Holi Kyu Manayi Jati Hai | What is Holi : होली का दिन बहुत ही खास होता है इस त्यौहार को सभी लोग बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ मनाते है यह त्यौहार होलिका की याद में मनाया जाता है इसी दिन होलिका का आग में जलकर दहन हुआ था तो हम लोग भी होली से एक दिन पहले यानि छोटी होली को होलिका दहन करते है होली बसंत ऋतु में आती है और इस त्यौहार को मनाते है वैसे तो होली पर निबंध भी स्कूलों में परीक्षाओ में आता है | इसके अलावा हम आपको होली पर शायरी और होली पर कविता भी पढ़ चुके है जिन के माध्यम से आप इस दिन की शुभकामनाये अपने दोस्तों को दे सकते है |

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होलिका कौन थी | Holika Kon Thi

क्यों मनाई जाती है होली जानें : होलिका बहुबलशाली राजा हिरणकश्यप की बहन और प्रह्लाद की बुआ थी जिकी वजह से आज हम यह दिन (होली) मनाते है और होलिका के पास देवताओ द्वारा यह वरदान प्राप्त था की अग्नि से उसका कुछ नहीं होगा लेकिन जब वह अपने भतीजे प्रह्लाद को लेकर आग में लेकर बैठी तो प्रह्लाद की शक्तिओ के आगे वह खुद ही उस अग्नि में जलकर भस्म हो गयी और प्रह्लाद को आग छू न सकी |

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होली कैसे मनाते है | Holi kaise manate hai

कैसे और क्यों मनाएं होली : हम आपको बताते है की होली कब, क्यों, कैसे, कहाँ मनाई जाती है होली मनाने के लिए होली वाले दिन सबसे पहले हम अपने घर के सभी बड़े लोगो के पैर छूकर और साथियो के गले मिलकर उन्हें गुलाल लगाते है उसके बाद दिन में रंगों की होली भी खेलते है इस दिन सही लोगो के घर में गुजिया, पापड़, और भी अनेक प्रकार के पकवान बनते है जिनको की बड़े ही स्वाद के साथ खाया जाता है |

होली कैसे मनाते है

 

होली पर्व का इतिहास | Holi ka Itihaas

होली क्यों मनाते हैं : एक बलशाली राजा हिरणकश्यप था और उनके पुत्र का नाम प्रह्लाद था और बहन का नाम होलिका था होलिका को देवताओ द्वारा अग्नि में न जलने का वरदान प्राप्त था हिरणकश्यप का भगवान विष्णु से बैर था क्योंकि उन्होंने उनके छोटे भाई को मर डाला था जिसके लिए हिरणकश्यप ने कठोर तपस्या की शक्तिओ हासिल की लेकिन उनका पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का भक्त था लेकिन वो चाहता था की प्रह्लाद समेत उनके पूरे राज्य में सभी उनकी भक्ति करे और उसने प्रह्लाद को समझाया लेकिन वो भगवान विष्णु के ध्यान में मग्न रहता था तभी हिरणकश्यप ने बहन होलिका के साथ प्रह्लाद को मारने की योजना बनायीं होलिका को आग में न जलने का वरदान प्राप्त था इसलिए उसको यह निर्देश दिए गए की प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्नि पर बैठ जाये लेकिन जब योजनानुसार होलिका प्रह्लाद को अग्नि में लेकर बैठी तो वह खुद ही अग्नि में भस्म हो गयी भगवान विष्णु की कृपा से भक्त प्रह्लाद का कुछ नही हुआ |

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होली कब मनाई जाती है

होली का त्यौहार हर साल फाल्गुन मास को पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है । इस पर्व का विशेष धार्मिक, पौराणिक व सामाजिक महत्व है । इस त्यौहार को मनाने के पीछे एक पौराणिक कथा प्रसिद्‌ध है होली मुख्य रूप से हिन्दू धर्म के लोगों के साथ साथ भारत, नेपाल तथा विश्व के अन्य क्षेत्रों में मनाया जाता है |

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होली क्यों मनाई जाती है – फेस्टिवल होली का इतिहास, होली त्यौहार मनाने की विधि व महत्व
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