शायरी (Shayari)

Akelapan Shayari – अकेलापन शायरी इन हिन्दी

हिंदी सैड शायरी फॉर लव : दोस्तों आज हम आपको बताने जा रहे हैं Akelapan Shayari in Hindi जिसे आप अपनी प्रेमिका या प्रेमी को भेज सकते हैं | कभ कभी बॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड में छोटा मोटा झगड़ा हो जाता है ऐसे में आप या तो लव शायरी हिंदी और Love Shayari in Hindi for Girlfriend सुना या उन्हें sms या वाहट्सएप्प कर सकते हैं | तो आइये पढ़ते हैं कुछ Akelapan Shayari for Love

akelapan shayari in hindi

एक चाहत होती है, जनाब अपनों के साथ जीने की,
वरना पता तो हमें भी है कि.. ऊपर अकेले ही जाना है…

खुदा जाने यह कैसी रहगुजर है, किसकी तुरबत है,
वो जब गुज़रे इधर से गिर पढ़े दो फूल दामन से।

धोखे से डरते हैं इसीलिए आज भी अकेले रहते हैं।

तन्हाई का एक ऐसा भी आलम है
जो कुछ भी करने को मजबूर कर देता है
ऊपरवाला भी ना जाने क्या चाहता है
क्यों प्यार करने वालो को दूर कर देता है।

प्यार में अकेलापन शायरी – Sensitive Akelapan Shayari

पास आकर सभी दूर चले जाते है,
अकेले थे हम अकेले ही रह जाते है!
इस दिल का दर्द दिखाये किसे?
मल्हम लगाने वाले ही जख्म दे जाते है!!

होठों ने सब बातें छुपा कर रखीं ……
आँखों को ये हुनर… कभी आया ही नहीं ……

मुझे अकेले रहने दो शायरी – Tanhai Status

वो तुम्हारे नज़रिए से अकेलापन हो सकता है
पर मेरे नज़रिए से देखो वो मेरा सुकून है।

महफ़िल से दूर
मैं अकेला हो गया
सूना सूना मेरे लिए
हर मेला हो गया।

एक महफ़िल में कई महफ़िलें होती हैं शरीक
जिस को भी पास से देखोगे अकेला होगा।

हो सकता है हमने आपको कभी रुला दिया,
आपने तो दुनिया के कहने पे हमें भुला दिया,
हम तो वैसे भी अकेले थे इस दुनिया में,
क्या हुआ अगर आपने एहसास दिला दिया…

अब इंतज़ार की आदत सी हो गई है
खामोशी एक हालत सी हो गई है
ना शिकवा ना शिकायत है किसी से
क्यूंकी अब अकेलेपन से मोहब्बत सी हो गई है।

akelapan ki shayari

तनहाई भी हम से तनहा हो गयी
मजबूरी भी हम से मजबूर हो गयी
बचा क्या था अब जिंदगी में
आखिर में मौत भी हम से बेवफ़ाई कर गयी।

खुद में काबलियत हो तो भरोसा कीजिये साहिब
सहारे कितने भी अच्छे जो साथ छोड़ जाते है।

है तमन्ना फिर, मुझे वो प्यार पाने की…….
दिल है पाक मेरा , ना कोशिश कर आज़माने की …!!

ख्वाब बोये थे, और अकेलापन काटा है,
इस मोहब्बत में “यारो” बहुत घाटा है..!!

