भारत में सबसे ज्यादा विवादित क्षेत्र राजनीति हैं| राजनीति में कदम रखना हर किसी के बस की बात नहीं हैं| कई बार आपको भारत की राजनीति पर भाषण, नेताओं पर व्यंग्य कविता, नेताओं पर हास्य कविता, राजनीति पर हास्य कविता, लोकतंत्र पर कविता आदि पर भाषण देना होता हैं इसी कारण वश हम इस पोस्ट में आपके लिए कुछ बहुत हीअच्छी भारत राजनीति पर हिंदी में शायरी लाए हैं जिसका आप अपने भाषण में इस्तमाल कर सकते हैं|
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छात्र नेता शायरी – Netagiri Shayari
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भारत पर जो हमला करते नापाकी हथियार से,
ऐसे कुत्ते लाकर टाँगो सात समंदर पार से !
दुश्मन तो खोद निकलेंगे हम सात समन्दर पार से !
लेकिन कैसे बच पायेंगे अपने घर के गद्दार से !!
जो मातृभूमि की जय कहते सकुचाते
मजहब को मुल्क से ऊपर बतलाते
नमक देश का खााते दुश्मन गुण गाते
ऐसे गद्दारों पे कुत्ते भी तो शरमाते.
बन सहारा बे-सहारो के लिये,
बन किनारा बे-किनारो के लिये,
जो जीये अपने लिये तो क्या जीये,
जी सके तो जी हज़ारो के लिये.
सियासत पर शायरी
अब कोई और न धोखा देगा,
इतनी उम्मीद तो वापस कर दे.
हम से हर ख़्वाब छीनने वाले,
हमारी नींद तो वापस कर दे..
किसी को चांद चमकता नजर आता है
किसी को उसमें दाग नज़र आता है ..
हम “आह” भी करते हैं तो हो जाते हैं “बदनाम”,
वो “कत्ल” भी करते हैं तो “चर्चा” नहो होती…
तमाम उम्र हम एक दुसरे से लड़ते रहे,
मगर मरे तो बराबर में जा के लेट गये.
नेता पर व्यंग्य – Yuva Neta Shayari
युद्धों में कभी नहीं हारे , हम डरते है छलचंदो से
हर बार पराजय पाई है , अपने घर के जयचंदो से
ये तेरे मन का खोट है जो तुझे सोने नहीं देता,
मत दे दोष किसी को वक्त किसी का नहीं होता.
जहां हर दिन सिसकना है जहां हर रात गाना है !!
हमारी ज़िन्दगी भी एक तवायफ का घराना है !!
जिंदगी में समस्या तो हर दिन नई खड़ी है,
जीत जाते है वो जिनकी सोच कुछ बड़ी है.
चुनाव शायरी
जिसकी जो नियत थी उसने वो बहाया,
किसानो ने दूध तो सरकार ने खून बहाया.
कागज के इंसानो पर आग की निगरानी है,
अंधी सत्ता के हाथों मासूमो को जान गवानी है.
सियासत को लहू पीने की लत है,
वरना मुल्क में सब खैरियत है.
दूर से देखके गर्मी में रेत को पानी समझ लिया,
कुछ अच्छे लोगों ने अहंकार में खुद को सर्वज्ञानी समझ लिया.
Politics Shayari in Hindi
कीमत तो खूब बढ़ गई दिल्ली में धान की,
पर विदा ना हो सकी बेटी किसान की.
वे सहारे भी नहीं अब जंग लड़नी है तुझे,
कट चुके जो हाथ उन हाथों में तलवारें न देख.
हमारी रहनुमाओ में भला इतना गुमां कैसे,
हमारे जागने से, नींद में उनकी खलल कैसे.
इस नदी की धार में ठंडी हवा तो आती हैं,
नाव जर्जर ही सही, लहरों से टकराती तो हैं.
आत्महत्या की चिता पर देखकर किसान को
नींद कैसे आ रही हैं देश के प्रधान को.
सियासत इस कदर अवाम पे अहसान करती है,
पहले आँखे छीन लेती है फिर चश्में दान करती है.
Neta Par Shayari
ये संगदिलो की दुनिया हैं, संभल कर चलना “ग़ालिब”
यहाँ पलको पर बिठाते हैं नजरो से गिराने के लिए..
हर कोई यहाँ किसी न किसी पार्टी के विचारो का गुलाम हैं,
इसलिए भारत का ये हाल हैं, किसान बेहाल हैं. नेता माला-माल हैं..
जो धरापुत्र का वध कर दे, वह राजपुरूष नाकारा हैं,
जिस धरती पर किसान का रक्त गिरे उसका शासक हत्यारा हैं..
रहनुमाओं की अदाओं पे फ़िदा है दुनिया
इस बहकती हुई दुनिया को सँभालो यारो.
जो सौदागर डॉलर का हैं वो खेती को क्या आँकेगा,
धरती रोटी ना देगी तो खाने में सोना फँकेगा.
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Rajniti Shayari In Hindi
न समझोगे तो मिट जाओगे ऐ हिंदुस्तान वालो
तुम्हारी दास्ताँ तक भी न होगी दास्तानों में
मेरा झुकना और तेरा खुदा हो जाना,
अच्छा नही, इतना बड़ा हो जाना.
बारूद के इक ढेर पे बैठी दुनिया को क्या सूझ रही हैं
शोलो से हिफ़ाजत का हुनर पूछ रही हैं
अपनी अदा हैं सबसे निराली
इसलिए राजनीति से दूरी बना ली
दोस्ती हो या दुश्मनी सलामी दूर से अच्छी लगती हैं,
राजनीति में कोई नही सगा, ये बात सच्ची लगती हैं.
Rajneeti Shayari In Hindi Font
सियासत की रंगत में ना डूबो इतना,
कि वीरों की शहादत भी नजर ना आए,
जरा सा याद कर लो अपने वायदे जुबान को,
गर तुम्हे अपनी जुबां का कहा याद आए.
न मस्जिद को जानते हैं,
न शिवालो को जानते हैं,
जो भूखे पेट हैं,
वो सिर्फ निवालों को जानते हैं.
क्या खोया, क्या पाया जग में,
मिलते और बिछुड़ते मग में,
मुझे किसी से नही शिकायत
यद्यपि छला गया पग-पग में.
सवाल जहर का नहीं था, वो तो मैं पी गया,
तकलीफ लोगों को तब हुई, जब मैं फिर भी जी गया.
जहाँ सच हैं, वहाँ पर हम खड़े हैं,
इसी खातिर आँखों में गड़े हैं.
नजर वाले को हिन्दू और मुसलमान दिखता हैं,
मैं अन्धा हूँ साहब, मुझे तो हर शख्स में इंसान दिखता हैं.
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