Holi par kavita : जैसा की हम सभी जानते है की होली हिन्दुओ के लिए बहुत ही ख़ास और मनोरंजन का त्यौहार है तो ऐसे ही हमारे कुछ विश्व-विख्यात कवि हुए जिन्होंने होली के ऊपर कविताये लिखी तो आज हम बताएँगे की होली कैसे मनाई जाती है क्या खासियत है होली 2021 की और आपको ऐसे ही कुछ ख़ास होली पर शायरी जो होली के ऊपर बनी हुई है उनकी जानकारी देंगे वैसे तो आजकल के स्कूलों में भी होली पर निबंध विशेष रूप से पढ़ाया जाता है |

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होली पर बाल कविता | Holi Par Baal Kavita

Holi Poem : अगर आप होली कविता पोएम इन हिंदी के माध्यम से जानना चाहे तो जाने किस प्रकार से होली की शुभकामनाये अपने दोस्तों को होली कविता के माध्यम से देंगे :

गुलाल की छींटें
जो बिखराए थे कभी राहों में
मेरा फागुन
आज भी महका जाती हैं
छूती हैं हौले से मुझे
मन चन्दन हो जाता है

सामने थाल में हो जब
बर्फी, गुझिया रसीले
तो मीठी है होली
पर हो जब उसमें
भूख, बेबसी, गरीबी
तो कहो कैसी है होली?

रंग तुम्हारे
चुपचाप मेरे जीवन में
चले आते हैं
बेनूर चूनर पर
बरस
मुझ में समा जाते हैं
मै सतरंगी हो जाती हूँ

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होली पर छोटी कविता – होली का त्यौहार | Holi ka Tyohaar

holi par kavita hindi me : होली का त्यौहार के साथ आप होली के रंग कवि‍ताओं के संग पढ़िए जिनसे की आप बेहतरीन कविताये पा सकते है

रंग पर चढ़ के
शब्द तुम्हारे
गलियारे में उधम मचाते हैं
रात डेवड़ी पर
औंधेमुँह सो जाते हैं
फींके सपने मेरे
इन्द्रधनुषी हो जाते हैं

बचा सबकी नज़र
मुझ पर फेंका
प्रेम रंग
उस का अभ्रक
चुभता है आज भी आँखों में
हर होली आँखें बरस जाती हैं

होली की मस्ती में
खेला खूब रंग
उधड़ी त्वचा बाल गिरा
आँखें हो गईं लाल
टेसू के रंग नहीं
रसायनिक हैं अबीर गुलाल

होली पर कविता

होली पर हिंदी कविता – होली पर हिन्दी कविता

अगर आप होली के त्यौहार के Holi Shayari In Hindi लिए कुछ बेहतरीन Comedy HD 3D High Quality Images, Wallpapers, Photos, Pictures, Pics, greeting card को अपने दोस्तों, Best Friend, Cousin, Best Friends, Him/her, Boyfriend/Girlfriend, BF/GF, Husband/Wife, family Mother Father Mom dad hubby को Romantic Latest Special, Funny, Hillarious, Awesome, Best, Cute, DP, Profile, one line, Two Line को भेजना चाहे या सोशल मीडिया फेसबुक, व्हाट्सएप्प या इंस्टाग्राम पर शेयर करना चाहो तो यहाँ से जान सकते है :

होली पर हास्य कविता

महँगाई की मार
गरीबों के रसोई पर पड़ती है
इनके घर
गुझिया कहाँ तलती है
रंग है नहीं
तो कीचड़ से चलते हैं काम
सोचती हूँ
क्या त्यौहार में भी नहीं आते हैं
इनके घर भगवान

बुराई जली
प्रह्‌लाद बचा
तो होली का रंग सजा
आज चहुँओर है
होलिका का राज
कोने में जल रहा प्रह्‌लाद
फिर कैसी होली है आज

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होली त्योहार पर कविता – Holi Tyohar Par Kavita

लाल गुलाबी नीली पीली
खुशियाँ रंगों जैसे छायीं
ढोल मजीरे की तानों पर
बजे उमंगों की शहनाई !
गुझिया पापड़ पकवानों के
घर घर में लगते मेले
खाते गाते धूम मचाते
मन में खुशियों के फूल खिले

अबकी होली में हो जाये,कुछ एसा अदभुत चमत्कार
हो जाये भ्रष्टाचार स्वाहा, महगाई,झगड़े, लूटमार
सब लाज शर्म को छोड़ छाड़,हम करें प्रेम से छेड़ छाड़
गौरी के गोरे गालों पर ,अपने हाथों से मल गुलाल
जा लगे रंग,महके अनंग,हर अंग अंग हो सरोबार
इस मस्ती में,हर बस्ती में,बस जाये केवल प्यार प्यार
दुर्भाव हटे,कटुता सिमटे,हो भातृभाव का बस प्रचार
अबकी होली में हो जाये,कुछ एसा अदभुत चमत्कार

होली पर एक कविता – Holi Par Ek Kavita

अगर आप Holi Festival के उपलक्ष्य में होली शुभकामनाये सन्देश, Wishes, SMS, Messages, Msg, Shayari, Whatsapp Status, Short, Long Quotes, Jokes, hilarious को आप हर साल 2008, 2009, 2010, 2011, 2012, 2013, 2014, 2015, 2020, 2020, 2021 होली के लिए हर तरह की भाषा Hindi, English, Marathi, Gujarati, Kannad, Malyalam, Punjabi, Telugu, Tamil, Urdu, Nepali, Bhojpuri के Language Font में आप जान सकते है तथा bollywood के गीत-गानो के साथ नाच सकते है :

