भोजपुरी लव शायरी : भोजपुरी हमारे देश की एक बहुत प्रसिद्द भाषा है जो की बिहार, झारखण्ड व छत्तीसगढ़ के साथ उत्तर प्रदेश के कई इलाको में भी बोली जाती है | भोजपुरी एक बहुत ही प्यारी भाषा है इसे पूरब में ज़्यादातर प्रयोग किया जाता है | भोजपुरी भाषा की खासियत यही है की यह बहुत मीठी भाषा ऐसे में इसी मीठी भय में आज हम लेके आये हैं bhojpuri love shayari यानी की भोजपुरी रोमांटिक शायरी जिनको आप व्हाट्सएप्प व फेसबुक पर भी भेज सकते हैं | आपके इसके साथ एडवांस क्रिसमस शायरी, ,नए साल व्हाट्सएप्प स्टेटस व एडवांस नया साल शायरी भी भेज सकते हैं |
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भोजपुरी लव शायरी
मत फेंक पत्थर पानी में. ऊ हो केहूँ पीयेला|
मत रह उदास जिन्दगी में, तोहरा के देख के केहू जीयेला |
जिनिगी अब पहाड़ जइसन लागे लगल बा
सुखला में बाढ़ जइसे लागे लगल बा..!
कुछुओ कहाँ बा आपन अब, सब झूठीये के भरम बा
साँसो अब उधार जइसन लागे लगल बा !!
रात में जागल मत कर् सूत लीहल कर्,
अइसहीं मन में आँसू मत रोकल कर् रो लिहल कर्..!
हमरा ईयाद में त हरमेसे रहेलस गुमसुम,
कबो कबो अपनो के ईयाद कर् लिहल कर्..!!
Bhojpuri Romantic Shayari
घुट घुट के भितरे भितरे दर्द के लोर पी रहल बानी,
कागज कलम के सँघतिया बना के होठवा के सी रहल बानी..!
मन होला मर जइतीं उनके चौकठ पर जा के,
उनकर बदनामी के डर से आज ले जी रहल बानी..!!
तू रूठल रहलू हम मनावत रहनी |
तहरी राह में हम अपनी पलकन के बिछावत रहनी ||
तू कबो पलट के ना देखलू |
हम तबो अखियन के झपके से कतरावत रहनी |
भोजपुरी प्यारी शायरी
घुट घुट के भितरे भितरे दर्द के लोर पी रहल बानी,
कागज कलम के सँघतिया बना के होठवा के सी रहल बानी..!
मन होला मर जइतीं उनके चौकठ पर जा के,
उनकर बदनामी के डर से आज ले जी रहल बानी..!!
जिनिगी अब पहाड़ जइसन लागे लगल बा
सुखला में बाढ़ जइसे लागे लगल बा..!
कुछुओ कहाँ बा आपन अब, सब झूठीये के भरम बा
साँसो अब उधार जइसन लागे लगल बा..!!
सब तरहे क सिकवा सह लेही ला,
जिनगी य़ेही तरे जी लेही ला..!
मिला लेही ला हाथ जेसे दोस्ती क,
ओइ हाथ से फिर जहरो पीये पड़ेला !!
Bhojpuri Shayari in hindi
हमके कब चाह रहे कि हमके ऊ चाँद मिले य़ा असमान मिले!
खाली एगो तमन्ना रहे की हमार ऊ सपना के जहाँ मिले !!
तू का बुझअ का होला तनहाई, तू का जनबअ का होला बेवफाई..!
हई टूटल पाटीये से पुछअ का होला जुदाई, अरे अब केतना जुलम सहीं जालीम..
ई रतीये से पुछअ कब तहार याद ना आईल..!!
भोजपुरी सैड शायरी
जिनिगी अब पहाड़ जइसन लागे लगल बा
सुखला में बाढ़ जइसे लागे लगल बा..!
कुछुओ कहाँ बा आपन अब, सब झूठीये के भरम बा
साँसो अब उधार जइसन लागे लगल बा..!!
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