झूठी मुस्कान मुस्कुराते
पूरी उम्र कट जाएगी
महफ़िल की आड़ में
तन्हाई कहीं छुप जाएगी।

तन्हाइयों के घरौंदे में हम बस गए
जो अकेलेपन की दास्तां सुनाई
तो मेरी बातों पर लोग हँस दिए।

अब इस घर की आबादी मेहमानों पर है
कोई आ जाए तो वक़्त गुज़र जाता है।

मज़बूरी में जब कोई जुदा होता है,
ज़रूरी नहीं कि वो बेवफ़ा होता है,
देकर वो आपकी आँखों में आँसू,
अकेले में वो आपसे ज्यादा रोता है।

shayari on akelapan

दोस्ती की राहो मे कभी अकेलापन ना मिले
ए दोस्त ज़िंदगी मे तुम्हे कभी गम ना मिले
दुआ करते है हम खुदा से
तुम्हे जो भी दोस्त मिले हम से कम ना मिले।

इस चार दिन की जिंदगी में
हम अकेले रह गए
मौत का इंतजार करते करते
अकेलेपन से मोहब्बत कर गए।

उदासियों का ये मौसम बदल भी सकता था
वो चाहता तो मेरे साथ चल भी सकता था।

हुनर-ओ-इश्क अब सीख कर आया हूँ………
चलो फिर से खेल दिल का खेलते है…..!!

अकेलेपन की शायरी

कल भी हम तेरे थे..
आज भी हम तेरे है
बस फर्क इतना है,
पहले अपनापन था.
अब अकेलापन है।

मेरी तन्हाई देखकर
उदासियां भी रो पड़ी
जब मुस्कुराने की कोशिश की
तो मेरी गुस्ताखियां रो पड़ी।

अकेले-पन भी हमारा ये दूर करती है
कि रख के देखो ज़रा अपने पास तस्वीरें।

रिश्ता हमारा इस जहां में सबसे प्यारा हो,
जैसे जिंदगी को सांसों का सहारा हो,
याद करना हमें उस पल में..
जब तुम अकेले हो और कोई ना तुम्हारा हो…

अकेलापन दर्द शायरी

तन्हाई मे अकेलापन सहा ना जाएगा.
पर महफ़िल मे अकेला रहा ना जाएगा,
उनका साथ ना हो फिर भी जिया जाएगा,
पर उनका साथ कोई और हो ये सहा ना जाएगा।

अकेला मरने के लिए तैयार हूँ
लेकिन अकेला जीने के लिए तैयार नहीं हूँ।

तन्हा दिल, तन्हा सफर
तुम्हारे बिन कटेगी कैसे
तन्हा वक़्त, तन्हा उमर।

तुझे ज़िन्दगी भर याद रखने की कसम तो नहीं ली,
पर एक पल के लिए तुझे भूल जाना भी मुश्किल है।

हालात ने तोड़ दिया हमें कच्चे धागे की तरह…
वरना हमारे वादे भी कभी ज़ंजीर हुआ करते थे..

दीप रातों को जलाके रखिये
फूल काँटों में खिलाके रखिये।
जाने कब घेर ले अकेलापन
एक-दो दोस्त बनाके रखिये।

जिंदगी में अकेलापन शायरी – Feeling Alone Shayari

तुम्हारे करीब हम कुछ इस तरह आते गये
तन्हाइयों के नजदीक, और नजदीक जाते गये।

सूने घरों में रहने वाले कुंदनी चेहरे कहते हैं
सारी सारी रात अकेले-पन की आग जलाती है।

तेरे दिल के करीब आना चाहता हूँ मैं,
तुझको नहीं और अब खोना चाहता हूँ मैं,
अकेले इस तनहाई का दर्द बर्दाश्त नहीं होता,
तू एक बार आजा तुझसे लिपट कर रोना चाहता हूँ मैं….

आज तन्हाइयो को इश्क़ है हमसे बेपनाह
कभी हम तन्हाई से दो पल की दोस्ती किया करते थे
खामोसी की परछाइया हैं जहा भी देखता हूँ मैं
कभी इन परछाईयो के मुस्कुराते चेहरे हुआ करते थे।

इस चार दिन की जिंदगी में
हम अकेले रह गए
मौत का इंतजार करते करते
अकेलेपन से मोहब्बत कर गए।

akelapan shayari 2 lines in hindi

जज्बातो में ढल के यूँ दिल में उतर गया,
बन के मेरी वो आदत, अब खुद बदल गया।

हाथ ज़ख़्मी हुए तो कुछ अपनी ही खता थी…..
लकीरों को मिटाना चाहा किसी को पाने की खातिर….!!

