अकबर इलाहाबादी शायरी : अकबर इलाहाबादी का पूरा नाम सैयद अकबर हुसैन है इनका जन्म 1846 में इलाहबाद में हुआ था यह एक हिंदी के कवि थे जिन्होंने अपनी रचनाओ से हिंदी जगत में अपनी एक अलग ही पहचान बना रखी है और इनकी मृत्यु 1921 में हुई थी यह अपनी रचनाओ की बदौलत पुरे विश्व में काफी प्रसिद्ध भी हुए है तो आज हम आपको अकबर जी द्वारा की गयी रचनाओ की कुछ झलक दिखाते है जिसकी वजह से उन्होंने हिंदी जगत में एक अलग पहचान बनायीं है | अकबर जी एक प्रेरणादायक थे जिनकी द्वारा की गयी रचनाये दिल छूने वाली है | उन्होंने लव के ऊपर भी कई तरह की शेरो शायरिया और दो लाइन के शेर भी सुनाये है जो की काफी प्रसिद्ध हुए है |
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फनी शायरी ऑफ़ अकबर इलाहाबादी : अकबर इलाहाबादी द्वारा की गयी शायरियो के बारे में जाने और चाहे तो आप उन्हें फेसबुक या व्हाट्सएप्प पर अपने दोस्तों को शेयर कर सकते है :
अकबर दबे नहीं किसी सुल्ताँ की फ़ौज से
लेकिन शहीद हो गए बीवी की नौज से
अक़्ल में जो घिर गया ला-इंतिहा क्यूँकर हुआ
जो समा में आ गया फिर वो ख़ुदा क्यूँकर हुआ
कोट और पतलून जब पहना तो मिस्टर बन गया
जब कोई तक़रीर की जलसे में लीडर बन गया
कॉलेज से आ रही है सदा पास पास की
ओहदों से आ रही है सदा दूर दूर की
एक काफ़िर पर तबीअत आ गई
पारसाई पर भी आफ़त आ गई
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लव शायरी अकबर इलाहाबादी : अकबर इलाहाबादी द्वारा की गयी लव के ऊपर की शायरियो के बारे में जानने के लिए आप हमारे इस पोस्ट पर देख सकते है यहाँ आपको हर प्रकार की अकबर इलाहाबादी की शायरियां मिलती है :
इलाही कैसी कैसी सूरतें तू ने बनाई हैं
कि हर सूरत कलेजे से लगा लेने के क़ाबिल है
इस गुलिस्ताँ में बहुत कलियाँ मुझे तड़पा गईं
क्यूँ लगी थीं शाख़ में क्यूँ बे-खिले मुरझा गईं
इस क़दर था खटमलों का चारपाई में हुजूम
वस्ल का दिल से मिरे अरमान रुख़्सत हो गया
इश्क़ के इज़हार में हर-चंद रुस्वाई तो है
पर करूँ क्या अब तबीअत आप पर आई तो है
इश्क़ नाज़ुक-मिज़ाज है बेहद
अक़्ल का बोझ उठा नहीं सकता
Akbar Allahabadi Funny Poetry
अकबर इलाहाबादी फनी पोएट्री : अकबर जी द्वारा की गयी फनी पोएट्री के लिए आप हमारे पास से जान सकते है उनकी कुछ बेहतरीन शायरियां :
इश्वा भी है शोख़ी भी तबस्सुम भी हया भी
ज़ालिम में और इक बात है इस सब के सिवा भी
ख़ुदा से माँग जो कुछ माँगना है ऐ ‘अकबर’
यही वो दर है कि ज़िल्लत नहीं सवाल के बा’द
किस नाज़ से कहते हैं वो झुँझला के शब-ए-वस्ल
तुम तो हमें करवट भी बदलने नहीं देते
कुछ इलाहाबाद में सामाँ नहीं बहबूद के
याँ धरा क्या है ब-जुज़ अकबर के और अमरूद के
कुछ नहीं कार-ए-फ़लक हादसा-पाशी के सिवा
फ़ल्सफ़ा कुछ नहीं अल्फ़ाज़-तराशी के सिवा
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Akbar Allahabadi Funny Poetry In Hindi
अकबर इलाहाबादी फनी पोएट्री इन हिंदी : हिंदी में सैयद जी द्वारा की गयी फनी शायरियो के बारे में जानने के लिए आप हमारे नीचे दी गयी शायरियां पढ़ सकते है :
कुछ तर्ज़-ए-सितम भी है कुछ अंदाज़-ए-वफ़ा भी
खुलता नहीं हाल उन की तबीअत का ज़रा भी
क्या पूछते हो ‘अकबर’-ए-शोरीदा-सर का हाल
ख़ुफ़िया पुलिस से पूछ रहा है कमर का हाल
क्या वो ख़्वाहिश कि जिसे दिल भी समझता हो हक़ीर
आरज़ू वो है जो सीने में रहे नाज़ के साथ
क़ौम के ग़म में डिनर खाते हैं हुक्काम के साथ
रंज लीडर को बहुत है मगर आराम के साथ
उन्हें भी जोश-ए-उल्फ़त हो तो लुत्फ़ उट्ठे मोहब्बत का
हमीं दिन-रात अगर तड़पे तो फिर इस में मज़ा क्या है
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