प्यार (Love)

प्यार और आकर्षण में क्या फर्क है (What’s The Difference Between Love And Attraction)

Pyar Aur Akarshan Me Kya Fark Hai (व्हाट्स द डिफरेंस बिटवीन लव एंड अट्रैक्शन) : लव और अट्रैक्शन इनके बारे में हम सभी जानते है लेकिन कई लोग लव और अट्रैक्शन को एक ही चीज़ समझते है लेकिन ऐसा नहीं है अगर कोई व्यक्ति ऐसा सोचता है तो वह गलत है क्योकि लव और अट्रैक्शन एक जैसी चीज़ नहीं है इन दोनों के बीच कई अंतर होते है अगर आप भी उन अंतर के बारे में जानना चाहते है तो इसके लिए हम आपको बताते है की इनके बीच का अंतर क्या है और कैसे पता लगा सकेंगे आप की आपको किसी लड़की या लड़के से प्यार हुआ है या फिर वो केवल आपका अट्रैक्शन है |

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प्यार और आकर्षण

Pyar Aur Akarshan : जैसा की हम सभी जानते है की प्यार और आकर्षण दो अलग चीज़ है क्योकि प्यार एक एहसास होता है जो की हमें लम्बे समय के लिए किसी व्यक्ति विशेष की किसी एक चीज़ से नहीं होता बल्कि उस व्यक्ति से ही होता है | लेकिन आकर्षण इसके बिलकुल विपरीत होता है आकर्षण हमें कुछ समय के लिए होता है जो की किसी व्यक्ति विशेष के किसी सुन्दर चीज़ पर होता है और जैसे ही वह चीज़ हमारे दिमाग से निकली हमारा आकर्षण बिलकुल ख़त्म हो जाता है लेकिन प्यार में उसका बिलकुल उल्टा होता है |

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प्रेम और आकर्षण के बीच का अंतर

1. पहला अंतर
आकर्षण मजा होता है जो की बहुत जल्दी खत्म हो जाता है जो भी हमें बहुत सुख प्रदान करता है लेकिन प्यार में इसका बिल्कुल उल्टा होता है क्योंकि प्यार में हमें खुशी मिलती है जो भी हम हमेशा के लिए चाहते हैं हम इसे कह सकते हैं कि प्यार एक लंबे समय के लिए होता है आकर्षण हमें कुछ ही समय के लिए प्राप्त होता है |

2. दूसरा अंतर
आकर्षित आप किसी भी व्यक्ति के ऊपर हो सकते हो लेकिन प्यार में ऐसा नहीं होता प्यार केवल कुछ ही लोगों से होता है इसीलिए आकर्षण प्यार से बिल्कुल अलग होता है प्यार में हमें केवल वही व्यक्ति चाहिए होता है लेकिन आकर्षण में अगर हमें किसी व्यक्ति पर किसी चीज के लिए आकर्षित है तो उसकी जगह कोई भी ले सकता है अगर किसी और के पास वैसा ही आकर्षण है तो हम उसके ऊपर आकर्षित हो जाते हैं |

3. तीसरा अंतर
प्यार में हम लोग फ्यूचर की सोचते हैं लेकिन आकर्षण में ऐसा नहीं होता आकर्षण में हमें वह वह चीज उसी वक्त चाहिए होती है लेकिन प्यार जब होता है तो हम उस चीज के बारे में किसी व्यक्ति विशेष के बारे में सोचते हैं और उसके साथ अपना फ्यूचर डिसाइड भी कर सकते हैं | इसीलिए प्यार व अट्रैक्शन में एक ये बड़ा अंतर भी सामने आता है |

प्यार और आकर्षण

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4. चौथा अंतर
प्यार दिल से होता है जब भी आकर्षण हमारे दिमाग की एक उपज होती है प्यार में हम अपने चाहने वाले के लिए कितना भी बड़ा सैक्रिफाइस कर सकते हैं लेकिन अट्रैक्शन में यह असंभव सा लगता है इसीलिए प्यार और आकर्षण में बहुत भिन्नता यहां भी देखने को मिलती है |

5. पांचवा अंतर
आकर्षण में हम अपने प्रेमी या प्रेमिका को महत्व देते हैं जब हमारे पास होता है जब वह हमारे सामने से जाता है तो हमारा आकर्षण भी वही खत्म हो जाता है जबकि प्यार में हम उसकी खुशी को महत्व देते हैं चाहे वह हमारे पास हो या ना हो हमें हर वक्त उसकी याद आती रहती है और उसके बारे में ही सोचते रहते हैं प्यार दिल से होता है इसका यही कारण है |

6. छँठवा अंतर
प्यार में हम अपने प्रेमी या प्रेमिका के उज्जवल भविष्य, हमारे और उसके फ्यूचर, उसके बेहतर जीवन तथा उसे किस तरह से खुशी मिलेगी इस विषय की कल्पना करते रहते हैं | लेकिन आकर्षण में ऐसा नहीं होता है आकर्षण में हम केवल वर्तमान में जीते हैं और अपने प्रेमी या प्रेमिका के शरीर की ही कल्पना कर सकते हैं और उसी के बारे में विचार कर सकते हैं |

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