धार्मिक (आस्था)

दान करते समय ध्यान रखे यह बाते

Daan Karte Samay Dhyan Rakhe Yah Baatein :दुनिया में बहुत बड़े-2 दानवीर हुए है और कई लोग ऐसे भी है जो दान करते है लेकिन क्या आप जानते है की दान करते समय कई ऐसी ध्यानपूर्वक बाते होती है जो हमे ध्यान रखनी होती है तभी हमारा वह दान सफल हो पाता है | दान करने से हमें अक्षय पुण्य प्राप्त होता है और दान करने से हमारे द्वारा किये गए पाप कर्मो से आज़ादी मिल जाती है शास्त्रों में दान को बहुत अधिक महत्व बताया गया है इसीलिए हम आपको बताते है की दान करते समय आपको किन-2 बातो का ध्यान रखना है ?

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दान किसे करना चाहिए

1. जो व्यक्ति दीन-हीन, अंधे, निर्धन, अनाथ, गूंगे, विकलांगों तथा रोगी मनुष्य को दान करता है तो उनका वह दान महान पुण्य के दानो में गिना जाता है |

2. यदि आप कोई दान करने चाहते है तो शास्त्रों में बताया गया है की आप किसी जरूरतमंद को दान करते वक़्त उनके घर पर जाकर दान करे नाकि उन्हें अपने घर में बुला कर क्योकि उनके घर पर जाकर किया हुआ दान अपने घर में बुला कर किये हुए दान से श्रेष्ठ माना जाता है |

3. दान करने वाले व्यक्ति को कभी रोकना नहीं चाहिए क्योकि जो व्यक्ति रोगियों, ब्राह्मणो और गायो को दान करता है वह व्यक्ति पाप का भागीदार होता है तभी वह दान करता है |

4. विद्याहीन ब्राह्मणो को दान नही करना चाहिए क्योकि यदि आप विद्याहीन ब्राह्मणो को दान करते है तो इसकी वजह से उस ब्राह्मण को हानि पहुँच सकती है |

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दान किसे करना चाहिए

दान का महत्व

5. दान एक पुण्य माना जाता है इसीलिए आप कोई भी कैसे भी दान करे लेकिन वह आपके परिवार की सहमति से ही होना चाहिए क्योकि अगर आप अपने परिवार को दुखी करके कोई दान करते है तो वह दान पुण्य नहीं माना जाता क्योकि दान तो सभी की प्रसन्नता के साथ ही दिया जाता है |

6. जब कभी आप किसी भी प्रकार का कोई अनाज जैसे तिल, कुश, जल और चावल दान कर रहे है तो उस दान को अपने हाथ से पकड़ कर ही दे अन्यथा यह दान दैत्यों को दान होता है और आपका दान सफल नहीं होता |

7. जब आप कोई भी दान कर रहे है तो उस स्थिति में दान करने वाले का मोह पूर्व दिशा में और दान प्राप्त करने वाले का मुँह उत्तर दिशा में होना चाहिए | यदि आप दिशाओ का ध्यान रखके दान करते है ऐसा करने से दोनों व्यक्तियों की आयु बढ़ती है |

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दान करने के नियम

8. जब आप दान कर दे तो उसके बाद आपको अपने ऊपर घमंड नहीं करना चाहिए नही किसी किसी अन्य व्यक्ति के आगे आपको अपने द्वारा किये गए दान की बाते करनी चाहिए |

9. शास्त्रों में अन्न, जल, घोड़ा, गाय, वस्त्र, शय्या, छत्र और आसन इनका 8 चीज़ो का दान सबसे अधिक सर्वश्रेष्ठ माना जाता है क्योकि जब आत्मा शरीर देहे को त्याग कर पाप कर्मो की वजह से उस आत्मा को शांति नही मिल पाती इसीलिए यह सब दान करने से हमे उन सभी पापो से मुक्ति मिल जाती है |

10. गोदान का दान सबसे अधिक सर्वश्रेष्ठ दान माना जाता है अगर आप गोदान नही कर सकते है तो इसके लिए आप देवताओ का पूजन, ब्राह्मणो तथा ज्ञानी लोगो के पैर धोकर या फिर रोगी व्यक्ति की सेवा कर सकते है यह सभी दान गोदान के सामान ही माने जाते है |

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