देखो-देखो होली है आई
चुन्नू-मुन्नू के चेहरे पर खुशियां हैं आई
मौसम ने ली है अंगड़ाई।
शीत ऋतु की हो रही है बिदाई
ग्रीष्म ऋतु की आहट है आई
सूरज की किरणों ने उष्णता है दिखलाई
देखो-देखो होली है आई।
बच्चों ने होली की योजना खूब है बनाई
रंगबिरंगी पिचकारियां बाबा से है मंगवाई
रंगों और गुलाल की सूची है रखवाई
जिसकी काका ने अनुमति है नहीं दिलवाई।
दादाजी ने प्राकृतिक रंगों की बात है समझाई
जिस पर सभी बच्चों ने सहमति है जतलाई
बच्चों ने खूब मिठाइयां खाकर शहर में खूब धूम है मचाई
देखो-देखो होली है आई।
होली ने भक्त प्रहलाद की स्मृति है करवाई
बच्चों और बड़ों ने कचरे और अवगुणों की होली है जलाई
होली ने कर दी है अनबन की सफाई
जिसने दी है प्रेम की जड़ों को गहराई।
बच्चों! अब है परीक्षा की घड़ी आई
तल्लीनता से करो पढ़ाई वरना सहनी पड़ेगी पिटाई
अथक परिश्रम, पुनरावृत्ति देगी सफलता
अपार जन-जन की मिलेगी बधाई
होगा प्रतीत ऐसा होली-सी खुशियां हैं फिर लौट आई
देखो-देखो होली है आई।

Famous Hasya Kavitayen Holi Par

निकल पड़ी मद-मस्त ये टोली,
सबकी जुबाँ पे एक ही बोली
फिर से सजेगी रंग की महफिल,
प्यार की धारा बनेगी होली|
होली के ओजार कई हैं, जोड़ने वाले तार कई हैं
रंग बिरंगे बादल से होने वाली बोछार कई है
पिचकारी का ज़ोर क्या कम है, बन्दूक में ही रहने दो गोली
फिर से सजेगी रंग की महफिल, प्यार की धारा बनेगी गोली|
कब तक रूठे रहोगे तुम, बोलो कुछ क्यों हो गुमसुम
तुमको रंग लगाने में लगता कट जाएगी दुम
कड़वाहट की कैद से निकलो; अब तो बन जाओ हमजोली
फिल से सजेगी रंग की महफिल, प्यार की धारा बनेगी होली|
मन में नहीं कपट छल हो, ऊँचा बहुत मनोबल हो
होली के हर रंग समेटे दिल पावन गंगाजल हो
अंतर मन भी स्वच्छ हो पूरा, सूरत अगर है प्यारी भोली
फिर से सजेगी रंग की महफिल, प्यार की धारा बनेगी होली|
निकल पड़ी मद-मस्त ये टोली,
सबकी जुबाँ पे एक ही बोली
फिर से सजेगी रंग की महफिल,
प्यार की धारा बनेगी होली|

होली पर व्यंग कविता – होली पर रोमांटिक कविता

आओ बच्चों इस होली में
कुछ नवीन कर डालें,
ऊँच-नीच, निर्बल सबको हम
अपने गले लगा लें।
जिनके पास नहीं कुछ भी है
उनको भी हम रंग दें,
मित्र बना करके उन सबको
हम टोली का संग दें ।
खाते नहीं मिठाई, गुझिया
कुछ उनको भी बांटे,
प्रेम प्रीत का सबक सिखाएं
न दुत्कारे-डांटे।
यह संदेश होलिका माँ का
द्वार-द्वार पहुंचाएं,
जीवन जीते परहित में
वही महान कहलाए।

होली आई रे पर कविता

करो आतंकियों पर वार अबकी बार होली में.
न उनको मिल सके घर-द्वार अबकी बार होली में.
बना तोपोंकी पिचकारी चलाओ यार अब जी भर.
निशाना चूक न पाए, रहो गुलज़ार होली में.
बहुत की शांति की बातें, लगाओ अब उन्हें लातें.
न कर पायें घातें कोई अबकी बार होली में.
पिलाओ भांग उनको फिर नचाओ भांगडा जी भर.
कहो बम चला कर बम, दोस्त अबकी बार होली में.
छिपे जो पाक में नापाक हरकत कर रहे जी भर.
करो बस सूपड़ा ही साफ़ अब की बार होली में.
न मानें देव लातों के कभी बातों से सच मानो.
चलो नहले पे दहला यार अबकी बार होली में.
जहाँ भी छिपे हैं वे, जा वहीं पर खून की होली.
चलो खेलें ‘सलिल’ मिल साथ अबकी बार होली में.

Poem On Holi in Hindi language

होली खेलें सिया की सखियाँ,
जनकपुर में छायो उल्लास….
रजत कलश में रंग घुले हैं, मलें अबीर सहास.
होली खेलें सिया की सखियाँ…
रंगें चीर रघुनाथ लला का, करें हास-परिहास.
होली खेलें सिया की सखियाँ…
एक कहे: ‘पकडो, मुंह रंग दो, निकरे जी की हुलास.’
होली खेलें सिया की सखियाँ…
दूजी कहे: ‘कोऊ रंग चढ़े ना, श्याम रंग है खास.’
होली खेलें सिया की सखियाँ…
सिया कहें: ‘ रंग अटल प्रीत का, कोऊ न अइयो पास.’
होली खेलें सिया की सखियाँ…
सियाजी, श्यामल हैं प्रभु, कमल-भ्रमर आभास.
होली खेलें सिया की सखियाँ…
‘शान्ति’ निरख छवि, बलि-बलि जाए, अमिट दरस की प्यास.
होली खेलें सिया की सखियाँ…

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