इतिहास

ओशो का जीवन परिचय – Acharya Rajneesh Osho Biography in Hindi

Osho Ka jeevan Parichay : भारत में आज के समय ऐसे बहुत से आचार्य और संत हैं जिन्हे भारत वर्ष उनके अच्छे कार्यो की वजह से जानता हैं लेकिन कुछ ऐसे भी संत हैं जिन्हे लोग उनके विवादित कार्यो और वचनों की वजह से जानते हैं| ऐसे ही अपने विवादित बयानों और कार्यो के लिए मशहूर हैं संत ओशो जी| इन्हे लोग ज्यादातर इनकी कॉन्ट्रोवर्सी के लिए जानते हैं| जब तक वे जीवित रहे तब तक वे विवादों से घिरे रहे| आज इस पोस्ट में हम आपको संत ओशो का जीवन परिचय, ओशो बायोग्राफी इन हिंदी और ओशो रजनीश हिस्ट्री इन हिंदी के बारे में बताएंगे जिन्हे पढ़कर आपको उनके बारे में बहुत ही रोचक बाते पता चलेगी|

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Osho Rajneesh Biography In Hindi – Acharya Rajneesh in Hindi

संत ओशो का असली नाम श्री रजनीश जैन हैं|उन्हें सब लोग आचार्य रजनीश, भगवान श्री रजनीश, ओशो के नाम से भी जानते हैं| उनका जन्म 11 दिसंबर को 1931 मे हुआ था| उनका जन्म कुच्वाडा गाँव में हुआ जो की बरेली तहसील, रायसेन, भोपाल राज्य, ब्रिटिश भारत में था जो की आज के समय में मध्य प्रदेश हैं| उनके पिताजी का नाम श्री बाबूलाल और माता जी का नाम सरस्वती देवी था|

उनके कुल 11 भाई और बहन थी जिनमे से वे सबसे बड़े थे| वे जैन धर्म से वास्ता रखते थे| वे बहुत ही ऊंचे परिवार से नाता रखते थे| उनका अपने माता और पिता के साथ ज्यादा समय नहीं बीता| वे बचपन में ही अपने दादा और दादी के पास चले गए थे| उन्हें अपने दादा और दादी के प्रति बहुत प्रेम था| उनके पिताजी का कपड़ो का व्यवसाय था|

Osho Rajneesh History In Hindi

Osho Biography in Hindi

  • उनका जीवन शुरू से ही विवादित नहीं रहा|
  • उन्होंने अपनी पढ़ाई जबलपुर के हितकारिणी कॉलेज से की थी|
  • सन 1955 में रजनीश जैन ने डी. एन. जैन कॉलेज से बी.ए. में अपनी फिलोसोफी पूरी की |
  • वे पढाई में बहुत होशियार थे| वे एक दिन में तीन किताब पढ़ लेते थे| जो बात वो किताब में पढ़ते वो उन्हें मुहं जुबानी याद रहती|
    अपने छात्र जीवन से ही वे भाषण देने में बहुत ही शक्षम थे|
  • 1957 में जब वे 21 वर्ष के हुए तब उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ़ सागर से अपनी ऍम,ए में फिलोसोफी पूरी की |
  • ऍम.ए पूरी करने के बाद 1958 में वे जबलपुर यूनिवर्सिटी के लेक्चरर बने जिसके दो साल बाद उनकी काबिलियत के चलते उन्हें प्रोफेसर के पद पर प्रमोट कर दिए गया|

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Osho Ki Biography Hindi

osho rajneesh biography in hindi

  • आचार्य ओशो ने जब अपने प्रोफेसर के पद से इस्तीफा दिए तब से उनकी जीवन की नई शुरुवात हुई|
  • इसके बाद वे हर राज्य में जाकर आध्यात्मिक भाषण देने लगे जिसके बाद उनका नाम आचार्य ओशो रजनीश पड़ गया|
  • वे अपने भाषणों में समाजवाद और जातिवाद का पूर्ण रूप से विरोध करते थे|
  • अपने भाषणों में उन्होंने रूड़ीवादी भारतीए धर्म का विरोध किआ जिसकी वजह से उन की बहुत आलोचना हुई जिसकी वजह से उनकी अनुयाई की मात्रा बढ़ती गई|
  • उन्होंने अपने जीवन काल में गरीबो के हित में बहुत दान दिए हैं|
  • इसके बाद वे ध्यान शिविर भी बनाने लगे जिसमे वे 7 से 8 दिन तक मैडिटेशन थेरिपी देते थे और उसकी शिक्षा भी देने लगे|
  • वे भारत में ही नहीं बल्कि विदेश में भी जाकर अपने प्रवचन देने लगे|
  • 19 जनवरी, 1990 में महाराष्ट्र के पुणे में उनकी सेहत खराब होने की वजह से उनकी मृत्यु हो गई|

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