Dhantersa Puja Vidhi Tatha Mahatv : धनतेरस हिन्दुओ का एक प्रमुख त्यौहार है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन लक्ष्मी देवी और धन्वंतरि देवता की पूजा की जाती है कहा जाता है भगवान विष्णु ने धन्वंतरि देवता के रूप में समुन्द्र मंथन के समय अमृत के साथ प्रकट हुए तभी से यह दिन धनतेरस का दिन मनाया जाता है | लक्ष्मी देवी और धन्वंतरि का जन्म भी इसी दिन हुआ था इसीलिए हम आपको धनतेरस के बारे में जानकारी देते है की इस दिन आपको किस तरह से पूजा करनी चाहिए ? और इसकी पूजा विधि क्या है ? तथा इसका क्या महत्व है इसकी पूरी जानकारी के लिए आप हमारी इस जानकारी को पढ़ सकते है |
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धनतेरस कब है | धनतेरस का मुहूर्त
when is dhanteras in 2021 date in india/dhanteras kab hai: 2021 dhanteras date 02 november 2021 के दिन पड़ रहा है | हिंदी पंचांग के मुताबिक धनतेरस का दिन हर साल कार्तिक माह के कृष्णा पक्ष की तेरस के दिन ही मनाया जाता है इस दिन हम लोग देवी लक्ष्मी, धन के राजा कुबेर, धन्वंतरि देवता तथा काल के राजा यमराज की पूजा करते है | और धनतेरस वाले दिन अगर आप शुभ मुहूर्त पर पूजा करते है तो आपके लिए शुभकारी होगा तो धनतेरस पर शुभमुहूर्त इस प्रकार है :
सुबह 09.00 से दोपहर 12.00,
दोपहर 01.30 से 03.00,
शाम 06.00 से रात्रि 09.00 तक।
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धनतेरस का मतलब
Dhanteras Ka Matlab : धनतेरस का मतलब बहुत गहरा होता है इसका सीधा तात्पर्य धन से सम्बंधित होता है जो की इसके नाम से ही दर्शाता है | धन का मतलब होता है है पैसा और तेरस का दिन कृष्णा पक्ष का तेरवा दिन अर्थात कृष्णा पक्ष के तेरवे दिन धन का दिन होता है जिस दिन धन की पूजा की जाती है और अपने धन को सही काम में उपयोग किया जाता है |
धनतेरस पूजा | धनतेरस पूजन विधि
Dhanteras Puja | Dhanteras Pujan Vidhi : धनतेरस वाले दिन आपको किस तरह से पूजा करनी है या इसकी पूजन विधि क्या है इसके बारे में जानने के लिए आप हमारी इस जानकारी को पढ़ सकते है :
- धनतेरस के दिन आपको भगवान कुबेर और माँ लक्ष्मी की पूजा करनी होती है |
- इसके लिए आप भगवान कुबेर तिजोरी में भगवान कुबेर की प्रतिमा रख कर उस पर 13 दीप प्रज्वलित करे |
- उसके बाद कुबेर जी और लक्ष्मी जी के ऊपर फूल चढ़ाये |
- उसके बाद कुबेर जी और लक्ष्मी जी का धूप, दीप, नैवैद्ध से पूजन करना शुभ माना जाता है
- उसके बाद भगवान कुबेर का ध्यान करके मंत्र पढ़े :
‘यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन-धान्य अधिपतये
धन-धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा ।’
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धनतेरस का महत्व
Dhantersa Ka Mahatv : इस दिन का महत्व समुन्द्र मंथन के लिए और भगवान विष्णु के धन्वन्तरी अवतार का जन्म लेने के लिए माना जाता है | पुराणों के अनुसार इसी दिन देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु के अवतार धन्वन्तरी का जन्म हुआ था और इस दिन इन्ही की पूजा की जाती है | धन्वंतरि के जन्म दिवस के कारणवश ही इस दिन का नाम धनतेरस रखा गया | इसके अलावा इस दिन सिक्के, उपहार,बर्तन, धातु की बनी हुई चीज़े जैसे सोना, चाँदी, लोहा खरीद कर घर में लाना शुभ माना जाता है | इस दिन घर में लक्ष्मी का घरो में निवास होता है इसीलिए इसका महत्व धनवर्षा के लिए अत्यंत बढ़ जाता है |
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