उफ़,
अकेलापन ये कितना बढ़ गया है
सबके मोबाइल में केवल सेल्फ़ियाँ हैं…

मेरे हाल चाल पूछने पर
झल्लाया ना करो ऐ दोस्त
हाल पूछने की कीमत उससे पूछो
जिनसे तन्हाइयों में किसी ने भी
उनका हाल ना पूछा हो।

किसी हालत में भी तन्हा नहीं होने देती
है यही एक ख़राबी मिरी तन्हाई की।

एक बार मिला भी मौका किसी की चाहत बन-ने का,
लेकिन हम उसे भी गावा बैठे,
उसने खुद अपने प्यार का इज़हार किया,
लेकिन हम उसके प्यार को ही नकार बैठे,
उस समय प्यार से महरूम थे,
आज उसे खोने का दर्द दिल को रुलाने लगा है,
ज़िंदगी तो खूब जी हमने,
पर अब ये अकेलापन सताने लगा है…

तन्हा दिन, तन्हा रातें
अकेलेपन में भी
याद आती हैं सिर्फ तेरी बातें
कोशिश कर लूं छुपाने की
पर बाहर आ ही जाती हैं जज़्बातें।

अकेले तन्हा शायरी – Tanhai Akelapan Alone Shayari

लोग हम से नाराज़ होते हैं तो कोई बात नहीं
अगर जिंदगी नाराज़ हो गयी तो जीना का मतलब नहीं।

अब ना कोई मोहब्बत का यकीन दिलाये हमें,
रूहो में बसा कर निकाला है लोगों ने हमें।

हालात की दलील देकर उन्होनें साथ छोङ़ा , तो हम आहत नहीं हुए ….,
सोचा हमसे ना सही , चलो किसी से तो वफ़ा निभाई उन्होने…

इस अकेलेपन में भी कितनी वफादारी है…..
मुझे कभी अकेला नही छोड़ता ये अकेलापन….

गीले शिकवे क्या करे ज़माने से
अकेला आये थे, अकेला जाएंगे।

बहुत तन्हा है हम
बस हम है
मेरी कलम है
और मेरी तन्हा शायरी है।

ख़्वाब की तरह बिखर जाने को जी चाहता है
ऐसी तन्हाई कि मर जाने को जी चाहता है।

अकेलापन अब हमे सताता है,
दिन मे सपने ओर रातो को जागता है,
क्या करेंगी इस खाली इमारत जैसे दिल का हाल जानके,
क्यूंकी अब तो इसे भी अकेलेपन से मोहब्बत सी हो गई है !!!

अकेलापन शायरी हिंदी में – Shayari on Akelapan in Hindi

हर शाम आँखो को तेरा इंतेज़ार रहता है,
जिधर से गया था उस और ख़याल रहता है,
दिल को अब भी तेरी ज़रूरत बहुत है साथी,
आजा लौटके आजा दिल हर दम बेक़रार रहता है।

कौन कहता हैं हम अकेले हैं
मेरे साथ तो तनहाई हैं।

अकेले कैसे रहा जाता है,
कुछ लोग यही सिखाने…
हमारी ज़िन्दगी में आते है।

हर ज़ुल्म तेरा याद है भूला तो नहीं हूँ,
ऐ वादा फरामोश मैं तुझ सा तो नहीं हूँ..

