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करवा चौथ व्रत की पूजन विधि

Karwa Chauth Ki Pujan Vidhi : करवाचौथ का हिन्दू जीवन में बहुत महत्व होता है यह पुरे भारत वर्ष में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है और इस दिन को केवल सुहागिन स्त्रियाँ ही व्रत रखती है | सुहागिन स्त्रियों के लिए यह व्रत बहुत मायने रखता है क्योकि इस दिन का व्रत वह अपने पति की लम्बी आयु के लिए रखती है इस व्रत को विधिपूर्वक करने से उनके पति की आयु लम्बी हो जाती है | इसीलिए हम आपको करवाचौथ के व्रत के बारे में बताते है की आपको यह व्रत किस प्रकार से रखना है ? इस व्रत का क्या महत्व है ? और इस व्रत की क्या कथा है ? इसकी पूरी जानकारी आप हमारी इस पोस्ट के माध्यम से पा सकते है |

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करवा चौथ 2020

Karwa Chauth 2020 : हिंदी पंचांग के अनुसार यह व्रत पूरे भारत में कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को ही मनाया जाता है लेकिन अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस साल यानि 2020 में यह व्रत 8 अक्टूबर को रखे जाने का प्रावधान है |

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करवा चौथ की पूजन सामग्री | करवा चौथ पूजा थाली

Karwa Chauth Ki Pujan Samagri : करवाचौथ पर आपको पूजा थाली कैसे लगनी है या पूजा करते समय किन-2 सामग्री की आवश्यकता पड़ेगी इसकी पूरी जानकारी पाने के लिए आप नीचे बताई गयी जानकारी को पढ़ सकते है :

  1. सबसे पहले सुहनगिन स्त्री को सुबह प्रातः उठ कर स्नान करके निर्जल यानि बिना जल के व्रत का संकल्प लेना चाहिए |
  2. करवाचौथ की पूजा करने के लिए भगवान श्री गणेश जी की पूजा की जाती है इसके लिए आप बालू या सफेद मिट्टी की एक वेदी बनाकर भगवान शिव- देवी पार्वती, स्वामी कार्तिकेय, चंद्रमा, माता गौरी एवं गणेशजी की प्रतिमा को स्थापित कर उसकी पूजा करे |
  3. पूजन करते समय आप ”मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये। इस मंत्र का जाप करे |
  4. उसके बाद करवाचौथ की कथा सुननी चाहिए |
  5. उसके बाद चन्द्रमा को अर्घ्य देकर चलनी से अपने पति को देखना चाहिए और उन्ही के हाथो से पानी पीकर ही व्रत तोडना चाहिए |

करवा चौथ 2020

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करवा चौथ की कहानी | करवा चौथ कथा

Karwa Chauth Ki Kahani : वीरवती नाम की एक खूबसूरत रानी, ​​सात भाईयों की एकमात्र बहन थीं। उसने अपने माता-पिता के घर में एक विवाहित महिला के रूप में अपनी पहली कारवा चौथ बिताई वह सूर्योदय के बाद सख्त उपवास शुरू कर देती थी, लेकिन शाम तक, चंद्रमा के लिए सख्त इंतजार करना पड़ रहा था | क्योंकि उसे गंभीर प्यास और भूख लगती थी। उसके सात भाई इस तरह के संकट में अपनी बहन को सहन नहीं कर पा रहे थे | तब उसके भाइयो ने एक पीपल के पेड़ में एक दर्पण बनाते हुए उन्होंने अपनी बहन को बताया की चन्द्रमा निकल आया है। बहन ने इसे चंद्रमा समझ लिया और अपना व्रत तोड़ |

उसके बाद रानी को खबर मिली की उसका पति मर गया था और उसका दिल टूट गया, वह रात तक रोती रही जब तक कि उसकी आत्मा ने एक देवी को प्रकट करने के लिए मजबूर नहीं कर दिया तब देवी प्रकट हुई और पूछा कि वह क्यों रो रही है ? जब रानी ने अपने संकट का वर्णन किया, तो देवी ने बताया कि उनके भाइयों ने उसे कैसे धोखा दिया था और उन्होंने पूरी भक्ति के साथ करवा चौथ को दोहराने के निर्देश दिए। जब वीरवती ने उपवास को दोहराया तो इससे उसका पति जीवित हो उठा |

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