Anushasan Par Kuch Mahaan Vyaktiyo Ke Vichar Va स्लोगन : हम सभी लोगो के जीवन में अनुशासन होना बहुत जरुरी होता है बिना अनुशासन के कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में सफल नहीं हो सकता | इसीलिए कई महान लोगो द्वारा अनुशासन यानि डिसिप्लिन के ऊपर कई प्रकार के स्लोगन व विचार कहे गए है यदि आप उन विचारो को जानना चाहते है तो इसके लिए आप हमारे द्वारा बताई गयी जानकारी के अनुसार जान सकते है इन कोट्स को पढ़ कर आप अन्य लोगो को भी अनुशासित रहने के लिए मोटीवेट कर सकते है | जिस मोटिवेशन को पाकर अन्य लोग भी अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते है |
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Discipline Quotes in Hindi
डिसिप्लिन कोट्स इन हिंदी : डिसिप्लिन के ऊपर कोट्स जानने के लिए आप हमारे द्वारा बताये गए इन विचारो को पढ़ सकते है तथा अपने दोस्तों को अनुशासित रहने के लिए यह उन्हें बता सकते है :
जिस कार्य को आप न चाहते हुए भी करते हैं, क्यूंकि आप जानते हैं कि वो होना चाहिए यही अनुशासन है |
बिना अनुशासन के प्रतिभा ऐसी है जैसे पहियेदार स्केट पर ऑक्टोपस.जिसमे कि बहुत सारी गतिविधि होंगी लेकिन आप ये नहीं जान पाएंगे की वो आगे जा रहा है,पीछे जा रहा है या फिर किनारे जा रहा है |
सैनिकों को उनके दुश्मनों से ज्यादा उनके अधिकारीयों से डर होना ही अनुशासन की कला है |
आत्म-सम्मान अनुशासन का फल है; अपने आप को मना कर पाने की सामर्थ्य के साथ ही गरिमा की समझ पैदा होती है
अनुशासन किसी बच्चे के जोश को तोड़ कर आधा नहीं करता लेकिन इसकी कमी कम से कम माता-पिता के ह्रदय को तोड़ कर आधा कर देती है |
अनुशासन की कमी कुंठा और आत्म-घृणा की तरफ ले जाती है
बाहरी दबावों में नहीं, बल्कि उन मानसिक आदतों को जो कि स्वाभाविक रूप से अवांछनीय गतिविधियों के बजाय वांछनीय रूप से हो, ही अनुशासन है |
आत्म अनुशासन स्वतंत्र मनुष्य की गुलामी है
अगर मैं महान बनना चाहता हूँ तो पहले मुझे अपने आप पर विजय पानी होगी…और इसे ही स्व अनुशासन कहते हैं |
जीवन की अधिकतर परिस्थितियाँ तीन मूलभूत चुनावों से उत्पन्न होती हैं: आप कैसा अनुशासन चुनकर निभा पाते हैं, आप साथ रहने के लिए कैसे लोगों का चुनाव करते हैं और आप पालन करने के लिए कैसे नियमों को चुनते हैं |
प्रत्येक अनुशासित कोशिश के लिए अनेकों पारितोषिक हैं
आप अभी क्या चाहते हैं और आप सबसे ज्यादा क्या चाहते हैं केवल इन दोनों में चुनाव ही अनुशासन है
कुछ लोग अनुशासन को उबाऊ काम समझते हैं. मेरे लिए , ये एक तरह की सुव्यवस्था है जो मुझे उड़ने के लिए तैयार करती है
जो बोला जा सकता है उसे न कहना ही अनुशासन और किफायत का रहस्य है
अगर आप अपने आपको, अपने मष्तिष्क को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अनुशासित कर लेंगे तो फलस्वरूप आप बाहरी संसार के आघातों से न्यूनतम प्रभावित होंगे
जो व्यक्ति बिना अनुशासन के जीता है, वो बिना सम्मान के मरता है
एक अनुशासित जीवन जीना और उस अनुशासन के परिणाम को इश्वर की इच्छा मानकर स्वीकार करना ही किसी के पुरुष होने का संकेत देती है
अनुशासन वो निर्मल अग्नि है जिससे प्रतिभा क्षमता में परिवर्तित हो जाती है
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अनुशासन पर सुविचार
Anushasan Par Suvichar : अनुशासन के ऊपर सुविचार जानने के लिए नीचे बताई गयी जानकारी के अनुसार आप यह कोट्स जान सकते है तथा अपने दोस्तों को शेयर कर सकते है :
अपने मष्तिष्क को नियंत्रित कीजिये नहीं तो आपका मष्तिष्क आपको नियंत्रित करने लगेगा |
कुछ महवपूर्ण अवसरों पर हम क्या करते हैं वो संभवतः इसी बात पर निर्भर करता है कि हम क्या हैं: और हम जो हैं वो पिछले सालों के आत्म अनुशासन का परिणाम है |
चंद सामान्य अनुशासन ही सफलता हैं, प्रतिदिन उनका अभ्यास कीजिये
जब आप काम करते हैं, तब सिर्फ काम करें. जब आप खेलते है, तब सिर्फ खेलें – ये ही दमनकारी स्व-अनुशासन का बुनियादी नियम है
अनुशासन की सराहना करना एक बात है और अनुशासन के लिए समर्पित होना एक अलग बात है
गरीब लोग दूसरों के अनुशासन की वजह से सोचने से वंचित रह जाते हैं और अमीर अपने अनुशासन की वजह से
अनुशासन और अभ्यास से ही आत्मविश्वास पैदा होता है
किसी बात को लिख कर रखने का अनुशासन उस बात को कर दिखाने की तरफ पहला सोपान है
इस बात पर ध्यान दिए बिना कि कोई हमें देख रहा है या नहीं, किसी काम को सही ढंग से करना मात्र ही अनुशासन है |
स्वतंत्रता ढूंढिए और अपनी इच्छाओं के कैदी बन जाईये. अनुशासन ढूंढिए और अपनी स्वतंत्रता पाईये
अगर हम अपने आप को अनुशासित नहीं करेंगे तो हमारा ये काम दुनिया करेगी
धन या बल या सामाजिक प्रतिष्ठा से सफलता का आंकलन नहीं किया जाता.बल्कि
अनुशासन और आपकी आन्तरिक शांति से ही आपकी सफलता आंकी जाती है अपनी इच्छाओं पर अनुशासन ही आपके चरित्र का आधार है
अनुशासन ही उद्देश्य और उपलब्धि के बीच का सेतु है
स्वयम को अनुशासित कीजिये और आपको दूसरों को अनुशासित करने की जरूरत नहीं पड़ेगी
बिना अनुशासन के दृढ़ वचन, भ्रांति का आरम्भ है
प्राथमिकताओं को समझना ही वास्तविक नेतृत्व है और उसका अनुकरण करना अर्थात अनुशासन ही वास्तविक प्रबन्धन है |
हम सभी को दो चीजें बर्दाश्त करनी पड़ती हैं: अनुशासन का कष्ट या पछतावे और मायूसी की पीड़ा |
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