Guru Gobind Singh Quotes In Hindi : गुरु गोबिंद सिंह महाराज जी सिख धर्म के दसंवे गुरु थे इन्होने सिख धर्मं में खालसा पंथ की स्थापना भी कीथी इसके अलावा यह महान योद्धा, आध्यात्मिक गुरु, तथा भक्त थे | इनकी कही हुई पंक्तियाँ सवा लाख से एक लड़ाऊं, चिड़ियन ते मैं बाज तुड़ाऊं, तबै गुरु गोबिंद सिंह नाम कहाऊं || आज भी युवाओ में जोश भर देती है | इनका जन्म 22 दिसंबर 1666 ईंसवी में बिहारत राज्य के पटना जिले में हुआ था तथा इनके पिता गुरु तेग बहादुर जी भी सिख धर्म के जानेमाने गुरु थे | उसके बाद इनकी मृत्यु 7 अक्टूबर 1708 ईंसवी में महारष्ट्र में हो गयी लेकिन तब तक इन्होने सिख धर्म के ग्रन्थ गुरु ग्रंथ साहिब को भी पूरा किया इसीलिए हम आपको गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा कहे गए कुछ गए कुछ उद्धरण बताते है जो की आपके लिए महत्वपूर्ण और प्रेरणादायी सिद्ध हो सकते है |
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Guru Gobind Singh Famous Quotes
सत्कर्म कर्म के द्वारा, तुम्हे सच्चा गुरु मिलेगा, और उसके बाद प्रिय भगवान मिलेंगे, उनकी मधुर इच्छा से, तुम्हे उनकी दया का आशीर्वाद प्राप्त होगा.
स्वार्थ ही अशुभ संकल्पों को जन्म देता है.
जो कोई भी मुझे भगवान कहे, वो नरक में चला जाए.
मुझे उसका सेवक मानो. और इसमें कोई संदेह मत रखो.
सच्चे गुरु की सेवा करते हए स्थायी शांति प्राप्त होगी, जन्म और मृत्यु के कष्ट मिट जायेंगे.
आप स्वयं ही स्वयं हैं, अपने स्वयं ही सृष्टि का सृजन किया है.
जो लोग भगवान के नाम पर ध्यान करते हैं, वे सभी शांति और सुख प्राप्त करते हैं.
अच्छे कर्मों से ही आप ईश्वर को पा सकते हैं. अच्छे कर्म करने वालों की ही ईश्वर मदद करता है.
बिना नाम के कोई शांति नहीं है.
जब बाकी सभी तरीके विफल हो जाएं, तो हाथ में तलवार उठाना सही है.
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Guru Gobind Singh Ji Thoughts
अज्ञानी व्यक्ति पूरी तरह से अंधा है, वह मूल्यवान चीजों की कद्र नहीं करता है.
आपने ब्रह्माण्ड की रचना की, आप ही सुख-दुःख के दाता हैं.
हे परमेश्वर मुझे आशीर्वाद दें कि मैं कभी अच्छे कर्म करने में संकोच ना करूँ और लोगों की भलाई के लिए कम करूँ
जो व्यक्ति परमात्मा के पथ पर चलता है, भगवान उसके कर्मो का कर्ता स्वं बनता है
इंसान से प्रेम ही ईश्वर की सच्ची भक्ति है.
यदि आप सत्य और आत्म अनुशासन के अनुसार कार्य करते है तो शांति और खुशी आपके मन के भीतर भर जायेगा.
जो लोग परमपिता परमेश्वर के नाम का सिमरण करते हैं, वे सभी शांति और सुख प्राप्त करते हैं.
असहायों पर अपनी तलवार चलाने के लिए उतावले मत हो, अन्यथा विधाता तुम्हारा खून बहायेगा.
उस परमपिता परमेश्वर ने हमें जन्म दिया है ताकि हम संसार में अच्छे कर्म करें और बुराई को दूर करें.
सबसे ज्यादा सुख और अनंत शांति तब प्राप्त होती है जब कोई अपने भीतर से स्वार्थ को समाप्त कर देता है.
Sayings Of Guru Gobind Singh Ji
जो व्यक्ति दिन और रात परमत्मा का ध्यान करता है, उसके लिए मै स्वं को बलिदान करता
दिन-रात, हमेशा ईश्वर का ध्यान करो.
दिन रात गुरु कि पूजा करो, वही है जो हमें इस संसार के पालनहार परमपिता पमेश्वर के समीप पहुंचता है.
ईश्वर ने हमें जन्म दिया है ताकि हम संसार में अच्छे काम करें और बुराई को दूर करें.
भगवान के नाम के अलावा कोई मित्र नहीं है, भगवान के विनम्र सेवक इसी का चिंतन करते और इसी को देखते हैं.
सेवक नानक भगवान के दास हैं, अपनी कृपा से, भगवान उनका सम्मान सुरक्षित रखते हैं.
बिना गुरु के किसी को भगवान का नाम नहीं मिला है.
जो लोग गुरु की भक्ति में है वो गुरु द्वारा सरंक्षित है, तथा जन्म मरन के बंधन से छुट गए है, जो नहीं है वो आ जा रहे है
हमें उन अनुष्ठानों को और क्रियाकलापों को हटा देना चाइये, जो हमें भगवन की भक्ति से दूर ले जाएं
मैं उन लोगों को पसंद करता हूँ जो सच्चाई के मार्ग पर चलते हैं.
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Guru Gobind Singh Quotes On War
उसने हेमशा अपने अनुयायियों को आराम दिया है और हर समय उनकी मदद की है.
सबसे महान सुख और स्थायी शांति तब प्राप्त होती है जब कोई अपने भीतर से स्वार्थ को समाप्त कर देता है.
हे ईश्वर मुझे आशीर्वाद दें कि मैं कभी अच्छे कर्म करने में संकोच ना करूँ.
हर कोई उस सच्चे गुरु की जयजयकार और प्रशंसा करे जो हमें भगवान की भक्ति के खजाने तक ले गया है.
जब आप अपने अन्दर से अहंकार मिटा देंगे तभी आपको वास्तविक शांति प्राप्त होगी.
मैं उस गुरु के लिए न्योछावर हूँ, जो भगवान के उपदेशों का पाठ करता है.
ये मित्र संगठित हैं, और फिर से अलग नहीं होंगे, उन्हें स्वयम सृजनकर्ता भगवान् ने एक किया है.
अगर आप केवल भविष्य के बारे में सोचते रहेंगे तो वर्तमान भी खो देंगे.
मृत्यु के शहर में, उन्हें बाँध कर पीटा जाता है, और कोई उनकी प्रार्थना नहीं सुनता है.
जब कोई व्यक्ति अपने भीतर से स्वार्थ उन्मूलन करता है तो वह अपने अंदर सबसे बड़ा आराम और स्थायी शांति कि अनुभूति करता है.
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