी पड़ेगी अब पूजा आप किस प्रकार करेंगे इसके लिए हम आपको बताते है की आपको पूजा किस प्रकार करेंगे :
- सबसे पहले आप नित्य काम से मुक्त होकर स्नान करे और व्रत का प्रण ले |
- उसके बाद दुर्गा माँ की पूजा करते समय अपना मुँह उत्तर दिशा की तरफ करे |
- जहाँ आप पूजा कर रहे है वहां पर चौकी लगाए और लाल कपडा बिछाये उसके ऊपर माँ दुर्गा की मूर्ति या फोटो स्थापित करे |
- कलश ले और कलश पर चारो तरफ लाल कपडे पर चावल से नौ छोटी ढेरी बनायें ये नवग्रह का प्रतीक होता है |
- अपने हाथ में अक्षत, पुष्प और जल ले और कुछ धन भी हाथ में ले ले
- उसके बाद हाथ में ये सब लेकर संकसंकल्प मंत्र बोले और दुर्गा जी की आरती पूरी करे |
- और दुर्गा जी की मूर्ति या फोटो पर रोली, चावल, का तिलक माँ दुर्गा के लगाए और प्रसाद का भोग लगाए
- उसके बाद पानी का छिड़काव (पानी पिलाना) मूर्ति के चारो तरफ करे |
- इस तरह से आपकी दुर्गा माँ की पूजा सफल हो जाती है |
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