Oont Ke Bare Mein Rochak Jankari : ऊँट (Camel) एक रेगिस्तानी जानवर होता है जिसे की रेगिस्तान का जहाज भी कहा जाता है क्योकि उसके पैरो के तलवे इसी प्रकार के होते है की रेगिस्तान की रेत में आराम से दौड़ सकते है | इसके अलावा ऊँट में कुछ ऐसी अजीबो-गरीब रोचक बाते होती है जिसकी वजह से वह पूरी दुनिया में विश्व विख्यात होते है | अपने कई बार सुना भी होगा की ऊँट के मुंह में जीरा क्योकि ऊँट का साइज बहुत बड़ा होता है ऊँट की प्रजातियां पूरे विश्व भर में रेगिस्तानी एरिया में पायी जाती है | इसीलिए हम आपको ऊँट के बारे में कुछ महत्वपूर्ण और रोचक बाते बताते है जिसकी मदद से आप ऊँट की प्रजातियों के बारे में आसानी से जान सकते है |
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रेगिस्तान के जहाज ऊँट के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य
Registan Ke Jahaaj Oont Ke Bare Me mahatvpurna Tathya : ऊँट एक बेहतरीन जानवर होता है इसीलिए उसमे कई तरह के गुण पाए जाते है इसीलिए हम आपको ऊँट के बारे में जानकारी बताते है जिसके माध्यम से आप उनके बारे में बहुत कुछ जान सकते है :
- रेगिस्तान में पानी बहुत मुश्किलों से मिलता है इसीलिए ऊँट रेगिस्तान में अधिक समय तक रहते है क्योकि ऊँट बिना पानी के महीनो भर तक जी सकते है |
- ऊँट दो प्रजातियो में पाया जाता है जिसमे की कूबड़ वाली प्रजाति का ऊँट अरब में और दो कूबड़ वाले ऊँट पूर्वी एशिया में अधिकतर पाए जाते है |
- ऊँट की आयु सबसे अधिक 40 से 50 वर्ष तक होती है और सभी प्रजातियों के ऊँट लगभग इतने साल ही जीते है |
- एक ऊँट की औसत लम्बाई 7 फीट तक होती है जो की उसके कूबड़ तक होती है |
- रेगिस्तानी इलाको में ऊँट से ही अधिकतर बोझा ढोने का काम करवाया जाता है लेकिन आज के तकनिकी दौर में कई ऐसे यातायात के साधन है जो की रेगिस्तान एरिया में काम कर सकते है |
- रेगिस्तानी एरिया में अधिकतर गर्मी ही पड़ती है लेकिन जब पुरे देश में सर्दी का मौसम हो तब ऊँट बिना पानी के अधिक से अधिक दो महीने तक जीवित रह सकता है |
- ऊँट एक बार में सबसे अधिक पानी पीता है वह एक बार में लगभग 100 से 150 लीटर तक पानी पी सकता है |
- ऊँट पूरी दुनिया में एक ऐसा अकेला जानवर है जिसे की कभी पसीना नहीं आता उसकी मोटी चमड़ी सूर्य की किरणों को रिफ्लेक्ट करती है |
- ऊँट सबसे अधिक अरब में पाए जाते है इसीलिए अरब भाषा में ऊँटो के करीब 160 नाम होते है |
- ऊँट के सबसे अधिक 34 दांत पाए जाते है |
- ऊँट के कूबड़ में केवल चमड़ी होती है उसमे पानी की मात्रा बिलकुल भी नहीं पाया जाता इसीलिए उसकी कूबड़ उसे गर्मी से बचने में मदद करती है |
- ऊँट के तीन पलक होते है जिसकी वजह से वह रेगिस्तान में चलने वाली तेज़ धुल से अपनी रक्षा कर सकता है |
- ऊँट का मूत्र चाशनी की तरह गाढ़ा होता है |
- ऊँट के पैर चौड़े होने के कारणवश में रेत में रखते ही आसपास की सारी रेत को बिखेर देता है जिसकी वजह से वह रेत में आराम से चल पाता है |
- ऊँट रेत में भी 65 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ़्तार में चलने में सक्षम होता है जिसकी वजह से उसे रेगिस्तान की जहाः भी कहा जाता है |
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