Sardar Vallabhbhai Patel Par Nibandh : लौह पुरुष नाम के मशहूर सरदार बल्लभ भाई पटेल जी का जन्म 31 अक्टूबर 1857 को हुआ था यह एक स्वतंत्रता सेनानी के साथ-2 आज़ाद भारत के पहले गृहमंत्री और उप-प्रधानमंत्री थे | राष्ट्रीय एकता के शिल्पी भी रह चुके है और इन्हे नवीन भारत का निर्माता भी कहा जाता है | इसीलिए भारत में हर साल लौह पुरुष सरदार बल्लभभाई पटेल जी की जयंती मनाई जाती है जो की हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है इसे हमारे भारत देश में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है | कई स्कूलों व कॉलेजों में बल्लभभाई पटेल के ऊपर Essay भी लिखाये जाते है और उनके व्यक्तित्व पर अच्छी तरह से प्रकाश डाल कर सभी बच्चो को दिखाया जाता है |
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सरदार वल्लभभाई पटेल की जीवनी
शुरूआती जीवन
सरदार पटेल जी का जन्म 31 अक्टूबर 1875 नडियाद, बॉम्बे प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत में हुआ था तथा इनके पिता का नाम झवेरभाई और माता का नाम लाडबा देवी था इनका व्यक्तित्व बचपन से ही बहुत अधिक प्रभावशाली रहा है और इन्हे कुछ भी चीज़े बहुत ही जल्दी सीखने की आदत थी |
शिक्षा
इन्होने अपनी 22 साल की उम्र में ही मैट्रिक की परीक्षा शुरू की उसके बाद इन्होने किसी कारणवश पढाई छोड़नी पड़ी | उसके बाद इन्होने 36 वर्ष की उम्र में इंग्लैंड जाकर Law की पढाई करना प्रारम्भ किया तथा बैरिस्टर की 36 माह की पढाई को इन्होने मात्र 30 महीने में ही पूरा कर लिया क्योकि इन अंदर स्वाध्याय की भावना थी और यह पढाई में बहुत माहिर थे |
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सरदार पटेल का योगदान
स्वतंत्रता आंदोलन में भागीदारी
सरदार बल्लभभाई पटेल राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी से प्रेरित थे और उन्ही के कारणवश उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अपना भागीदारी करने के निश्चय किया था | उन्होंने सबसे पहले अपना योगदान खेड़ा संघर्ष में किया जब खेड़ा बुरी तरह से सूखे की चपेट में आ गया था तब उन्होंने गाँधी जी के साथ मिल कर इस संघर्ष को सफल बनाया इसमें उन्होंने अंग्रेज़ो के सामने भारी मात्रा में कर छूट की मांग की | उन्होंने किसानो का साथ दिया और उनका नेतृत्व किया जिसकी वजह से ब्रिटिश सर्कार को किसानो को आगे झुकना पड़ा और उन्होंने करो में राहत देने का निश्चय किया | उसके बाद उन्होंने बारडोली सत्याग्रह में अपना योगदान दिया और सफलता हासिल की जिसकी वजह से उन्हें पहले बारडोली का सरदार उसके बाद सरदार कहा जाने लगा |
पटेल जी का सम्मान
पटेल जी को उनके देश प्रेम के लिए भारत सरकार द्वारा सम्मानित भी किया गया था जिसके लिए उन्हें उनके सम्मान निम्न प्रकार है जो की हमारे बीच उनका योगदान बताते है :
- पटेल जी के नाम पर ही अहमदाबाद का अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम सरदार वल्लभभाई पटेल अन्तराष्ट्रीय हवाई अड्डा रखा गया था |
- उनके नाम से विश्वविद्यालय भी है जिसमे की गुजरात के वल्लभ विद्यानगर में सरदार पटेल विश्वविद्यालय नाम से विश्विद्यालय भी है |
- मरने के बाद उन्हें सन 1991 में भारत रत्न से सम्मानित भी किया गया |
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी
सरदार जी को राष्ट्रीय एकता के शिल्पी थे क्योकि वह एकता की मिसाल देते थे जिसकी वजह से 31 अक्टूबर 2013 को सरदार बल्लभभाई पटेल की 137वीं जयंती के उपलक्ष्य में भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुजरात के नर्मदा जिले में पटेल जी के स्मारक का निर्माण किया गया | इसे ‘एकता की मूर्ति’ (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी) के नाम से जाना जाता है यह मूर्ति करीब 93 मीटर ऊँची बनायीं गयी थी इस मूर्ति की लागत करीब 2500 करोड़ की लागत से 5 वर्ष में बन कर तैयार होनी है |
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