Shrikrishna Ki Mratyu Kaise Hui : भगवान श्री कृष्णा जो की भगवान विष्णु के अवतार थे और जो की सर्वशक्तिशाली थे महाभारत के युद्ध में उन्होंने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था | भगवान श्री कृष्णा थे तो भगवान के अवतार लेकिन विष्णु भगवान ने मनुष्य के रूप में जमीन पर अवतार लिया था इसीलिए अगर वह जमीन पर आये है तो उनकी मृत्यु भी निश्चित है पुराणों में श्री कृष्णा की मृत्यु का अलग-2 कारण बताया गया इसीलिए हम आपको भगवान श्री कृष्णा की मृत्यु के बारे में बताते है की उनकी मृत्यु किन कारणवश हुई थी ?
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श्रीकृष्ण के वंश का नाश
गांधारी का श्राप : महाभारत युद्ध में कई लोगो ने अपने प्राणो का त्याग किया था जिसकी वजह से कुरुक्षेत्र की मिटटी में अभी भी खून दिखाई देता है इस युद्ध में 100 कौरव भाई मारे गए थे और कौरवो के पुरे वंश का नाश कर दिया था | जिनको मारने के बाद और महाभारत के युद्ध के समाप्त होने के बाद जब युधिष्ठिर का राज़ तिलक हो रहा था उस समय कौरवो की माता गांधारी वहां आयी और कृष्णा को श्राप दिया की तुम्हारी वजह से ही कौरवो के वंश का नाश हुआ है उसी तरह से यदुवंश के वंश का नाश भी होगा |
श्राप की वजह से श्री कृष्णा अपने वंश के साथ प्रभास क्षेत्र में आ गए कुछ समय बाद महाभारत युद्ध की चर्चा करते हुए सात्यकि और कृतवर्मा में विवाद होने लगा जिसके फलस्वरूप सात्यकि ने कृतवर्मा का सर काट डाला और इस तरह से दोनों में भयंकर युद्ध छिड़ गया जिस युद्ध में यदुवंशियो के वंश के कई लोग मारे गए लेकिन श्रीकृष्ण के पुत्र प्रद्युम्न और मित्र सात्यकि ही बचे रहे |
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कृष्ण भगवान की कहानी
कृष्णा की मृत्यु : उसके बाद अपने वंश के नाश होने के बाद श्री कृष्णा जी एक पीपल के पेड़ के नीचे बैठ कर तपस्या कर रहे थे तभी वहां एक जरा नामक बहेलिया गुज़र रहा था जो की शिकारी था और उसने श्री कृष्णा को पीपल के पेड़ के नीचे बैठा देखा लेकिन वह उनका केवल पैर ही देखा जिससे उन्हें ऐसा प्रतीत हुआ की वह एक हिरन है जिसकी वजह से उस बहेलिये की उसे शिकार करने की इच्छा जाग्रत हुई और उन्होंने अपना विषयुक्त बाण छोड़ दिया | जो तीर श्री कृष्णा के पैरो में जाकर लगा जिससे की वह दर्द से कहरा उठे तभी वह समझ गए की अब उनका इस संसार से विदा लेने का समय आ गया है और अपना देह त्याग दिया |
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वानर राज बाली ही था जरा बहेलिया
Vaanar Raaj Baali Hi Tha Jara Baheliya : महान संतो के अनुसार कहा जाता है की जिस बहेलिये ने अपने तीर से श्री कृष्णा को मारा था वह बहेलिया त्रेता योग के वानर राजा था इसीलिए प्रभु ने त्रेता में राम के रूप में अवतार लेकर बाली को छुपकर तीर मारा था। कृष्णावतार के समय भगवान ने उसी बाली को जरा नामक बहेलिया बनाया और अपने लिए वैसी ही मृत्यु चुनी, जैसी बाली को दी थी इस तरह से ही भगवान श्री कृष्णा से संसार से विदा लेकर स्वर्ग लोक में अपना स्थान ग्रहण किया |
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