उस की जुस्तजू, इंतज़ार और अकेलापन
थक कर मुस्कुरा देता हूँ जब रोया नहीं जाता।

अकेले जीना शायरी – Shayari on Tanhai in Hindi

हम तो बस अकेले चुपचाप रहते हैं
लेकिन लोगों को हम घमंडी लगते हैं।

ज़िन्दगी के कठिनाइयों में
नया रास्ता बनाएंगे
अगर कोई साथ ना भी आया
तो खुद अकेला
उस रास्ते पर चल जाएंगे।

वो अपने दर के फकिरो से पूछते भी नही, की तुम लगाए हुए किसकी आस बैठे हो।

अकेले-पन का ‘अज़्मी’ हो भी तो एहसास कैसे हो
तसलसुल से हमारी शाम-ए-तन्हाई सफ़र में है।

आज हम अकेले हैं कभी वो हमारे साथ हुआ करते थे,
हमारा हर दिन हर रात हुआ करते थे,
उनके जाने से बुझ से गये हैं अब तो..
वरना मोहब्बत का सैलाब हुआ करते थे……

मेरी कहानी सुनोगे तो आँखों से आंसू नहीं, खून निकलेगा
दर्द इतना होगा के वो खुशी के माहौल में भी रोयेगा।

फुर्सत नहीं कि तू मुझे इक बार देख ले..
ये दिन भी आ गए है, मेरे यार देख ले।

हर मुलाक़ात पर वक़्त का तकाज़ा हुआ ;
हर याद पे दिल का दर्द ताज़ा हुआ .!

ये अकेलापन मुझे भाने लगा अब
करीब जाना मुझे चौकाने लगा अब !!

सितम समझे हुए थे हम तेरी बेइंतही को,
मगर जब गौर से देखा तो एक लुत्फ़-ए-निहा पाया।

दर्द से हम अभी खेलना सिख गये,
हम बेवफ़ाई के साथ जीना सीख गये,
क्या बताए किस कदर दिल टूटा है मेरा,
मौत से पहले, कफ़न ओढ़ कर सोना सिख गये।

अकेले जीनी है ज़िन्दगी
ये अब मैंने जान ली है
तन्हाइयों से लड़ने की
अब मैंने भी ठान ली है।

भीड़ के ख़ौफ़ से फिर घर की तरफ़ लौट आया
घर से जब शहर में तन्हाई के डर से निकला।

जिंदगी का अकेलापन – Sad Alone Shayari

क्यू दिल की बेकरारिया बॅड जाती हैं,
जब सामने मनचाहा कोई होता है,
धीरे से दिल के कोने मे हसरातो का,
एक सेलाब जाने क्यू उमड़ आता है।

हम अकेले नही रहते अकेलापन साथ आजाता है,
हम रोते नही आँखो से दिल का दर्द बयान हो जाता है,
अकेला तो चाँद भी रह जाता है तारो की महफ़िल मे
जब मानने वाला खुद ही रूठ जाता है…

चल साथ की हसरत दिल-ए-महरूम से निकले,
आशिक़ का ज़नाज़ा है ज़रा धूम से निकले।

जिंदगी अकेले रह कर जीना हैं
मतलब हर पल तुझे मरना हैं।

एक चाहत है तुम्हारे साथ जीने की,
वर्ना पता तो हमें भी है कि
मरना अकेले ही है।

बहुत मोहब्बत है तन्हाई को मुझसे
सब छोड़ जाते हैं इस तन्हाई के अलावा।

हमें भुलाकर सोना तो तेरी आदत ही बन गई है, अय सनम;
किसी दिन हम सो गए तो तुझे नींद से नफ़रत हो जायेगी।

खुदा मालूम यह गोर-ग़रीबा कैसी बस्ती है,
की आबादी बढ़ी जाती है वीरानी नही होती।

ये इश्क जादू टोना है
अगर दिल लगाया है
तो तन्हा भी होना है।

करीब आओ की आस हो नाज की मुश्किल,
दम-ए-आख़िर है, अब वक़्त-ए-इंतेहा न रहा।

मेरे मरने पर किसी को ज्यादा फर्क नहीं होगा,
बस तन्हाई रोएगी कि मेरा हमसफ़र चला गया।

चरागार अपने तो मसरूफ़ बादील है लेकिन,
कोई तकदीर के लिखे को मिटा सकते है।

akelapan shayari in hindi font

काश हमारे जीने का भी कोई मक़सद होता
जिंदगी का हमें भी मज़ा होता
शायद तनहाई लिखी हैं नसीब में
वरना मैं इस तरह अकेला नहीं होता।

