कोट्स (Quotes)

इंदिरा गांधी के प्रेरणादायक विचार

Indira Gandhi Ke Prernadayak Vichar : इंदिरा गाँधी जी का जन्म 19 नवम्बर 1917 में हुआ था और इन्हे भारत देश की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री होने का गौरव प्राप्त है जो की भारत की चार बार प्रधान मंत्री रह चुकी है इनके बाद आज तक कोई भी महिला भारत की प्रधान मंत्री नहीं बनी | इनका नाम पुरे विश्व में प्रसिद्ध था इसी कारणवश इन्हे लौह महिला के नाम से भी ख्याति प्राप्त है | उनके राजनीतिक क्षेत्र में होने के कारणवश उन्होंने कई भाषण दिए और उन भाषणों में उन्होंने काफी प्रेरणादायक विचार रखे जो की हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है जाने क्या है वह विचार ?

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इंदिरा गांधी के राजनीतिक विचार

Indira Gandhi Ke Rajneetik Vichar : इंदिरा गाँधी जी एक बहुत बड़ी राजनीतिज्ञ थी जिन्हे पहली भारतीय महिला प्रधान मंत्री होने का गौरव प्राप्त है इसीलिए हम आपको उनके कुछ बेहतरीन विचार बताते है जिन विचारो की मदद से आप इनके बारे में बहुत कुछ जान सकते है :

मेरे दादा जी अक्सर मुझे यह कहा करते थे के इस संसार में दो प्रकार के लोग होते है। पहले वो जो काम करते हैं दुसरे वो यो बैठे-बैठे सब कुछ प्राप्त करना चाहते है और उन्होंने मुझे कहा था कि उन्हें पहले प्रकार के लोगों की तरह रहने की कोशिश करनी चाहिए क्योकि वहां बहुत कम प्रतिस्पर्धा है।

संतोष प्राप्ति में नहीं, बल्कि प्रयास में होता है। पूरा प्रयास पूर्ण विजय है।

उन मंत्रियों से सावधान रहना चाहिए, जो बिना पैसों के कुछ नहीं कर सकते और उनसे भी, जो पैसे लेकर कुछ भी करने की इच्‍छा रखते हैं।

शहादत कभी कुछ ख़त्म नहीं करती, ये तो बस एक शुरुआत है।

जब मैं सुर्यास्‍त पर आश्‍चर्य या चाँद की खुबसूर‍ती की प्रशंसा कर रही होती हूँ, उस समय मेरी आत्‍मा इन्‍हें बनाने वाले की पूजा कर रही होती है।

लोग अपने कर्तव्यो को तो भूल जाते है परन्तु अधिकारों को हमेशा याद रखते है।

मेरे दादा जी ने एक बार मुझसे कहा था कि दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं। वो जो काम करते हैं और वो जो श्रेय लेते हैं।उन्‍होंने मुझसे कहा था कि पहले समूह में रहने की कोशिश करो, वहां बहुत कम प्रतिस्‍पर्धा है

मेरे सभी खेल राजनीतिक खेल होते थे, मैं जोन ऑफ आर्क की तरह थी, मुझे हमेशा दांव पर लगा दिया जाता था।

क्षमा वीरों का विशेष गुण है।

अगर मैं एक हिंसक मौत मरती हूँ, जैसा कि कुछ लोग डर रहे हैं और कुछ षड़यंत्र कर रहे हैं, तो मुझे पता है कि हिंसा हत्‍यारों के विचार और कर्म में होगी, मेरे मरने में नहीं

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इंदिरा गांधी के राजनीतिक विचार

इंदिरा गांधी के भाषण

Indira Gandhi Ke Bhashan : प्रधानमंत्री होने के कारणवश उन्हें भाषण देने पड़ते थे जिन भाषणों की बदौलत उन्होंने कई ऐसे भाषण दिए जो की हम सबके लिए आज भी प्रेरणादायक होते है यदि आप उनके उद्धरण को जानना चाहते है तो इसके लिए आप नीचे बताई गयी जानकारी को पढ़ सकते है :

अगर मैं इस देश की सेवा करते हुए मर भी जाऊ तो मुझे मेरे मरने पर गर्व होगा। मेरे खून की हर एक बूँद इस राष्ट्र के विकास में और इस देश को गतिशील और मजबूत बनाने में योगदान करेगी।

देशों के बीच के शांति, व्‍यक्तियों के बीच प्‍यार की ठोस बुनियाद पर टिकी होती है।

इच्छा के बिना प्यार संभव नहीं है।

मेरे पिताजी एक राजनेता थे और मैं एक राजनैतिक महिला हूँ, मेरे पिताजी एक संत थे पर मैं संत नहीं हूँ।

प्रश्न पूछने का अधिकार मनुष्य प्रगति का मुख्य अधिकार है।

हमेंशा काम को करने के पक्ष में रहिये – चलिए अभी कुछ होते हुए देखते हैं । आप उस बड़ी योजना को छोटे -छोटे चरणों में बाँट सकते हैं और पहला कदम तुरंत ही उठा सकते हैं

क्रोध कभी बिना तर्क के नहीं होता लेकिन कभी-कभार ही एक अच्‍छे तर्क के साथ होता है।

कुछ करने में ही पूर्वाग्रह है- चलिए अभी कुछ होते हुए देखते हैं आप उस बड़ी योजना को छोटे -छोटे चरणों में बाँट सकते हैं और पहला कदम तुरंत ही उठा सकते हैं।

कभी भी किसी दीवार को तब तक ना गिराओ, जब तक आपको ये पता ना हो कि यह किस काम के लिए खड़ी की गई थी

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इंदिरा गाँधी के अनमोल विचार

Indira Gandhi Ke Anmol Vichar : इंदिरा प्रियदर्शिनी गाँधी जी द्वारा कहे गए वचनो से हमें उनके बारे में बहुत कुछ सीखने को मिलता है इसीलिए यदि आप कुछ सीखना चाहे तो इसके लिए हमने आपको कुछ बेहतरीन कोट्स बताये है जिन्हे आप जान सकते है :

यह कभी मत भूलों कि जब हम चुप हैं, तो हम एक हैं और जब हम बात करते हैं तो हम दो हैं।

कभी भी किसी दीवार को तब तक ना गिराओ, जब तक आपको ये पता ना हो कि यह किस काम के लिए खड़ी की गई थी।

आपको आराम के समय किर्याशील रहना चाहिए और आपको गतिविधि के समय स्थिर रहना सीख लेना चाहिए।

आप बंद मुट्ठी से कभी हाथ नहीं मिला सकते।

मेरे सभी खेल राजनैतिक होते थे ; मैं जोन ऑफ आर्क की तरह थी, मुझे हमेशा दांव पर लगा दिया जाता था

यदि मैं इस देश की सेवा करते हुए मर भी जाऊं, मुझे इसका गर्व होगा। मुझे पूरा विश्वास है कि मेरे खून का एक-एक कतरा राष्ट्र के विकास में योगदान और इसे सुदृढ़ और उर्जावान बनाएगा

भारत में कोई राजनेता इतना साहसी नहीं है कि वो लोगों को यह समझाने का प्रयास कर सके कि गायों को खाया जा सकता है

एक देश की ताकत अंततः इस बात में निहित है, कि वो खुद क्या कर सकता है, इसमें नहीं कि वो औरों से क्या उधार ले सकता है।

अपने आप को खोजने का सबसे अच्‍छा तरीका यह है कि आप अपने आप को दूसरों की सेवा और समर्पण में खो दें।

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