कैसे करे कन्या पूजन : कन्या पूजन हमारे हिन्दू त्यौहार में नवरात्रि के संग्लग्न होने वाली प्रमुख पूजा है| यह त्यौहार बहुत ही श्रद्धापूर्वक हिन्दुओ में मनाई जाती है | इस पूजा का यह महत्त्व है की नवरात्रि त्यौहार के आठवे और नोवे दिन कन्या पूजन किया जाता है| इसन दोनों दिन में कन्याओ को माता के स्वरुप मानकर अपने घर में जिमाया यानि की भोजन कराया जाता है |दुर्गाष्टमी और नवमी के दिन इन कन्याओ को घर बिठा के पूजन करने के बाद भोजन कराया जाता है | ऐसा मन जाता है की कन्याओ को देवी सामान मान कर आदर सत्कार व भोजन कराने से देवी माँ प्रस्सन हो जाती हैं एवं अपने भक्तो के जीवन में खुशाली भर देती हैं |
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कैसे करे कन्या पूजन : कन्या पूजन विधि
- कन्या पूजन व कन्या भोज के लिए कन्याओ को एक दिन पहले ही आमंत्रित करलें |
- जैसे ही कन्याओ का घर में प्रवेश हो रहा हो उनके पैर छू कर उनका स्वागत करें व नो देवियो के नाम के जयकारे लगाएं|
- इसके बाद कन्याओ को स्वच्छ एवं आरामदायक जगह पर बिठाकर उनके चरण स्वच्छ पानी से थाल में रख कर धोएं व उनके चरण छूकर आशीष लें |
- अब कन्याओ के माथे पर अक्षत, कुमकुम से तिलक करें |
- फिर माता भगवती को ध्यान में रखकर साड़ी कन्याओ को अच्छे से भोज कराएं |
- भोज कराने के पश्चात कन्याओ को अपने अनूरूप उपहार भेंट करें|
- अब आखिर में कन्याओ को देवी माँ का स्वरुप मानकर उनके चरणों का आशीष लें |
ऊपर दी हुई विधि का पालन करने से माता रानी आप से ज़रूर प्रसन्न हंगी व आपके परिवार में असीम खुशिया रखेंगी |
सिर्फ नौ दिन ही नहीं है कन्या देवियाँ !
मित्रो ये बात अवश्य याद रखें की कन्या सिर्फ 9 दिन के लिए ही देवियाँ नहीं होती| व सदैव ही देवियाँ रहती हैं ऐसे में हमारा कर्त्तव्य बनता है की हम कन्याओ और स्त्रियों का आदर हमेशा करें |
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