शायरी (Shayari)

ओशो शायरी | Osho Shayari In Hindi – आचार्य रजनीश ओशो की शायरी

संत ओशो का पूरा नाम रजनीश ओशो था | जब उनका जन्म हुआ तो उनका नाम चंद्र मोहन जैन था| इनके सब भगत इन्हे आचार्य ओशो रजनीश के नाम से जानते थे| इनके भक्त इन्हे भरवां मानते थे| इनका पूरा जीवन कॉन्ट्रोवर्सी से भरा हुआ हैं| 11 दिसम्बर 1931 कुचवाडा ग्राम, रायसेन ज़िला भोपाल, मध्य प्रदेश में हुआ था जो की बरेली तहसील में थे| वे लोगो को प्रवचन देते थे जिसमे वे उनको बहुत से श्लोक या फिर सकारात्मक विचारो के बारे में बताते थे| तो चलिए आज हम आपको ओशो प्रेम और विवाह,ओशो की कविताएं,ओशो वाणी,प्रेम पर,ओशो के अनमोल विचार और ओशो के चुटकुले के बारे में बताएंगे |

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ओशो हिंदी शायरी – 2 line Shero Shayari In Hindi Font

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जीवन आंख मूंदकर खुद को दोहराता है – जब तक आप इसके प्रति जागरूक नहीं हो जाते हैं, यह एक चक्र की तरह दोहराता रहेगा.

अच्छा – बुरा, कड़वा – मीठा, अँधेरा – प्रकाश, गर्मी – सर्दी – सभी संभव तरीके से जीवन का अनुभव होता है. सभी द्वंद्वों का अनुभव होता है. अनुभव से डरो मत, क्योंकि आपको अधिक अनुभव होने से आपकी परिपक्वता ब

किसी के साथ, किसी भी प्रतियोगिता की कोई जरूरत नहीं है. आप अपने आप से हैं, और आप जैसे हैं, आप पूर्ण रूप से अच्छे हैं. अपने आप को स्वीकार करो.

प्रत्येक व्यक्ति एक विशिष्ट भाग्य के साथ इस दुनिया में आता है – उसके पास जो कुछ है उसे परिपूर्ण करना पड़ता है, कुछ सन्देश दुनिया को देना होता है – कुछ कार्य जिन्हें पूरा करना पड़ता है. आप यहाँ संयोगवश नहीं हो – आपकी यहाँ सार्थकता है. आप के पीछे एक उद्देश्य है. सृष्टि आपके माध्यम से कुछ कराना चाहती है.

सच्चाई कोई बाहर खोजने की चीज नहीं है, यह अंदर महसूस करने की चीज है.

Osho Ki Shayari In Hindi

लाखों लोग पीड़ित हैं : वे प्यार पाना चाहते हैं, लेकिन वे प्यार करना नहीं जानते है. और प्रेम एकालाप के रूप में अस्तित्व में नहीं आ सकता है; यह एक संवाद है, एक बहुत ही सौहार्दपूर्ण बातचीत है.

मैत्री विशुद्ध प्रेम है. यह प्रेम की उच्चतम कोटि का रूप है जहाँ कुछ भी माँग नहीं होती है, न कोई शर्त होती है, वहां मात्र एक आनंद का ही वास होता है.

आप एक माता पिता हैं, बच्चे के लिए अज्ञात दिशाओं में दरवाजे खुले रखें ताकि वह खोज कर सके. अज्ञात का उसे डर मत बताओ, उसे समर्थन दो.

मेरा ध्यान सरल है. इसमें किसी भी जटिल अभ्यास की आवश्यकता नहीं है. यह सरल है. यह गाना है. यह नाच है. यह चुपचाप बैठना है.

कुछ बनने का विचार छोड़ दें, क्योंकि आप पहले से ही एक अत्युत्तम कृति हैं. आप में सुधार नहीं किया जा सकता है. आपको केवल अपनी कृति पर आना होगा, इसे जानना होगा, इसे साकार करना होगा.

प्यार में पड़ने से आप एक बच्चे की तरह रहेंगे; प्यार में बढ़ोतरी से आप परिपक्व होते हैं. प्यार से तुरंत कोई रिश्ता नहीं बन जाता है, इससे आपकी हस्ती बनती है. फिर आप प्यार में नहीं हैं बल्कि – अब आप खुद ही प्यार हैं.

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Osho Shero Shayari – ओशो वाणी

अर्थ मनुष्य द्वारा बनाये गए हैं . और क्योंकि आप लगातार अर्थ जानने में लगे रहते हैं , इसलिए आप अर्थहीन महसूस करने लगते हैं.

कोई प्रबुद्ध कैसे बन सकता है? बन सकता है, क्योंकि वो प्रबुद्ध होता है- उसे बस इस तथ्य को पहचानना होता है.

कोई चुनाव मत करिए. जीवन को ऐसे अपनाइए जैसे वो अपनी समग्रता में है.

