भारत के इतिहास में बहुत से प्रमुख और महान इतिहासकार और साहित्यकार थे जिनकी रचनाओं की चर्चा आज भी की जाती हैं| इन्ही में से एक रचनाकार का नाम था आचार्य रामचंद शुक्ल| वे भारत के बीसवीं सदी के जाने माने साहित्यकार, रचनाकार ,कथाकार और कवी थे| वे हिंदी वैधानिक के बहुत बड़े आलोचक थे| हिंदी पाठ वैधानिक की आलोचना उन्ही के द्वारा हुई थी| आज इस पोस्ट के द्वारा हम आपको आचार्य रामचंद्र शुक्ल की रचनाएँ ,आचार्य रामचन्द्र शुक्ल और हिन्दी आलोचना ,आचार्य रामचंद्र शुक्ल के निबंध उत्साह ,रामचंद्र शुक्ल की कविता ,acharya ramchandra shukla wikipedia in hindi और राम शुक्ल के जीवन परिचय के बारे में जानकारी देंगे|
यह भी देंखे :ओशो का जीवन परिचय – Acharya Rajneesh Osho Biography in Hindi
आचार्य रामचंद्र शुक्ल जीवनी
आचार्य रामचंद का जन्म उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में 8 अक्टूबर 1884 में हुआ था| इनके गांव का नाम अगोना था| आचार्य रामचंद्र शुक्ल की माता का नाम विभाषी और पिता का नाम चन्द्रबली शुक्ल था| उनकी नियुक्ति सदर कानूनगो के पद पर होने की वजह से वे सेह परिवार के साथ मिर्ज़ापुर में बस गए| जब रामचंद्र 9 वर्ष के थे तभी उनकी माता का स्वास्थ खराब होने के कारण देहांत हो गया| बाल काल में माँ की मृत्यु की दुःख की वजह से वनके मन के विचारो में बदलाव आ गया| अध्यन के प्रति उनकी रूचि बचपन से ही थी परन्तु इसके लिए उनके घर का वातावरण अनुकूल था|
Acharya Ramchandra Shukla History In Hindi
उन्होंने लन्दन मिशन स्कूल से अच्छे नंबर लाकर अपनी शिक्षा प्राप्त की| उनका बचपन से ही मन साहित्यकार और रचनाकार बन्ने का था परन्तु उनके पिताजी कुछ और ही चाहते थे| वो रामचंद्र जी को तहसील में दफ्तर में बैठकर काम करते देखना चाहते थे| आचार्य जी की तहसील की नौकरी में बिलकुल भी रूचि नहीं थी| उनके पिता जी ने उन्हें पढ़ने के लिए इलाहाबाद भेज दिया परन्तु कम रूचि के चलते वे पूरी परीक्षाओ में अनुत्तीर्ण रहे|
उन्होंने १९०३ से लेकर १९०८ साल तक आनन्द कादम्बिनी में सहायक सम्पादक के रूप में काम किया | वे लन्दन मिशन स्कूल में ड्रॉइंग के अध्यापक भी रहे| उनके लेख पत्रिकाओं में भी छपते थे जिसकी वजह से उनका नाम पुरे साहित्य जगत में मशहूर हो गया| वे काशी हिंदू विश्वविद्यालय में हिंदी के प्राध्यापक के पद पर नियुक्त हुए| सन 2 फरवरी 1941 में उनके हृदय के रोग की वजह से निधन हो गया| 2006 में दिल्ली की विश्व पुस्तक समारोह में उनकी साहित्यो की एक पुस्तक की रचना की |
यह भी देंखे :डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जीवन परिचय – Dr. Radhakrishnan Biography in Hindi
हिन्दी साहित्य का इतिहास रामचन्द्र शुक्ल
आचार्य रामचंद शुक्ल की सबसे प्रचलित साहित्य का नाम हिंदी साहित्य का इतिहास था| इनकी यह साहित्य रचना आज के समय में भी बहुत प्रचलित हैं| इसमें उन्होंने हिंदी साहित्य के पुरे इतिहास के बारे में निबंध और कविता के रूप में वर्णन किया हैं| इसमें उन्होंने हिंदी इतिहास के सभी प्रचलित कवि और रचनाकारो के बारे में और उन की कविता और रचनाओं का विस्तार से वर्णन किया हैं|
Contents
