आमलकी एकादशी : ये व्रत कई मायनो में बहुत महत्वपूर्ण होता है वैसे तो आपने कई एकादशी के व्रत के बारे में सुना होगा लेकिन इस आमलकी व्रत का अपना ही एक अलग महत्व है वैसे तो ये व्रत फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष की एकादशी को रखा जाता है | आमलकी के व्रत में आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है क्योंकि इसी दिन आंवले के वृक्ष का निर्माण भगवान विष्णु की कृपा से हुआ | वैसे तो ये व्रत बसन्त पंचमी के बाद और होली से पहले पड़ता है तो हम आपको इस व्रत में बारे में पूरी जानकारी देते है की ये व्रत क्यों रखा जाता है |
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Amalaki Ekadashi 2020
आमलकी एकाशी का व्रत हर साल फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पड़ता है और हिंदी पंचांग के अनुसार आमलकी एकादशी 2020 में 8 मार्च को है |
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Amalaki Ekadashi Vrat Katha in Hindi
आमलकी एकादशी व्रत कथा इन हिंदी : एक बार नगर हुआ करता था और उस नगर के सभी लोग बहुत ही सुख के साथ अपना जीवन व्यतीत करते थे उसी राज्ये में चन्द्रवंशी नामक राजा का राज्य था उस नगर में भगवन विष्णु को लोग बहुत मानते थे इसलिए वह एकादशी की व्रत की की प्रथा बहुत पहले से चली आ रही थी वहाँ के राजा भी विष्णु के भक्त थे एक बार एकादशी के दिन उस नगर में सभी जन मंदिर में जागरण कर रहे थे | उस नगर में एक शिकारी भी था जो बहुत भूख था जिसने लगभग विश्व् के सरे पाप किये हुए थे वो उस रात में उस मंदिर में कुछ खाने का सामान लेने आया लेकिन वहाँ अत्यंत भीड़ होने के कारणवश वह वहाँ से कुछ चुरा नहीं सका इसलिए उसकी पूरी रात्रि भूखा रह कर ही निकल गयी | इस वजह से उसके द्वारा अनजाने में आमलकी का व्रत संपूर्ण हो गया कुछ दिन बाद किसी कारणवश उस उस शिकारी की मृत्यु हो जाती है |
Ekadashi Vrat Benefits
एकादशी व्रत बेनिफिट्स : वह शिकारी ने तुरंत नया जन्म प्राप्त किया और इस बार एकादशी के व्रत को पूरा करने की वजह से उसके सारे पाप नष्ट हो गए और उसका जन्म एक राजा के यहां हुआ वह बहुत वीर, धार्मिक, सत्यवादी और विष्णु भक्त था. दान कार्यो में उसकी रुचि थी फिर वह बड़ा होकर एक शिकार के लिए तभी वहाँ कुछ डाकुओ ने उन्हें अगवा कर लिया और शास्त्रो से उनके ऊपर प्रहार किया लेकिन उनका हर प्रहार नाकाम रहा बल्कि वह शास्त्र उलटे ही उन सभी डाकुओ को मारने लगे तभी उस समय एक शक्ति प्रकट हुई, और उस शक्ति ने सभी डाकूओं को मृ्त्यु लोक पहुंचा दिया राजा आश्चर्य चलित रह गया और उसने प्रश्न ककिया आप कोण हो जो मेरी इस प्रकार रक्षा कर रहे हो तभी वहाँ भविष्यवाणी हुई की री रक्षा श्री विष्णु जी कर रहे है. यह कृ्पा आपके आमलकी एकादशी व्रत करने के प्रभावस्वरुप हुई है. इस व्रत को करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है |
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Ekadashi Fast Rules | Ekadashi Vrat Vidhi
एकादशी फ़ास्ट रूल्स यानि की इस व्रत में एकादशी व्रत विधि में किस प्रकार से करे किन-2 चीज़ों का उपयोग करना चाहिए :
- प्रातः उठकर स्नान करने के बाद पूजा तथा हवन करना चाहिए |
- पूजा के पश्चात् आंवले के वृक्ष के चारों की भूमि को साफ करें और उसे गाय के गोबर से पवित्र करें |
- वह एक कलश बनाकर रखे और सभी देवी-देवताओ, तीर्थों एवं सागर को आमन्त्रित करना चाहिए |
- कलश में पञ्च रत्न रखे और उकसे ऊपर डीप जलाये |
- और पेड़ के नीचे भगवन विष्णु के छठे अवतार परशुराम की मूर्ति स्थापित करे उसकी पूजा आंवले तिल, कुश, मुद्रा और जल से करे |
- रात्रि में भगवत कथा व भजन कीर्तन करते हुए प्रभु का स्मरण करें |
- अंत में भोजन ग्रहण करके उपवास खोलना चाहिए |
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