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देश भक्ति शायरी | देशभक्ति शायरी इन हिंदी – देशभक्ति शेरो शायरी

देशभक्तो की शायरिया : जैसा की आपको पता है की हमारे महापुरषो ने देश को आज़ादी दिलाने के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया था तो यहाँ आपको मिलेंगी उनके द्वारा कही गयी कुछ शायरिया और कविताये जो दर्शाती है की हमारे जो देशभक्त यानि की जो हमारे महापुरुष हुए उन्होंने किस तरह अपने नारो से ही देश को आज़ादी दिलाने में मदद की यहाँ आपको मिलेंगी भारतवर्ष के कई देशभक्तो द्वारा कही गयी कुछ शायरिया, देश भक्ति शायरी जो आज हम आपको बताएँगे, देशभक्त जैसे चंद्रशेखर आज़ाद, भगत सिंह, सुखदेव आदि की शायरियां जिनके माध्यम से आप जानेंगे उनके बारे में की वो क्या हस्तिया थी जिन्होंने देश के लिए अपनी जान दी और और देश के लिए क्या क्या त्याग दिया |

देश भक्ति शायरी | देशभक्ति शायरी इन हिंदी

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देशभक्ति पर शायरी

आओ झुकर सलाम करे उनको जिनके हिस्से मे ये मुकाम आता है,
खुसनसीब है वो खून जा देश के काम आता है…

जिन्हें है प्यार वतन से, वो देश के लिए अपना लहू बहाते हैं, माँ की चरणों में अपना शीश चढ़ाकर,
देश की आजादी बचाते हैं, देश के लिए हँसते-हँसते अपनी जान लुटाते हैं..!!

कभी सनम को छोड़ के देख लेना, कभी शहीदों को याद करके देख लेना !
कोई महबूब नहीं है वतन जैसा यारो, देश से कभी इश्क करके देख लेना..!!

ज़माने भर में मिलते हैं आशिक कई, मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता,
नोटों में भी लिपट कर, सोने में सिमटकर मरे हैं शासक कई, मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता..!!

कर जस्बे को बुलंद जवान, तेरे पीछे खड़ी आवाम !
हर पत्ते को मार गिरायेंगे जो हमसे देश बटवायेंगे..!!

देशभक्ति पर शायरी

सीनें में ज़ुनू, ऑखों में देंशभक्ति, की चमक रखता हुँ,
दुश्मन के साँसें थम जाए, आवाज में वो धमक रखता हुँ..!!

करता हूँ भारत माता से गुजारिश कि तेरी भक्ति के सिवा कोई बंदगी न मिले,
हर जनम मिले हिन्दुस्तान की पावन धरा पर या फिर कभी जिंदगी न मिले..!!

आन देश की शान देश की, देश की हम संतान हैं।
तीन रंगों से रंगा तिरंगा, अपनी ये पहचान हैं..!!

देश को आजादी के नए अफसानों की जरूरत है
भगत-आजाद जैसे आजादी के दीवानों की जरूरत है……..
भारत को फिर देशभक्त परवानों की जरूरत है

अकबर तो था आक्रमणकारी, उसे महान मत बतलाओ
वीर प्रताप के गुण गाओ………
महाराणा के स्वाभिमान को मत भूल जाओ
अकबर को महान बताना मक्कारी है, गद्दारी है………..
अपना प्रताप लाखों अकबरों पर अकेले भारी है

मैं भारत बरस का हरदम अमित सम्मान करता हूँ
यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ,
मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,
तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ।

देशभक्तो की शायरिया

“आजादी की कभी शाम नहीं होने देंगे
शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे
बची हो जो एक बूंद भी लहू की
तब तक भारत माता का आँचल नीलाम नहीं होने देंगे”

“लिख रहा हूं मैं अजांम जिसका कल आगाज आयेगा,
मेरे लहू का हर एक कतरा इकंलाब लाऐगा
मैं रहूँ या ना रहूँ पर ये वादा है तुमसे मेरा कि,
मेरे बाद वतन पर मरने वालों का सैलाब आयेगा”

“मेरा “हिंदुस्तान” महान था,
महान है और महान रहेगा,
होगा हौसला बुलंद सब के ड़ों में बुलंद
तो एक दिन पाक भी जय हिन्द कहेगा”‘

देश भक्ति शायरी | देशभक्ति शायरी इन हिंदी

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Desh Bhakti Shayari in Hindi

देशभक्ति शायरी इन हिंदी 

“न पूछो ज़माने को,
क्या हमारी कहानी है,
हमारी पहचान तो सिर्फ ये है,
की हम सिर्फ हिन्दुस्तानी हैं”

“मैं भारतवर्ष का हरदम अमिट सम्मान करता हूँ
यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ,
मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,
तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ” तिरंगा उन्हीं की सुनाता कहानी…..
किया दिल से हर फैसला ज़िंदगी का
कोई बात समझी, न बूझी, न जानी…. हिम्मत वतन की हमसे है
इज्ज़त वतन की हमसे है
इंसान के हम रखवाले

ऐ मेरे वतन के लोगों तुम खूब लगा लो नारा
ये शुभ दिन है हम सब का लहरा लो तिरंगा प्यारा
पर मत भूलो सीमा पर वीरों ने है प्राण गँवाए
कुछ याद उन्हें भी कर लो जो लौट के घर न आये….

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देश भक्ति शायरी इन हिंदी

“शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पे मर मिटने वालों का बाकी यही निशां होगा”

“अनेकता में एकता ही इस देश की शान है,
इसीलिए मेरा भारत महान है”

“खुशनसीब हैं वो जो वतन पर मिट जाते हैं,
मरकर भी वो लोग अमर हो जाते हैं,
करता हूँ उन्हें सलाम ए वतन पे मिटने वालों,
तुम्हारी हर साँस में तिरंगे का नसीब बसता है”

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देशभक्ति की कविताये

“जो अब तक ना खौला, वो खून नहीं पानी है,
जो देश के काम ना आये, वो बेकार जवानी है”

“जिंदगी जब तुझको समझा, मौत फिर क्या चीज है
ऐ वतन तू हीं बता, तुझसे बड़ी क्या चीज है”

“ऐ मेरे वतन के लोगों तुम खूब लगा लो नारा
ये शुभ दिन है हम सब का लहरा लो तिरंगा प्यारा
पर मत भूलो सीमा पर वीरों ने है प्राण गँवाए
कुछ याद उन्हें भी कर लो जो लौट के घर न आये”

“मुझे ना तन चाहिए, ना धन चाहिए
बस अमन से भरा यह वतन चाहिए
जब तक जिन्दा रहूं, इस मातृ-भूमि के लिए
और जब मरुँ तो तिरंगा कफ़न चाहिये”

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