Makar Sankranti Par Nibandh 2022 – एस्से ऑन मकर संक्रांति इन हिंदी : मकर संक्रांति का त्यौहार एक बहुत बड़ा त्यौहार होता है जो की नए साल में पहला त्यौहार होता है इसी त्योहर के बाद से नए-2 त्योहारों का आग़ाज़ हो जाता है | मकर संक्रांति लोहड़ी के बाद आती है और इस त्यौहार को लगभग भारत देश के हर राज्य में मनाते है

इसीलिए कई स्कूलों व कॉलेजो में चाहे कोई भी क्लास जैसे 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 व 12 हर क्लास के Kids को पढ़ाया जाता है और आप हमारे माध्यम से हर भाषा जैसे संस्कृत, हिंदी, मराठी, गुजराती, बंगाली, ओड़िआ, पंजाबी, कन्नड़ व तेलगु जैसी लैंग्वेज में PDF File जान सकते है | इसीलिए अगर वह बच्चे मकर संक्रांति के ऊपर एस्से या निबंध जानना चाहते है तो इसके लिए आप हमारे द्वारा बताई गयी जनकारी को पढ़ सकते है |

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मकर संक्रांति के बारे में

मकर संक्रांति का त्यौहार हिन्दू धर्म के लिए बहुत अधिक महत्त्व रखता है और इसी दिन सूर्य उत्तरायण होकर उत्तरायन होकर मकर रेखा से गुजरता है | मकर संक्रांति का त्यौहार हर साल नए साल के बाद ही शुरू होता है और यह हर बार जनवरी 14 को ही पड़ता है लेकिन कभी-2 यह एक दिन पहले या बाद में भी मनाया जाता है जैसे की 13 जनवरी या 15 जनवरी को पड़ता है उसी तरह इस साल यानि की 2022 में यह त्यौहार 14 जनवरी को ही पड़ेगा |

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मकर संक्रांति क्यों मनाया जाता है

मकर संक्रांति का त्यौहार सूर्य देव के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करने के लिए मनाया जाता है लेकिन इसके पीछे एक यह भी मान्यता है की भगवान सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने के लिए उनके घर जाते है लेकिन ज्योतिष दृष्टि की माने तो सूर्य व शनि का तालमेल संभव नहीं है और शनि मकर राशि के स्वामी है इसीलिए सूर्य देव खुद उनसे मिलने के लिए मकर राशि में प्रवेश करते है |
एक अलग मान्यता इस प्रकार है की महाभारत काल में इसी दिन भीष्म पितामह ने अपने अपने प्राण त्यागे थे और उनसे प्राण त्यागने का दिन पूछा गया तो उन्होंने मकर संक्रांति के दिन को ही चुना |

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मकर संक्रांति का महत्व

यह त्योहार हिंदू देवता सूर्य को समर्पित है। सूर्य का यह महत्व वैदिक ग्रंथों, विशेष रूप से गायत्री मंत्र, हिंदुत्व का एक पवित्र भजन ऋग्वेद नामक ग्रंथ में पाया गया है। त्योहार भी उत्तरप्रदेश के हिंदुओं के लिए छः महीने की शुभ अवधि की शुरुआत करता है।

मकर संक्रांति को आध्यात्मिक प्रथाओं के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है और तदनुसार लोग नदियों, विशेषकर गंगा, यमुना, गोदावरी, कृष्णा और कावेरी में एक पवित्र डुबकी लेते हैं। माना जाता है कि स्नान के परिणामस्वरूप पिछले पापों की योग्यता या अनुपस्थिति हो सकती है। वे सूर्य देव से भी प्रार्थना करते हैं और अपनी सफलता और समृद्धि के लिए धन्यवाद करते हैं।

भारत के विभिन्न हिस्सों के हिंदुओं के बीच मिलते हुए एक साझा सांस्कृतिक प्रथा, विशेष रूप से तिल (तिल) से चीनी मिलों को बना रही है और एक चीनी आधार जैसे गुड़ (गुड, गुरु)। व्यक्तियों के बीच विशिष्टता और अंतर के बावजूद, इस तरह की मिठाई शांति और आनंद में एक साथ होने के प्रतीक हैं |

मकर संक्रांति पर निबंध 2020

Makar Sankranti Par Nibandh In Hindi

मकर संक्रांति हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है। मकर संक्रांति भारत, नेपाल और बांग्लादेश में काफी धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार ज्यादातर 14 जनवरी को मनाया जाता है, कभी-कभी इसे 15 जनवरी को भी मनाया जाता है। मकर संक्रांति पूरे भारत में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। इस त्यौहार को मनाने का सबसे बड़ा कारण यह होता है कि इसी समय नई-नई फसल काटी जाती है और किसान लोगों का घर अन्न से भर जाता है। लोग इसी खुशी में अन्न की पूजा करते हैं और अच्छा-अच्छा खाना बनाकर खाते हैं। मकर संक्रांति गर्मी शुरुआत होने का संकेत है। भारत के कुछ प्रदेशों में यह एक से ज्यादा दिनों तक चलता है, लेकिन ज्यादातर जगहों में यह त्यौहार सिर्फ एक दिन का होता है।

