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Bal Gangadhar Tilak Quotes In Hindi – बाल गंगाधर तिलक के अनमोल विचार

बाल गंगाधर तिलक कोट्स इन हिंदी – Bal Gangadhar Tilak Ke Anmol Vichar : लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक जी का जन्म 23 जुलाई 1856 को ब्रिटिश इंडिया के महाराष्ट्र राज्य के मुंबई शहर में हुआ था गंगाधर जी एक शिक्षक, राष्ट्रवादी, वकील समाज सुधारक, और एक स्वतन्त्रता सेनानी थे | उनके क्रांतिकारी विचारो की वजह से उन्हें राजनैतिक उग्रवाद का जनक कहा जाता है इसीलिए हम आपको उनके कुछ विचारो के बारे में बताते है जिन विचारो की मदद से उनके बारे में बहुत कुछ जान सकते है और इन्हे अपने दोस्तों को शेयर करके उनके अंदर देशप्रेम की भावना का विकास कर सकते है |

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बाल गंगाधर तिलक के नारे

मनुष्य का प्रमुख लक्ष्य भोजन प्राप्त करना ही नहीं है! एक कौवा भी जीवित रहता है और जूठन पर पलता है

गर्म हवा के झोंकों में जाए बिना, कष्ट उठाये बिना,पैरों मे छाले पड़े बिना स्वतन्त्रता नहीं मिल सकती। बिना कष्ट के कुछ नहीं मिलता

आपके लक्ष्य की पूर्ती स्वर्ग से आये किसी जादू से नहीं हो सकेगी! आपको ही अपना लक्ष्य प्राप्त करना है ! कार्य करने और कढोर श्रम करने के दिन यही हैं

जब लोहा गरम हो तभी उस पर चोट कीजिये और आपको निश्चय ही सफलता का यश प्राप्त होगा

अपने हितों की रक्षा के लिए यदि हम स्वयं जागरूक नहीं होंगे तो दूसरा कोन होगा? हमे इस समय सोना नहीं चाहिये ,हमे अपने लक्ष्य की पूर्ति के लिए प्रयत्न करना चाहिये

आप केवल कर्म करते जाइए, उसके परिणामों पर ध्यान मत दीजिये

मानव प्रकृति ही ऐसी है की हम बिना उत्सवों के नहीं रह सकते! उत्सव प्रिय होना मानव स्वाभाव है ! हमारे त्यौहार होने ही चाहियें

कर्त्तव्य पथ पर गुलाब-जल नहीं छिड़का होता है और ना ही उसमे गुलाब उगते हैं

एक बहुत प्राचीन सिद्धांत है की ईश्वर उनकी ही सहायता करता है, जो अपनी सहायता आप करते हैं! आलसी व्यक्तियों के लिए ईश्वर अवतार नहीं लेता ! वह उद्योगशील व्यक्तियों के लिए ही अवतरित होता है ! इसलिए कार्य करना शुरु कीजिये

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गंगाधर तिलक के क्रन्तिकारी विचार

भारत की गरीबी पूरी तरह से वर्तमान शासन की वजह से है

धर्म और व्यावहारिक जीवन अलग नहीं हैं। सन्यास लेना जीवन का परित्याग करना नहीं है। असली भावना सिर्फ अपने लिए काम करने की बजाये देश को अपना परिवार बना मिलजुल कर काम करना है। इसके बाद का कदम मानवता की सेवा करना है और अगला कदम ईश्वर की सेवा करना है

कमजोर ना बनें, शक्तिशाली बनें और यह विश्वास रखें की भगवान हमेशा आपके साथ है

यदि हम किसी भी देश के इतिहास को अतीत में जाएं, तो हम अंत में मिथकों और परम्पराओं के काल में पहुंच जाते हैं जो आखिरकार अभेद्य अन्धकार में खो जाता है

आपका लक्ष्य किसी जादू से नहीं पूरा होगा, बल्कि आपको ही अपना लक्ष्य प्राप्त करना पड़ेगा

भूविज्ञानी पृथ्वी का इतिहास वहां से उठाते हैं जहाँ से पुरातत्वविद् इसे छोड़ देते हैं, और उसे और भी पुरातनता में ले जाते हैं

ये सच है कि बारिश की कमी के कारण अकाल पड़ता है लेकिन ये भी सच है कि भारत के लोगों में इस बुराई से लड़ने की शक्ति नहीं है

हो सकता है ये भगवान की मर्जी हो कि मैं जिस वजह का प्रतिनिधित्व करता हूँ उसे मेरे आजाद रहने से ज्यादा मेरे पीड़ा में होने से अधिक लाभ मिले

महान उपलब्धियाँ कभी भी आसानी से नहीं मिलती और आसानी से मिली उपलब्धियाँ महान नहीं होतीं

बाल गंगाधर तिलक के नारे

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लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के सुविचार

प्रगति स्वतंत्रता में निहित है। बिना स्वशासन के न औद्योगिक विकास संभव है, न ही राष्ट्र के लिए शैक्षिक योजनाओं की कोई उपयोगिता है… देश की स्वतंत्रता के लिए प्रयत्न करना सामाजिक सुधारों से अधिक महत्वपूर्ण है

भारत का तब तक खून बहाया जा रहा है, जब तक यहाँ सिर्फ कंकाल शेष ना रह जाएं

यह सत्य है कि बारिश की कमी के कारण अकाल पड़ता है, लेकिन यह भी सत्य है कि हमारे लोगों में इस बुराई से लड़ने की शक्ति नहीं है

यदि भगवान छुआछूत को मानते हैं, तो मैं उन्हें भगवान नहीं कहूँगा

क्या पता ये भगवान की मर्जी हो की मैं जिस वजह का प्रतिनिधित्व करता हूँ, उसे मेरे आजाद रहने से ज्यादा मेरे दुखी होने से अधिक लाभ मिले

आप मुश्किल समय में खतरों और असफलताओं के डर से बचने का प्रयास मत कीजिये। वे तो निश्चित रूप से आपके मार्ग में आयेंगे ही

स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा

मानव स्वभाव ही ऐसा है कि हम बिना उत्सवों के नहीं रह सकते, उत्सव प्रिय होना मानव स्वभाव है। हमारे त्यौहार होने ही चाहिए

आलसी व्यक्तियों के लिए भगवान अवतार नहीं लेते, वह मेहनती व्यक्तियों के लिए ही अवतरित होते हैं, इसलिए कार्य करना आरम्भ करें

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