इतिहास

गणतंत्र दिवस पर शायरी | 26 जनवरी मेसेज SMS – गणतंत्र दिवस पर शेर

गणतंत्र दिवस की शायरी : गणतंत्र दिवस वह दिन है जिस दिन हमारे देश भारत का सविंधान लागू हुआ था | भारत देश का सविंधान 26 जनवरी 1950 को सशक्त हुआ था जिससे गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया एक्ट (1935) को हटा दिया था | भारत का संविधान 26 नवम्बर, 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था, और एक एक स्वतंत्र गणराज्य बनने की दिशा में देश के संक्रमण को पूरा करने के लिए लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ 26 जनवरी 1950 को प्रभाव में आया था | आज हम आपको बताने जा रहे हैं गणतंत्र दिवस शायरी यानी की 26 जनवरी मेसेज SMS शायरी जो की आप अपने शुभचिंतको को भेज सकते हैं |

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गणतंत्र दिवस की शायरी

भारत के गणतंत्र का, सारे जग में मान;
दशकों से खिल रही, उसकी अद्भुत शान;
सब धर्मों को देकर मान रचा गया इतिहास;
इसीलिए हर देशवासी को इसमें है विश्वास।
गणतंत्र दिवस की बधाई !

असली गणतंत्र तभी बनता है जब संविधान कागज से निकलकर आम लोंगो के जिंदगी में शामिल हो जाये।
आओ कुछ ऐसा कर दिखाएँ कि सब को हम पर मान हो जाये।
गणतंत्र दिवस की हार्दीक शुभ कामनायें!

गणतंत्र दिवस की शायरी

गणतंत्र दिवस पर Shayari

राष्ट्र के लिए मान-सम्मान रहे,
हर एक दिल में हिन्दुस्तान रहे,
देश के लिए एक-दो तारीख नही,
भारत माँ के लिए ही हर सांस रहे।
गणतंत्र दिवस की बधाई!

अलग है भाषा, धर्म जात और प्रांत,
पर हम सब का एक है गौरव राष्ट्रध्वज तिरंगा श्रेष्ठ।
सभी देशवासियों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई!

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गणतंत्र दिवस शायरी

ना पूछो ज़माने से कि क्या हमारी कहानी है,
हमारी पहचान तो बस इतनी है कि हम सब हिन्दुस्तानी हैं।
गणतंत्र दिवस की बधाई !

ताज़गी महसूस करना हो कभी जो छाँव की!
एड़ियाँ मज़दूर की ख़ुद आइना हैं पाँव की!
जब कभी तूफ़ान में कोई भी ज़रिया न दिखे!
आख़री उम्मीदें दुनियाँ है फ़क़त एक नाँव की!
ख़ुशनसीबी मुल्क की जब देखने का दिल करे!
दिल के अंदर से अजब आवाज़ है फिर गाँव की!
शोर संसद की दीवारों से निकल कर उड़ गया!
आज भी कानों में रहती है सदा बस काँव की !
गणतंत्र दिवस की बधाई !

26 जनवरी मेसेज SMS

26 जनवरी मेसेज SMS

हिन्दू-मुस्लिम-सिख-ईसाई हर धर्म की रक्षा की है;
सभी वर्ग के लोगों को सम्मान देने की प्रतिज्ञा की है;
ऐसा सशक्त और मज़बूत लोकतंत्र किया तैयार;
जिसकी हर देशवासी ने दिल से इच्छा की है।
गणतंत्र दिवस की बधाई !

चलो फिर से खुद को जगाते हैं;
अनुशासन का डंडा फिर घुमाते हैं;
याद करें उन शूरवीरों को क़ुरबानी;
जिनके कारण हम इस लोकतंत्र का आनंद उठाते हैं।
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं!

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