बिहार में मकर संक्रांति के दिन ज्यादातर लोग नए अनाज से खिचड़ी बनाते हैं। लोग सुबह-सुबह दही चूड़ा और तिल से बने हुए मिठाइयां जैसे तिलकुट, तिल और गुड़ से बना लड्डू खाते हैं। भारत के कई जगहों खासकर गुजरात में इस दिन पतंग उड़ाने की परंपरा है। महाराष्ट्र में मकर संक्रांति के दिन लोग अलग-अलग रंगों के दानों वाला लड्डू खाते हैं और मेहमानों को भी खिलाते हैं। पंजाब में मकर संक्रांति के दिन लोग नदी में सुबह-सुबह पवित्र स्नान करते हैं। उसके बाद वह सब अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ मिलकर भांगड़ा करते हैं। भांगड़ा करने के बाद वह सब स्वादिष्ट पकवान खाते हैं, जिसमें खीर भी होता है। पंजाब में इस त्योहार को लोहड़ी के नाम से भी जाना जाता है

तमिलनाडु में मकर संक्रांति पोंगल के नाम से जाना जाता है और यह चार दिनों का त्योहार होता है। उत्तर प्रदेश में मकर संक्रांति के दिन इलाहाबाद और वाराणसी की पवित्र नदियों में लोग स्नान करते हैं, स्नान करने के बाद लोग मिठाइयां और पकवान साथ में गुड़ भी खाते हैं और पतंग उड़ाते हैं। बंगाल में मकर संक्रांति के दिन पीठा बनाया जाता है जो एक स्वादिष्ट मिठाई की तरह है।

मकर संक्रांति में कई जगह मेले भी लगाए जाते हैं जहां गांव के लोग घूमने जाते हैं।

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मकर संक्रांति मराठी निबंध | मकर संक्रांति माहिती मराठी | मकर संक्रांति वर निबंध 2022

मकर संक्रांती हा हिंदूंचा मोठा सण आहे. भारत, नेपाळ आणि बांगलादेशमध्ये मकर संक्रांतीचा मोठा उत्सव साजरा केला जातो. हा उत्सव मुख्यतः 14 जानेवारी रोजी साजरा केला जातो, काहीवेळा तो 15 जानेवारीला साजरा केला जातो. मकरसंक्रांत भारतभर विविध प्रकारे साजरा केला जातो. हा सण साजरा करण्याचा सर्वात मोठा कारण म्हणजे यावेळी नवीन पीक कापली जाते आणि शेतकरी घराचे लोक अन्नाने भरले आहेत लोक या आनंदात अन्न खातात आणि चांगले अन्न खातात. मकर संक्रांति ही उन्हाळ्याची सुरुवात आहे. भारताच्या काही राज्यांमध्ये, एक दिवसांपेक्षा जास्त काळ टिकतो, परंतु बर्याच ठिकाणी हा सण फक्त एक दिवस असतो |

बिहारमधील मकर संक्रांतीच्या दिवशी बहुतेक लोक नवीन धान्य देतात. लोक दही, तिळ आणि गुळापासून बनवलेले लाडू खातात आणि सकाळी दही आणि गुळापासून बनतात. भारताच्या अनेक ठिकाणी, विशेषत: गुजरातमध्ये, या दिवशी पतंग उडवून देण्याची ही परंपरा. महाराष्ट्रातील मकर संक्रांतीच्या दिवशी लोक वेगवेगळ्या रंगाने लाडू खातात आणि पाहुण्यांनाही खातात पंजाबमधील मकर संक्रांतीच्या दिवशी लोक सकाळी नदीच्या काठावर पवित्र स्नान करतात. त्यानंतर त्यांच्या सर्व नातेवाईक आणि मित्रांबरोबर एकत्र भांगडा करतात. भांगडा नंतर ते सगळे मस्त भोरे खातात, ज्यामध्ये खिरही असतो. पंजाबमध्ये, हा उत्सव लोहडी म्हणूनही ओळखला जातो |

तामिळनाडूमध्ये, मकरला संक्रांती पोंगल म्हणतात आणि हा चार दिवसांचा उत्सव आहे. उत्तर प्रदेशातील मकर संक्रांतीच्या दिवशी, लोक अलाहाबाद आणि वाराणसीच्या पवित्र नद्यांमध्ये स्नान करतात, लोक स्नान, मिठाई आणि डिश एकत्र करून गुगल व पतंग देखील खातात. बंगालमध्ये, मटार मकर संक्रांतीवर तयार केले जाते, जे एक मजेदार मिठाईसारखे आहे.

मकर संक्रांतीमध्ये योग्य स्थळांचे आयोजन केले जाते जेथे गावातील लोक रोमिंगमध्ये जातात.

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मकर संक्रांति पर निबंध 2022 – Essay on Makar Sankranti In Hindi
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