बदलेंगे नहीं जज्बात मेरे तारीखों की तरह,
बेपनाह प्यार करने की ख्वाहिश उम्र भर रहेगी।

मुश्किल नज़र आता है गला काट के मारना,
आख़िर यह मुहिन भी तेरे जाबाज ने सर की।

मुझे तेरे साथ ही जीना है
चाहे तेरा हाथ पकड़ के
या तन्हाई में
तेरी यादों से जकड़ के
मुझे तेरे साथ ही जीना है।

अकेलापन शायरी २ लाइन्स

कल शाम छत पर तुझे क्या देख लिया,
के मैं तो मानो खुदा को ही देख लिया,
बेखुदी का नशा इस क़दर चढ़के बोला,
हमने सिर अपना दीवार से जा फोड़ लिया।

हर कोई मुझे जिंदगी जीने का तरीका बताता है।
उन्हे कैसे समझाऊ की एक ख्वाब अधुरा है मेरा…
वरना जीना तो मुझे भी आता है।

प्यार में इंसान
तन्हाइयों का शिकार हो जाता है
क्योंकि प्यार का रास्ता ही
तन्हाइयों से होकर जाता है।

कोसते रहते हैं अपनी जिंदगी को उम्रभर
भीड़ में हंसते हैं मगर तन्हाई में रोया करते हैं।

जिससे चाहते है हुम्म दिल-ओ-जान से,
वो करते है हमसे-ए-इश्क़ किसी और से,
कैसी दर्द-ए-तकदीर हैं हमारी यारो,
जो मार गई जी-ते-जी हुमको..

वो मुझे तनहा करके
मेरा इम्तिहान लेने लगे
वक्त का पता न चला
हम भी तनहाई से मोहब्बत करने लगे।

अकेलापन दिलजलों को खूब भाता है
यादों के मारों को सुकून
तन्हाई में ही मिल पाता है।

एक दौर था जब मेरे भी अपने हुआ करते थे,
फिर इसक हुआ और हम भीड़ में भी तनहा रहने लगे।

दिल्लगी में दिल लगा बैठे
सारा चैन-ओ-सुकून गंवा बैठे
बहुत देख ली महफिलें इश्क की
अब तन्हाइयों के आगोश में आ बैठे।

akelapan shayari for boy

शीशे का ये दिल टूट रहा था,
हम उन्हे ना ढूँढते तो क्या करते.
एहसास हुआ जब हमें उनसे दूर होने का,
हम रो कर अपनी आँख ना सुजाते तो क्या करते।

मेरा अकेलापन ही मेरा साथी हैं
मुझे किसी और की ज़रूरत नहीं
क्या करे किसी से रिश्ता जोड़ कर
जब की मुझे जिंदगी में और दर्द की ज़रूरत नहीं।

जाने क्यू अकेले रहने को मजबूर हो गये,
यादो के साए भी हमसे दूर हो गये,
हो गये तन्हा इस महफ़िल मे,
की हमारे अपने भी हमसे दूर हो गये।

आपको कुछ खबर है आप जब जाने लगे,
आपके बीमार का उस वक़्त क्या आलम हुआ।

मशवरा तो खूब देते हो कि खुश रहा करो,
कभी खुश रहने की वजह भी दे दिया करो
हम उनसे नाराज़ होकर दूर जो गए,
अब अकेलापन सहा नहीं जाता
दिन रात उनकी ही याद सताती है
अब उनके बिना रहा नहीं जाता।

तन्हाइयों से मेरी पहचान लगती है
मुझे महफिलें भी वीरान लगती है।

दर्द मन्धो से तुम्ही दूर फिरा करते हो,
पूछने वरना सभी आते हैं बीमार के पास।

महफ़िल मे नही तो तन्हाई मे फरियाद करोगे,
हमारे जैसा ना कही मिला है ना मिलेगा,
आजमा कर देखो किस्मत पे नाज़ करोगे।

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