मानो नहीं, जानो। भागो मत, जागो। जो कुछ है, वह आज अभी और यहीं है।

तुम जहां, जैसे हो, उस सबका कारण तुम्हीं हो। तुम स्वयं को बदल कर इसे बदल सकते हो।

मैं तुमसे यह नहीं कहता कि अपनी परिस्थिति को बदल दो। मैं तुमसे कहता हूं कि तुम अपनी मनोदशा को बदल लो। बाजार में रहते हुए भी बाजार का हिस्सा मत बनना। संसार में रहो लेकिन संसार तुम्हें प्रदूषित न करे।

ओशो शायरी

Sher O Shayari In Hindi On Motivation

देह तुम्हारा वाहन है, इसे स्वस्थ रहने दो। यदि इसे भोजन की आवश्यकता है तो भोजन दो। यदि इसे सेक्स की आवश्यकता है तो सेक्स दो। जो भी इसकी आवश्यकता है, इसे दो। धीरे-धीरे तुम पाओगे कि देह तुम्हें परेशान नहीं कर रही।

तुम काम वासना को, उसकी व्यर्थता को, होशपूर्वक जान लो, वह स्वत: तुमसे दूर हो जाएगी। ध्यान करने से सेक्स की ऊर्जा को प्रेम की ऊर्जा में बदला जा सकता है।

भय और लोभ पर खड़े धर्मों को धर्म कहना धर्म की तौहीन है।

धर्म वही है जो नाचता हुआ है। जो धर्म हंसी न दे और जो धर्म खुशी-उत्साह न दे, वह धर्म, धर्म नहीं है।

सिर्फ दो बातें याद रखनी हैं : एक ध्यान व दूसरा प्रेम। फिर किसी धर्म की जरूरत नहीं रहती। ध्यान स्वयं के लिए और प्रेम दूसरों के लिए। ध्यान भीतर जाने के लिए और प्रेम बाहर जाने के लिए।

तुम्हारे और मेरे में अंतर क्या है? बस एक अंतर है कि मैं अपने ईश्वरत्व को पहचाना हूं और तुम अपने ईश्वरत्व को नहीं पहचानते। मैं जाग गया हूं और तुम गहरी नींद में सोए हो।

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Welcome Shayari For Guest In Hindi

मैं एक ही अनुशासन देता हूं कि तुम सदा सचेत रहना और अपने जैसे होने में लगे रहना। हीनता से बचना। यह एक दफा पैदा हो गई तो तुम किसी का अनुसरण करोगे। कोई आदर्श, कोई प्रतिमा, किसी के पीछे चलने लगोगे।

तुम्हारी निर्भर होने की इच्छा के कारण ही तुम सब तरह के संप्रदायों और पंथों के गुलाम हो गए।

मैं स्वयं को भगवान कहता रहा हूं सिर्फ एक चुनौती की तरह। मैंने इसे नया अर्थ देने की कोशिश की। मैंने कहा कि भगवान का अर्थ है – भाग्यवान, जिसके प्राण धन्य हुए।

मैंने अपने मन से कहा, ‘चल, मैं तुझ को आनन्द के द्वारा जाँचूँगा।’…मैंने मन में सोचा कि किस प्रकार से मेरी बुद्धि बनी रहे और मैं अपने प्राण को दाखमधु पीने से किस प्रकार बहलाऊँ और – कैसे मूर्खता को थामे रहूँ, जब तक मालूम न करूँ कि वह अच्छा काम कौन सा है जिसे मनुष्य जीवन भर करता रहे।

मैंने बड़े बड़े काम किए; मैंने अपने लिये घर बनवा लिए और अपने लिये दाख की बारियाँ लगवाईं; मैंने अपने लिये बारियाँ और बाग लगवा लिए, और उनमें भाँति भाँति के फलदाई वृक्ष लगाए। मैंने अपने लिये कुण्ड खुदवा लिए कि उनसे वह वन सींचा जाए जिसमें पौधे लगाए जाते थे। मैंने दास और दासियाँ मोल लीं, और मेरे घर में दास भी उत्पन्न हुए; और जितने मुझसे पहिले यरूशलेम में थे उसने कहीं अधिक गाय-बैल और भेड़- बकरियों का मैं स्वामी था।

मैंने चाँदी और सोना और राजाओं और प्रान्तों के बहुमूल्य पदार्थों का भी संग्रह किया; मैंने अपने लिये गायकों और गायिकाओं को रखा, और बहुत सी कामिनियाँ भी –जिनसे मनुष्य सुख पाते हैं, अपनी कर लीं। इस प्रकार मैं अपने से पहले के सब यरूशलेमवासियों से अधिक महान और धनाढ्य हो गया… और जितनी वस्तुओं के देखने की मैंने लालसा की, उन सभों को देखने से मैं न रूका; मैंने अपना मन किसी प्रकार का आनन्द भोगने से न रोका क्योंकि मेरा मन मेरे सब परिश्रम के कारण आनन्दित हुआ; और मेरे सब परिश्रम से मुझे यही

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